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साेजत में वितरित हाे रहा मटमैला व बदबूदार पानी

शहर में जलदाय विभाग की अाेर से नागरिकाें काे पीने के लिए वितरित हाेने वाला पानी का रंग मटमैला है। लाेगाें ने बताया कि प्रदूषित पानी के सेवन से बीमारियां फैलने की अाशंका है। यह स्थिति पिछले कई दिनाे से है। इसकाे लेकर लाेगाें ने जलदाय विभाग के अधिकारियाें के पास शिकायते भी भेजी, लेकिन काेई भी जिम्मेदार इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है। इस कारण से शहरवासियाें में राेष व्याप्त है। ग्रामीणाें ने इसके फाेटाे लेकर एसडीएम राजेश मेवाड़ा व एईएन केदारलाल गुप्ता काे भेजे। शहर में काेट का माेहल्ला, सेवगाें का बास, अाडा बाजार, जाैहरी बाजार, धानमंडी क्षेत्र में प्रमुख रूप से गंदे पानी के वितरण की समस्या है।

सिटी टैंक भी कचरे से अटा हुअा

शहर में पेयजल के लिए दिया जाने वाला पानी जवाई प्राेजेक्ट का राॅ वाॅटर पहले सिटी टैंक में एकत्रित किया जाता है। इसके अलावा धंधेडी ट्यूबवैल से जाे खारा पानी अाता है, उसे सिटी टैंक के पीछे स्थित फिल्टर प्लांट में भेजा जाता है। यहां मिक्स करके पानी शहर की टंकियाें में भेजते हैं, लेकिन फिल्टर प्लांट की मशीनरी खस्ता हालत में है। यहां चेम्बर में पानी साफ हाेता है, उसकी मिट्टी वर्षाें से नहीं बदली गई। क्लाेरिरेशन मशीन वर्षाें से खराब पडी है। केवल ब्लीचिंग व अलम डालकर खानापूर्ति कर ली जाती है।

मोदी सरकार का ऐतिहासिक फैसला, पंगु हुई धारा-370, जम्मू-कश्मीर से अलग हुआ लद्दाख

नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर पर बहुत बड़ा फैसला लिया है. गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने संकल्प राज्यसभा में पेश किया है. इसके अलावा राज्यसभा में अमित शाह ने राज्य पुनर्गठन विधेयक को पेश किया है. इसके तहत जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दिया गया है. लद्दाख को बिना विधानसभा केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है.

अमित शाह की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि लद्दाख के लोगों की लंबे समय से मांग रही है कि लद्दाख को केंद्र शासित राज्य का दर्ज दिया जाए, ताकि यहां रहने वाले लोग अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकें. अब लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है, लेकिन यहां विधानसभा नहीं होगी. रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर को अलग से केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है. देश की राजधानी दिल्ली की तरह जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगी.

 

बता दें कि पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने का प्रस्ताव पेश किया, उनके प्रस्ताव पेश करते ही सदन में विपक्षी नेता हंगामा करने लगे. अमित शाह की इस घोषणा के बाद ही राज्यसभा में इस मुद्दे पर जमकर हंगामा होने लगा. पीडीपी सांसद इस घोषणा के बाद ही कपड़े फाड़कर बैठ गए और हंगामा करने लगे. यही नहीं कांग्रेस, टीएमसी और डीएमके के सांसदों ने भी सरकार की इस घोषणा पर खूब हंगामा किया. कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि बीजेपी ने संविधान की हत्या की है.

संसद में अमित शाह ने कहा कि कश्मीर में ये गलत धारणा है कि अनुच्छेद-370 की वजह से कश्मीर भारत के साथ है. अमित शाह ने कहा कि कश्मीर भारत के विलय पत्र की वजह से है जिसपर 1947 में हस्ताक्षर किया गया था. गृह मंत्री ने कहा कि वोट बैंक की वजह से विगत दिनों में इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया, लेकिन हमारे पास इच्छा शक्ति है और हम वोट बैंक की परवाह नहीं करते हैं. अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद-370 को हटाने में अब एक सेकेंड की भी देरी नहीं करनी चाहिए. अमित शाह ने कहा कि वे इस मुद्दे पर डिबेट और बहस के लिए तैयार हैं.

कश्मीर में बड़ा एक्शन, आधी रात को उमर और महबूबा मुफ्ती किए गए नजरबंद

कश्मीर में बड़ा एक्शन, आधी रात को उमर और महबूबा मुफ्ती किए गए नजरबंद

जम्मू-कश्मीर पर हर किसी की नजर बनी हुई है. अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती के साथ-साथ राजनीतिक हलचल भी बढ़ रही है. ऐसे में सरकार कश्मीर पर क्या बड़ा फैसला ले सकती है, इसपर भी हर किसी की नज़र है. कश्मीर में लगातार बदलते हालात के बीच राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और एनसी नेता उमर अब्दुल्ला को श्रीनगर में नजरबंद किया गया है.

नजरबंद होने के बाद उमर अब्दुल्ला ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने ट्वीट किया कि हिंसा से केवल उन लोगों के हाथों में खेलेंगे जो राज्य की भलाई नहीं चाहते. शांति के साथ रहें और ईश्वर आप सभी के साथ रहें.

वहीं नजरबंद होने से पहले भी दोनों नेताओं ने कई ट्वीट किए. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि सुनने में आ रहा है कि जल्द ही इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया जाएगा. कर्फ्यू पास भी जारी किए जा रहे हैं. अल्लाह जाने क्या होगा. यह एक लंबी रात होने जा रही है.

महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट में लिखा कि ऐसे कठिन समय में, मैं अपने लोगों को यह विश्वास दिलाना चाहती हूं कि जो हो सकता है, हम इसमें एक साथ हों और इसका मुकाबला करेंगे. जो कुछ भी हमारा अधिकार है उसके प्रयास करने के लिए हमारे संकल्प को तोड़ा नहीं जा सकता. महबूबा मुफ्ती के इस ट्वीट को उमर अब्दुल्ला ने भी रिट्वीट किया है.

उमर अब्दुल्ला ने किया था नजरबंद होने का दावा

उमर अब्दुल्ला ने पहले ही नजरबंद होने का दावा कर दिया था. जिसके बाद उनके नजरबंद होने की चर्चा होने लगी थी. उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट में लिखा कि मुझे लगता है कि मुझे आज (रविवार) आधी रात से नजरबंद कर दिया जाएगा और सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के लिए भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. यह पता करने का कोई तरीका नहीं है कि क्या यह सच है.

उन्होंने लिखा कि कश्मीर के लोगों के लिए, हम नहीं जानते कि हमारे लिए क्या है, लेकिन मैं एक दृढ़ विश्वास रखता हूं कि सर्वशक्तिमान अल्लाह ने जो योजना बनाई है वह हमेशा बेहतर के लिए है, हमें कभी भी उसके तरीकों पर संदेह नहीं करना चाहिए. सभी को शुभकामनाएं, सुरक्षित और शांत रहें.

इससे पहले उन्होंने लिखा कि अगर राज्य सरकार के अधिकारियों की मानें तो मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. एक अनौपचारिक कर्फ्यू शुरू होने जा रहा है और मुख्यधारा के नेताओं को हिरासत में लिया जा रहा है. किस पर विश्वास करें कुछ समझ नहीं आ रहा है.

फारूक अब्दुल्ला के घर पर हुई बैठक

श्रीनगर में पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला घर पर सर्वदलीय बैठक हुई, जिसके बाद उन्होंने प्रेस को संबोधित किया. अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र सरकार के इस कदम से कश्मीर के लोग खौफ में हैं. अब से पहले कभी भी अमरनाथ यात्रा को रद्द नहीं किया गया. यह कश्मीर के लिए सबसे बुरा वक्त है. उन्होंने भारत और पाकिस्तान से अपील करते हुए कहा कि दोनों देश कोई ऐसा कदम न उठाएं, जिससे तनाव बढ़े.

स्पीड ड्राइविंग पर 5 हजार जुर्माना, कितना सख्त है नया मोटर व्हीकल कानून

कितना सख्त है नया मोटर व्हीकल कानून

सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए नया मोटर व्हीकल संशोधन बिल लोकसभा में पास होने के बाद राज्यसभा में पेश किया गया है. सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यातायात नियमों के उल्लंघन में जुर्माना ज्यादा होने पर लोगों में एक डर पैदा होगा, जिससे वो सड़कों पर सावधानी से गाड़ी चलाने की आदत डालेंगे.मसौदा कानून में वाहन पंजीकरण डेटा को केंद्रीकृत करने के लिए डिजिटाइज्ड लाइसेंस प्रणाली प्रस्तावित है. विधेयक वर्तमान कानून में गलत रोड डिजाइन करने, निर्माण और रखरखाव को लेकर ठेकेदारों पर जुर्माना लागू करने के लिए संशोधन की मांग करता है. दोषी ठेकेदारों के खिलाफ एक लाख रुपये का जुर्माना प्रस्तावित किया गया है.

संशोधित विधेयक बीते हफ्ते सांसदों के बीच वितरित किया गया था. लोकसभा में परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यह बिल राज्यसभा में पिछली बार पारित नहीं हो पाया था और इसी वजह से यह बिल फिर लाया गया है.उन्होंने कहा कि यह समवर्ती सूची का विषय है और राज्य सरकार को इस बिल में फेरबदल की आजादी होगी और हम राज्यों के अधिकार बिल्कुल नहीं लेना चाहते हैं. मंत्री ने कहा कि बिल पर चर्चा के समय जो भी सुझाव आएंगे उनके मुताबिक सुधार किया जाएगा. गडकरी ने कहा कि 18 राज्यों के परिवहन मंत्रियों ने इस बिल को मंजूरी दी है और ज्वाइंट कमेटी, स्टैंडिंग कमेटी ने भी बिल पर विचार किया है, इसके बाद बिल लाया गया है. दुनिया में सबसे आसानी से लाइसेंस भारत में ही मिलता है और यहां 30 फीसदी लाइसेंस बोगस हैं. मंत्री ने कहा कि यह मेरे विभाग की विफलता है और मैं इसे स्वीकार करता हूं. हम सिर्फ 4-5 फीसदी ही सड़क हादसे कम कर पाए हैं. लोकसभा में सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस बिल का मकसद रोड एक्सीडेंट में कमी लाकर लोगों के जीवन को महफूज बनाना है. उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं पर काबू पाने के लिए सरकार कड़े प्रावधान करने जा रही है.

 

बिल में नए प्रस्ताव

शराब पीकर गाड़ी चलाने पर जुर्माना 2000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये करने का प्रावधान है.

बिना हेलमेट गाड़ी चलाने पर 1,000 रुपये का जुर्माना और तीन महीने के लिए लाइसेंस जब्त करने का प्रावधान है. फिलहाल बिना हेलमेट गाड़ी चलाने पर जुर्माना केवल 100 रुपये वसूला जाता है.

वहीं बगैर लाइसेंस के ड्राइविंग करने पर जुर्माना 500 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये किया गया है.

स्पीड में गाड़ी चलाने पर जुर्माना 500 से बढ़ाकर 5,000 रुपये तक किया गया है.

सीट बेल्ट नहीं लगाने पर भी जुर्माना 100 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये करने का प्रस्ताव रखा गया है.

इसके अलावा मोबाइल फोन पर बात करते हुए ड्राइविंग करने पर जुर्माना 1000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये करने का प्रस्ताव है.

किसी आपातकालीन गाड़ी को रास्ता नहीं देने पर पहली बार 10,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया गया है

जयपुर से ट्रेन में बैठ कर सोजत रोड पहुंचे बालक को परिजनों को सौंपा

सोजत रोड | जयपुर में परिवार से किसी बात पर नाराज होकर एक 12 वर्षीय बालक जयपुर-अहमदाबाद पैसेंजर ट्रेन से सोमवार दोपहर 3 बजे सोजत रोड रेलवे स्टेशन पर पहुंच गया। रेलवे सुरक्षा बल के एसआई सियाराम मीणा ने बताया कि प्रियांशु शर्मा पुत्र श्रवण शर्मा निवासी जयपुर रेडियो मार्केट अजमेरी गेट के पास घर से निकल गया था। प्लेटफॉर्म पर इधर-उधर अकेले बालक को घूमते देख कर कांस्टेबल मनजीतसिंह व जयप्रकाश ने उससे पूछताछ की। बालक से घर के मोबाइल नंबर लेकर उसके पिताजी से बात की। इस पर जोधपुर से बालक के मामा मुरली शर्मा व नाना मदनलाल देर शाम को सोजत रोड पहुंचे।