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सोजत सिटी में मेवाड़ा समाज का 45 वां सामूहिक विवाह सम्मेलन 12 नवंबर को

अखिलराजस्थान क्षत्रिय मेवाड़ा कलाल समाज का 45 वां सामूहिक विवाह सम्मेलन 12 नवंबर को शहर के सिरे सिनेमा के सामने स्थित सोनराजजी मैदान में आयोजित किया जाएगा। सम्मेलन में मेवाड़ा समाज के 43 नवयुगल परिणय सूत्र में बंधेंगे।

आयोजन समिति के अध्यक्ष महेंद्रसिंह चौहान रोहट कोषाध्यक्ष दिनेश मेवाड़ा सोजत ने बताया कि इस मांगलिक आयोजन के तहत 12 नवंबर को सुबह 7 बजे बारातों का आगमन होगा। सवा नौ बजे सामूहिक निकासी निकाली जाएगी दोपहर 10ः 15 बजे पाणिग्रहण संस्कार संपन्न होंगे तथा दोपहर 2 बजे आशीर्वाद समारोह आयोजित किया जाएगा। जिसमें केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपदयशो नायक मुख्य अतिथि होंगे।

अब 4 हजार रुपए दैनिक मानदेय पर अस्पतालों में लगाएंगे विशेषज्ञ डॉक्टर

जिले के सेवारत 241 डॉक्टरों के इस्तीफे के बाद ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में अब ज्यादा व्यवस्थाएं बिगड़ने लगी हैं। हालांकि सरकार ने वहां भी आयुष चिकित्सकों के अवकाश रद्द कर उन्हें वहां लगाया है। लेकिन इमरजेंसी गंभीर मरीजों को उपचार नहीं मिल रहा इधर, सरकार ने एक आदेश जारी कर अस्पतालों में अस्थाई तौर पर एमबीबीएस विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवाएं दैनिक मानदेय पर लेने के आदेश दिए हैं। इस आदेश से भी गांवों में डाॅक्टर मिलना मुश्किल है। ग्रामीण क्षेत्रों में नीम-हकीम बंगाली डॉक्टर फिर से सक्रिय हो गए हैं। हड़ताल के चलते ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को ज्यादा परेशानी देखनी पड़ रही है। ऐसे में गंभीर मरीजों तक का इलाज बिना डिग्री अनुभव के नीम-हकीम कर रहे हैं। बाली उपखंड के आदिवासी क्षेत्रों में इनका बड़ा नेटवर्क खड़ा हो गया है। उपचार के नाम पर 300 से 400 रुपए तक वसूले जा रहे हैं। इलाज के लिए भी उनकी दुकानों पर लंबी लाइनें लगी हुई हैं।

इधर,हड़ताल के बाद भी अभियान के तहत 2 हजार गर्भवती महिलाओं की जांच : हड़तालके बाद भी गुरुवार को जिले में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत 2 हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच कर परामर्श दिया गया। सीएमएचओ डॉ. एसएस शेखावत ने बताया कि अभियान के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई थी। 94 आयुष कर्मियों ने मरीजों के साथ ही गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य जांच की। इसमें निजी अस्पताल के विशेषज्ञों ने भी सहयोग किया। बांगड़ समेत जिले के सभी चिकित्सा संस्थानों में 2 हजार 379 गर्भवती महिलाओं की जांच की।

व्यवस्था संभालने 3 हजार प्रतिदिन मानदेय पर एमबीबीएस 4 हजार में विशेषज्ञ डॉक्टर लगाने के आदेश

सेवारतचिकित्सकों की हड़ताल को देखते हुए बांगड़ अस्पताल में सरकार ने 3 इंटर्न भेजे हैं। हालांकि अस्पताल की ओर से 5 की मांग की गई थी। तीनों ने गुरुवार को ज्वाइन कर लिया है। वहीं निदेशालय की ओर आदेश जारी किए गए हैं कि जिले के अस्पतालों में 3 से 4 हजार रुपए प्रतिदिन मानदेय पर अस्थाई विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवा ली जाए। एमबीबीएस डॉक्टर को 3 हजार रुपए प्रतिदिन, विशेषज्ञ को 4 हजार रुपए और इमरजेंसी में रात को कॉल पर आने के लिए डॉक्टर को 700 रुपए मिलेंगे।

इधर, बांगड़ में थोड़ी राहत {इंटर्नशिपकर रहे तीन डॉक्टर आए, मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ समेत अब 19 डॉक्टर संभालेंगे व्यवस्था, सभी के अवकाश भी निरस्त।

आयुष चिकित्सकों के भरोसे अस्पताल {ज्यादातर मरीज इमरजेंसी में तत्काल राहत के लिए मांग रहे एलोपैथी उपचार, मिल रही आयुर्वेद होम्योपैथी दवाइयां।

फायदा उठा रहे नीम हकीम, गांवों में वापस सक्रिय {ग्रामीण क्षेत्रों में पीएचसी सीएचसी स्तर पर भी अस्पतालों में डॉक्टर नहीं होने के कारण ग्रामीण वापस नीम-हकीमों के पास जाने को मजबूर हैं।

सोजत अस्पताल से सीजेरियन प्रसव के लिए रेफर

सोजतउपजिला अस्पताल में पांच अतिरिक्त डॉक्टर लगाए हैं। लेकिन, प्रतिदिन यहां अस्पताल से सीजेरियन प्रसव के तीन से चार मामले बांगड़ अस्पताल में रैफर करने पड़ रहे हैं। वहीं प्रतिदिन होने वाले करीब 4 ऑपरेशन भी टाले जा रहे हैं।

बांगड़ में चार दिन से सोनोग्राफी और ऑर्थोपेडिक ओपीडी बंद

हड़तालके चलते बांगड़ अस्पताल में चार दिन से सोनोग्राफी सेंटर समेत ऑर्थोपेडिक ओपीडी बंद है। अस्पताल प्रशासन की मानें तो इन दोनों के विशेषज्ञ नहीं होने की वजह से मरीजों को रेफर करना पड़ रहा है। वहीं गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी के लिए भी उन्हें निजी सेंटर भेज रहे हैं।

सोजत बस स्टैंड पर लड़खड़ाई यातायात व्यवस्था, गंदगी भी पसरी

सोजत | शहरका बस स्टैंड पिछले कई दिनो से बेतरतीब ढंग से खड़े दुपहिया वाहनो अन्य लोडिंग वाहनो के साथ दुकानदारों द्वारा किए जा रहे अतिक्रमण के कारण सिकुड़ता जा रहा हैं। इसके अलावा बस स्टैंड पर बेसहारा पशुओं का जमावड़ा भी रहता है, इससे मुसाफिरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं। लेकिन यातायात पुलिस और नगर पालिका इस बारे में जरा सी भी गंभीरता नहीं दिखा रही और बस स्टैंड पर दिन दिन बिगड़ती यातायात व्यवस्था के कारण नागरिकों में गहरा रोष व्याप्त हैं।

पालीरूट पर लगा रहता हैं दुपहिया वाहनों का जमावड़ा : बसस्टैंड पर पाली, फालना, सिरोही, आबूरोड़, अहमदाबाद, जालौर, भीनमाल की तरफ जाने वाली गाडिय़ों के स्टैंड पर दुपहिया वाहन चालकों द्वारा दर्जनों की संख्या में मोटर साइकिलें खड़ी कर देने के कारण चालक को सड़क के बीचो बीच बस को खड़ी करनी पड़ती हैं। इसके अलावा बाइकों के कारण मुसाफिरों को खड़े रहने की भी जगह नहीं मिलती और वह हाथ में सामान का बोझ लेकर परेशान होते हैं और जब भी गाड़ी आती हैं तो बस के दरवाजे के बाहर यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ने लगती हैं, यहां पर पर्याप्त स्थान के अभाव में उतरने वाले यात्रियों को भी बहुत कठिनाई झेलनी पड़ती हैं। इसके अलावा कई बार कार जीपें भी आकर खड़ी हो जाती हैं, इससे भी यहां काफी संकरापन जाता हैं।

बाइक चालकों को करेंगे पाबंद

^बसस्टैंड पर यातायात पुलिस की और से लगातार ट्रैफिक को लेकर मॉनीटरिंग की जाती हैं, बाइक चालकों को गाड़ी सही जगह पर पार्क करने के लिए समझाते हैं, फिर भी कई बार वे गलत तरीके से बाइक को पार्क कर देते हैं। इससे रोडवेज के खड़े रहने की जगह नहीं रहती। वाहन चालकों को पाबंद किया जाएगा। तेजारामसीरवी, यातायात प्रभारी, सोजत

बस स्टैंड पर पिछले कई दिनो से प्राईवेट बसो के स्टैंड के पीछे की और गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। यहां पर यात्रियों द्वारा फेंके गए कचरे के साथ आस पास के स्थानों का भी कचरा डाल दिया जाता हैं, जिससे पूरे बस स्टैंड में बदबू आती रहती हैं। नगर पालिका द्वारा इस बारे में गंभीरता नहीं दिखाने के कारण यह कचरा कई दिनो तक पड़ रह कर सड़ने लग जाता हैं, ऐसे में वहां पर मुसाफिरों का खड़े रहना भारी हो जाता हैं, इसके अलावा पूरे बस स्टैंड परिसर में आए दिन मवेशी घूमते रहते हैं और कई बार अपने आपसी संघर्ष के दौरान मुसाफिरों को चोटिल कर चुके हैं।

जैतारण अस्पताल में टेलीमेडिसिन से मरीजों का इलाज करवा रहे नर्सिंगकर्मी

अस्पतालों में आपातकाल-ऑपरेशन थियेटर और सोनोग्राफी केंद्रों सहित शहरी पीएचसी पर भी ताले

सोजत उप जिला अस्पताल में व्यवस्थाएं बेपटरी
अखिलराजस्थान सेवारत संघ से जुड़े जिले के 241 डॉक्टर के इस्तीफे के बाद मंगलवार को दूसरे दिन भी ड्यूटी पर नहीं लौटने से अस्पतालों में हालात सामान्य नहीं हो पाए। हालात यह है कि ऑपरेशन थियेटर और सोनोग्राफी सेंटर समेत शहरी पीएचसी पर ताले लगे हैं। सेवारत संघ से जुड़े सभी चिकित्सकों ने अपनी मांगें पूरी नहीं होने पर राज्य सरकार को सामूहिक इस्तीफा देकर सोमवार से भूमिगत हो गए थे। इसके बाद से बांगड़ अस्पताल और सोजत उपजिला अस्पताल समेत सीएचसी पीएचसी पर चिकित्सा व्यवस्था बिगड़ गई थी। बांगड़ में जहां दो दिनों से पीएमओ समेत मेडिकल कॉलेज के 16 विशेषज्ञ सेवाएं दे रहे हैं, वहीं सोजत उपजिला अस्पताल में दो सेवानिवृत्त और दो आयुष चिकित्सकों को लगाया गया, यहां भी पीएमओ मरीजों को देख रही है। इसके अलावा दूसरे दिन भी ऑपरेशन और सोनोग्राफी सेंटर समेत शहरी पीएचसी पर ताले लगे रहे। इधर, हड़ताल के चलते दूसरे दिन बांगड़ अस्पताल में 950 के करीब मरीज ही इलाज के लिए पहुंचे।

आईएमए ने समर्थन में सौंपा ज्ञापन

प्रदेशसमेत जिले में सेवारत चिकित्सकों के समर्थन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डॉक्टर भी गए हैं। इसको लेकर मंगलवार को आईएमए अध्यक्ष डॉ. एमएस लोढ़ा महासचिव डॉ. प्रवीण गर्ग के नेतृत्व में आईएमए समेत मेडिकल टीचर एसोसिएशन की ओर से कलेक्टर को चिकित्सा मंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि सेवारत चिकित्सकों की ओर से जो मांगें उठाई जा रही है उन्हें समय रहते पूरा किया जाए। इस अवसर पर डॉ. एमएस राजपुरोहित, डॉ. एनके बाहेती, डॉ. रमेश टिलवानी, डॉ. रोशनलाल जैन, डॉ. राजेंद्र सिंघवी, डॉ. विपुल नागर, डॉ. एसी जैन और डॉ. एमएल सोनी भी मौजूद थे।

पाली. बांगड़ अस्पताल में बंद पड़ा सोनोग्राफी सेंटर।

^अस्पताल में टेलीमेडिसीन के जरिए जयपुर में बैठे विशेषज्ञों से परामर्श लिया जा रहा है। गंभीर मरीजों को यह विशेषज्ञ देख वहीं से दवाइयां भी लिख रहे हैं। -प्रकाश सोलंकी, मेलनर्सद्वितीय, सीएचसी, जैतारण

दो दिन में चार गंभीर मरीजों को जयपुर से विशेषज्ञों ने दिया परामर्श

इनदो दिनों पर सेंटर पर करीब चार गंभीर मरीज सीएचसी पर पहुंचे थे। इनमें से तुलसी देवी को टेलीमेडिसन सेंटर पर जयपुर से गेस्ट्रोलॉजिस्ट डॉ. मुनीष के. कंकर से परामर्श दिलाया, वहीं सारा पुत्री सिकंदर खान, मदनसिंह और रजत कुमार को डॉ. जीएन सक्सेना से परामर्श दिला मरीजों का इलाज किया गया।

पानी पीने के दौरान वृद्घ का फिसला पैर, लोटे की किनारा घुसी गले में

 

सोजत | समीपवर्ती थरासनी गांव में सोमवार को पानी पीते समय एक वृद्घ का पैर फिसल जाने से वह लोटे सहित जमीन पर गिर गया, लोटे की का किनारा धारदार होने के कारण उसके गले को काटती हुई जीभ तक जा पहुंची और कुछ ही देर में उसका मुहं लहुलुहान हो गया। जिसे तुरंत उपचार के लिए सोजत राजकीय चिकित्सालय लाया गया, लेकिन यहां पर भी डॉक्टरों की हड़ताल होने के कारण उपस्थित नर्सिंग कार्मिकों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे हायर सेन्टर पर रैफर कर दिया। प्राप्त जानकार के अनुसार थरासनी गांव के भवानीसिंह राजपूत 60 जो सोमवार सुबह पानी पी रहे थे, इस दौरान संभवत: उनका संतुलन बिगड़ जाने या चक्कर आने के कारण वे धड़ाम से मुंह के बल गिर गए। इस दौरान लोटा गले के नीचे आने के कारण, उसकी नुकीली किनोर गर्दन को चीरती हुई जीभ तक जा पहुंची। घरवालों को जैसे ही उनके गिरने की आवाज आई तो वे तुरंत दौड़ कर भागे और वृद्घ को संभाला, जब वृद्घ के गले से खून अत्यधिक बहने लगा, तब घरवाले उसे उपचार के लिए सोजत अस्पताल लाए, जहां नर्सिंग कर्मचारियों द्वारा प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें हायर सेन्टर के लिए रैफर कर दिया गया।