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हड़ताल पर रहने के बाद भी जो डॉक्टर घर पर देख रहे थे मरीज, हाइकोर्ट के आदेश के बाद वे भी भूमिगत

सोजत के दो डॉक्टर, ट्रेनिंग पूरी होते ही बिना सूचना के गए हड़ताल पर

सरकारीअस्पतालों में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर उतरकर अपने घरों पर ही मरीजों को देखने वाले डॉक्टर भी अब हाईकोर्ट के सख्त आदेश के बाद भूमिगत हो गए हैं। उनके मोबाइल भी स्विच ऑफ है तथा घर पर भी ताला लगा दिया गया है। इधर, बांगड़ अस्पताल में पिछले आठ दिनों में 5 डॉक्टर काम छोड़ हड़ताल के समर्थन में चले गए। वहीं सोजत उपजिला अस्पताल में भी दो दिनों में तीन डॉक्टर काम छोड़ गए है और अब केवल 200 की ओपीडी में दो ही डॉक्टर मरीजों को देख इलाज कर रहे हैं। अखिल राजस्थान राज्य सेवारत संघ से जुड़े डॉक्टर आठ दिनों से लगातार सामूहिक अवकाश पर है। इसको लेकर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए सोमवार को गिरफ्तारी के आदेश जारी किए थे। इसके चलते बांगड़ अस्पताल के कुछ डॉक्टर हड़ताल का समर्थन करते हुए अवकाश पर चल रहे थे लेकिन घर पर मरीजों को देख रहे थे वे डॉक्टर सोमवार सुबह से ही भूमिगत हो गए। अब इनकी गिरफ्तारी को लेकर टीमें गठित कर मुखबिरों से चिकित्सकों के ठिकानों की जानकारी जुटा उन्हें गिरफ्तार करने की तैयारी की जा रही है।

बांगड़में चार दिनों से ऑपरेशन नहीं, हड्डी ओपीडी बंद, आठ दिनों में 5 डॉक्टर गए

बांगड़में अब हालात बिगड़ने लगे हैं। अस्पताल के 11 में से केवल 6 डॉक्टर ही ऐसे बचे हैं जो कार्यरत है बाकी 5 डॉक्टर आठ दिनों में संघ के समर्थन में उतरे। ऐसे में चार दिनों से ऑपरेशन भी बंद पड़े हैं वहीं 50 से अधिक की हड्डी ओपीडी भी पूरी तरह से बंद पड़ी है।

सोजत उपजिला अस्पताल में 5 डॉक्टर कार्यरत थे। इनमें से दो तो ट्रेनिंग में गए थे और तीन अस्पताल में व्यवस्थाएं संभाल रहे थे। सोमवार को ट्रेनिंग में से लौटते ही वे भी बिना सूचना के हड़ताल पर चले गए। इसके साथ एक अन्य डॉक्टर रविवार से ही सेवारत संघ के समर्थन में अवकाश पर चल रहे हैं। ऐसे में 200 की ओपीडी केवल 2 डॉक्टर के भरोसे ही है। इनमें से भी एक स्त्री रोग विशेषज्ञ अन्य हड्डी रोग विशेषज्ञ है।

घर पर ताला लगाकर गायब हो गए, मेडिकल स्टोर संचालक को मैसेज: नहीं देखेंगे मरीज

गिरफ्तारीके आदेश जारी होते ही डॉक्टर्स जो घर पर मरीजों को देख रहे थे उन्होंने मोबाइल स्विच ऑफ करने के साथ ही घर पर ताला लगा पाली छोड़ चले गए है। जिन मरीजों को शाम का अपॉइंटमेंट दे रखा था उनके लिए भी मेडिकल स्टोर संचालकों को यह मैसेज देकर गए है कि कुछ दिनों के लिए डॉक्टर साहब मरीजों को नहीं देखेंगे।

VISUAL ने लौंच की सोजत की पहली मैगजीन “VISUAL CITY “

सोजत | धमाके दार प्रस्तुतियों के साथ VISUAL INSTITUTE ने लौंच की सोजत की पहली मैगजीन  “VISUAL CITY ” सोजत का जाना माना इंस्टिट्यूट विसुअल के ANNUAL FUNCTION & PRIZE DISTRIBUTION CEREMONY में आज सोमवार 25 दिसम्बर 2017  को सोजत की पहली मैगजीन  “VISUAL CITY ” को लौंच किया गया |

साथ ही प्रतिभाओ को सम्मानित किया गया तथा विद्यार्थियों ने नाच  , गाना , संगीत , व् ड्रामो  से सब का मन मोह लिया | इस प्रोग्राम में विसिस्ट नागरिको ने अपनी उपस्थिति दी तथा प्रोग्राम को खूब सहराया |

कांस्टेबल भर्ती परीक्षा आवेदन भरने की अंतिम तिथि अब 15 जनवरी

 
सोजत | पुलिसविभाग ने कांस्टेबल भर्ती के लिए आवेदन भरने की तिथि शनिवार को बढ़ा दी है। अभ्यर्थी 15 जनवरी तक आवेदन भर सकेंगे। पुलिस मुख्यालय द्वारा 5390 कांस्टेबल पदों के लिए भर्ती की जा रही है। आवेदन भरने की अंतिम तिथि 25 दिसंबर थी। लेकिन पुलिस मुख्यालय ने अंतिम तिथि अब 15 जनवरी कर दी है। आईडी पुलिस मुख्यालय संजीब कुमार नार्जरी ने बताया कि अंतिम तिथि बढ़ाने के साथी इंटेलीजेंस के सामान्य वर्ग के 73 पदों चालक के तीन पदों को समाप्त कर दिया गया। जिन अभ्यार्थियों ने इसके लिए आवेदन किया था। वे अब दूसरे जिला या यूनिट के लिए संशोधित आवेदन कर सकेंगे। इसके लिए वापस शुल्क जमा नहीं होगा।

सैंटा बने धोनी, जीत के बाद टीम इंडिया की क्रिसमस पार्टी

श्रीलंका के खिलाफ तीसरे और निर्णायक टी-20 मैच में भारत ने 5 विकेट से जीत दर्ज की. जीत के बाद अवॉर्ड सेरेमनी में टीम के खिलाड़ी सैंटा क्लॉज के जैसी टोपी में नजर आए.विनिंग ट्रॉफी को अपने हाथों में पकड़ने का मौका टीम के सबसे युवा और आज अपना डेब्यू मैच खेलने उतरे वॉशिंगटन सुंदर को दिया गया. ट्रॉफी के साथ सुंदर के चेहरे की खुशी साफ देखी जा सकती है.

सीरीज में शानदार प्रदर्शन करने वाले के एल राहुल भी सेल्फी लेने वालों में आगे रहे. उनके साथ चहल, पंड्या और कुलदीप, सिराज कैमरे में कैद होते देखे गए.जीत का जश्न मनाते हुए टीम इंडिया के युवा खिलाड़ियों ने अपने सीनियर एम एस धोनी को सैंटा जैसी दाढ़ी वाली कैप पहना दी, जिसके बाद सभी खिलाड़ियों ने उनका साथ सेल्फी खिंचवाई.टीम इंडिया में युवा और वरिष्ठ खिलाड़ियों का अद्भुत तालमेल है. ये सामंजस्य न सिर्फ मैदान के अंदर बल्कि बाहर भी दिखता है. सैंटा बने धोनी के साथ भी युवा खिलाड़ी कुलदीप और पंड्या मजाक करते दिखे.

अपनी स्टाइल के लिए चर्चा में रहने वाले पंड्या ने भी मोबाइल के कैमरे पर अपने हाथ आजमाए. पंड्या के कैमरे में कैद होने के लिए सैंटा की टोपी पहने मनीष पांडे, चहल और पीछे खड़े धोनी में होड़ लग गई.

डाक्टरों की मानवताविहिन..अपने छोटे से लालच के लिये हडताल की तरह अगर पुलिस फोर्स ने भी हडताल की तो किया होगा ? जरुर पढ़े ..

   

(हडताल)..

कल रात मुझे एक सपना आया.. कि.मेरी पोस्टींग…… शहर कोतवाली मे एक….. एस.आई.के रूप मे होगई है…….मेरी पोस्टींग के …कुछ दिनो बाद डाक्टरों ने पहली बार इस तरहा की मानवताविहिन… हडताल की ..जिसकी वजह से कई मासुमो को अपनी जान से हाथ धोना पडा.. प्रदेश मे चल रही डाक्टरों की हडताल कुछ दिनो बाद खत्म हो गई …सरकार ने डाक्टरों की सभी मांगे मान ली है ….सब कुछ पहले की तरहा सुचारू होगया ….था मेरे घर के नजदीक मेरे शहर के सबसे बडे और प्रतिष्ठित सरकारी डाक्टर का घर था…….डाक्टर सहाब के दो जवान बेटीया व पत्नी थी …जो डाक्टर सहाब के साथ उसी घर मे रहती थी …बेटीया व पत्नी तीनो ही बहुत सुन्दर थी… हमारे मोहल्ले के कुछ अपराधी प्रवृति के लडके हमेशा उन तीनो को भूखे भेडियो की तरहा घुरते रहते थे ………….लेकिन कानून के डर की वजह से वह उनका कुछ नही कर पा रहे थे ……….अचानक कुछ दिनो बाद पुलिस फोर्स ने भी सरकार से कुछ मांगो को लेकर हडताल कर दी है ….वेसे तो पुलिस फोर्स मे कभी हडताल नही होती……….. लेकिन ….फोर्स ने सोचा की जब डाक्टर जितनी जिम्मेदार पोस्ट के लोग अपने छोटे से लालच के लिये हडताल जैसा कदम उठा सकते है ….तो …पुलिस फोर्स क्यो नही हडताल कर सकती यही सोच कर सब हडताल …पर चले गऐ. पुलिस के हडताल पर जाते ही हर तरफ अपराध का बोलबाल ….हर तरफ लुट खसोठ छिनाझपठी का माहोल ….बन गया ….मे भी थाने से अपने घर के लिये यह सोच कर निकला की दो चार दिन तक आराम करूगा …..यही सोच कर अपने घर की और पेदल ही निकल पडा….. अचानक मेरे कानो मे किसी के चिखने पुकारने की आवाज आई ….यह आवाज मेरे पडोस मे रहने वाले डाक्टर सहाब के घर से आ रही थी ….मे जब वहा दोड कर पहुचां तो मेरे होश ऊड गऐ …..डाक्टर सहाब एक कुर्सी पर लहु लुहान पडे हुऐ …..उनकी दोनो बेटीया ओर पत्नी की इज्जत को लुटने के लिये कुछ भूखे भेडिये आतुर थे……जिन्होने उनके बदन से सभी कपडे भी एक हबसी की तरहा फाड दिये थे….वो मासुम बच्चीयो ने मुझे देखकर जोर से आवाज लगाई…..अंकल हमे इन शैतानो से बचा लो …हम आपके हाथ जोडते है..यह सब देख..कर मेरी आखों …मे लहू उतर आया ….लेकिन मुझे देखकर वो गुंडे बहुत तेज हंसने लगे ….और हं सते . हुऐ कहने लगे की यह ….इन्सपेक्टर तुम्हारी कुछ मदद नही कर सकता …. यह भी तुम्हारे पापा की तरहा आज हडताल पर है ….और जब तक इनकी मांगे सरकार नही मानेगी तब तक यह अपनी हडताल नही तोडगे ….समझी …..उस अपराधी की बात जैसे ही मेरे कानो मे गई मेरे मदद के बडे कदम रूक गऐ ….और मुझे याद आया की हम तो हडताल पर है…..\n लेकिन एक बार फिर उस मासुम बच्ची की आवाज मेरे दिल तक पहुची और दिल ने कहा की हमारी …..मांगे और आवश्यकता तो हमेशा यूंही बनी रहेगी…लेकिन मेरी गैर जिम्मेदारी …और अपने कर्तव्य से मुहं मोड ….लिया …तो तीन मासुमो की जिन्दगिया ….नरक हो जाऍगी ………इस कशमकश…मेरा हाथ कब मेरी सर्विस रिवालवर पर चला गया ….मेने…लगातार उन दरिंदो पर फायर किये …जिसकी वजह से दो दरिंदे वही ढेर हो गऐ और बाकी के चार मोका देखकर फरार ….होगऐ….उन …तीनो मासुमो ने भरी आंखो से और हाथ जोड कर मेरा ….आभार व्यक्त किया…. में ….वहा से वापस अपने थाने पर अपनी डूयुटी पर आ गया ….मेरे साथीयो ….ने हडताल ….के बारे मे मुझसे कहा …..तो ….मेने ….कहा की कुछ पेशे ……शायद पेसा कमाने के लिये नही ……सिर्फ ….और ….सिर्फ ….सेवा के लिये होते……चाहै …..वो सेना की नोकरी बोडर पर खडे होकर देश की रक्षा करना हो …..या ….डाक्टर की नोकरी …..जो …मरीज को मोत के मुह से निकाल लाता है…..डाक्टरों …..की ..हडताल से…….किसी का इकलोता बेटा….या ..बेटी…..या ….किसी मां बाप….या किसी मासुम ….की …जान जा सकती है ….इन लोगो की हडताल मे इन सब निर्दोष लोगो का क्या दोष…….है……………..सियाचिन की बोडर पर कपकपाती ठंड मे खडा वो सेनिक पैसा कमाने के लिये नोकरी नही कर रहा …..वो इस लिये नोकरी कर रहा है ताकि उसके त्याग से उसके देश के और भाई …बहन शुकुन से रह सके …सेवा का और देशभक्ति का भाव उसके मन मे है………दोस्तो अगर यह कहानी आपको पंसद आऐ तो आगे जरुर शेयर करे …..ताकि हमारे समाज के सम्माननीय व जिम्मेदार हमारे सरकारी डाक्टर अपनी जिम्मेदारी को समझते हुऍ …अपने अपने कर्तव्य का निर्वाह करे …क्योकि इस देश की जनता आपके अन्दर ईश्वर को देखती है……….जय हिन्द …..जय भारत