सिटी होम का आवास मेला मारवाड़ जंक्शन में आज से
भारतीय रिजर्व बैंक का फोकस अब चलन में छोटी वैल्यू वाले नोटों की संख्या बढ़ाना है. इसी दिशा में उसने बैंकों से कहा है कि वे ATM को 200 रुपये के नये नोटों के लिए तैयार करें.
रिपोर्ट्स की मानें तो इस काम में बैंकों के 110 करोड़ रुपये खर्च होंगे. बैंकों को देशभर में फैली 2.2 लाख से ज्यादा एटीएम को तैयार (रिकैलिबरेट) करना होगा. बैंकों को प्रति एटीएम 5000 रुपये खर्च करने होंगे.
दरअसल आपके हाथों तक 200 रुपये का नया नोट पहुंचाने के लिए बैंकों को एटीएम में काफी बदलाव करना होगा. इस बदलाव का प्रमुख उद्देश्य 200 रुपये के नये आकार के लिए इसे तैयार करना होगा.इसके लिए एटीएम में स्पेसर्स इंस्टॉल करने होंगे. इकोनॉमिक टाइम्स ने एक बैंकर के हवाले से लिखा है कि इसमें 5 से 6 महीनों का समय लग सकता है.
चलन में नोटों की संख्या नोटबंदी के बाद 95 फीसदी पर पहुंच गई है. चलन में छोटे नोटों की कमी को लेकर समीक्षक और लोग आलोचना भी कर चुके हैं. आरबीआई सिर्फ 200 रुपये के नोट नहीं, बल्कि 10 रुपये के नये नोट भी लाने की तैयारी कर रहा है. ऐसी खबर है कि आरबीआई ने 1 अरब 10 रुपये के नोट प्रिंट भी कर दिए हैं.
रिपोर्ट्स की मानें तो 10 रुपये का नया नोट ब्राउन चॉकलेटी रंग का होगा. इस नोट पर कोनार्क सन मंदिर का चित्र होगा. यह नोट महात्मा गांधी सीरीज के तहत लाया जाएगा. भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले साल अगस्त में ही 50 और 200 रुपये के नये नोट इस सीरीज के तहत जारी किए थे.
जोधपुरिया गेट के बाहर सुखडी नदी के पास लगे कूड़े के ढेर में एक बार फिर आग लग गयी जिस के चलते नगर पालिका सोजत मिनी फायर ब्रिगेड व् सांखला वाटर सप्लायर्स के टेंकर द्वारा पिछले 1 घंटे के बाद आग पर काबू , पिछले कई दिनों से इसी कूड़े के ढेर में आग लगती रहती हैं लेकिन अभी तक बार बार एक ही स्थान पर आग लगने का कारण स्पष्ट नही हो पा रहा हैं वही दूसरी और नगर पालिका सोजत की बड़ी फायर ब्रिगेड लम्बे समय से खराब पड़ी हैं जिस के कारण आग पर काबू समय पर नही हो पाता व् आग बुजाने के बाद कूड़े में प्लास्टिक होने की वजह से आग फिर से भड़क जाती हैं |
पिछले 1 घंटे से मिनी फायर ब्रिगेड व् सांखला वाटर सप्लायर्स के टेंकर आग पर काबू पाने के लिए जुटे हुए हैं |
भारतीय स्टेट बैंक ने मिनिमम बैलेंस न रखने वाले ग्राहकों से 1771 करोड़ रुपये चार्ज के तौर पर वसूले हैं. मिनिमम बैलेंस के तौर पर वसूला गया यह चार्ज एसबीआई की दूसरी तिमाही के नेट प्रोफिट से भी ज्यादा है. वित्त मंत्रालय ने अप्रैल से लेकर नवंबर 2017 तक के ये आंकड़े जारी किए हैं.
एसबीआई की तरफ से मिनिमम बैलेंस न बनाए रखने वालों से ये चार्ज वसूला गया है. 1771 करोड़ रुपये की यह राशि एसबीआई के जुलाई-सितंबर तिमाही के नेट प्रोफिट से भी ज्यादा है. जुलाई-सितंबर में एसबीआई का नेट प्रोफिट 1,581.55 करोड़ रुपये था.
भारतीय स्टेट बैंक ने 2016-17 में किसी भी तरह का चार्ज मिनिमम बैलेंस न रखने वालों से नहीं वसूला था, लेकिन 5 साल के अंतराल के बाद बैंक ने इन चार्ज को फिर से लागू किया था.
एसबीआई मेट्रो और शहरी क्षेत्र में बचत खातों में मिनिमम बैलेंस न रख पाने की स्थिति में चार्जेस वसूलता है. पहले यह चार्ज 5000 रुपये था, जिसे इन क्षेत्रों के लिए घटाकर 3000 रुपये कर दिया गया है. हालांकि एसबीआई ने पेंशनभोगियों, पहला कदम पहली उड़ान खातों और 18 साल से कम उम्र के बच्चों को मिनिमम बैलेंस न रखने पर लगने वाले चार्ज से छूट दी है.
अगर आप भी मिनिमम बैलेंस न मेंटेंन कर पाने पर कोई चार्ज नहीं भरना चाहते, तो एसबीआई आपको अपना सेविंग्स अकाउंट कनवर्ट करने का आॅप्शन दे रहा है.
कनवर्ट कराने के लिए आपको एसबीआई की शाखा में जाना होगा और इसके लिए अकाउंट बदलने के लिए एप्लिकेशन देनी होगी. यहां बैंक में आप अपना सेविंग्स अकाउंट उन अकांउट्स में कनवर्ट कर सकते हैं, जिनमें आपको मिनिमम बैलेंस रखने की अनिवार्यता नहीं होती.
इन खातों में नहीं मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता
– बेसिक सेविंग्स डिपोजिट अकांउट :
– जनधन खाता
– स्मॉल सेविंग्स अकाउंट
– सैलरी अकाउंट