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राजस्थान उपचुनाव में हार पर वसुंधरा राजे ने तोड़ी चुप्पी

राजस्थान में विधानसभा और लोकसभा चुनाव में विपक्ष का सूपड़ा साफ कर देने वाली भारतीय जनता पार्टी का उपचुनावों में खुद ही सूपड़ा साफ हो गया. कमजोर और बंटी हुई मानी जा रही कांग्रेस ने न सिर्फ तीनों सीटें जीतीं बल्कि दमदार तरीके से जीतीं. ये तीनों सीटें पहले बीजेपी की थीं. अलवर और अजमेर लोकसभा सीटों पर 2014 के मुकाबले बीजेपी का वोट शेयर 61 और 56 फीसदी से घटकर क्रमशः 40 और 44 फीसदी रह गया. मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर तो बीजेपी का वोट शेयर 2013 के 52 फीसदी से गिरकर 32 फीसदी पर आ गया है.

चुनावों में ये नुकसान राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के लिए निजी तौर पर झटका है. बीजेपी के लिए भी ये खतरे की घंटी है क्योंकि इसी साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं और संभवतः उसके तुरंत बाद लोकसभा चुनाव भी हों.

उपचुनाव में मिली करारी हार के बाद अपने पहले इंटरव्यू में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राज्य के राजनीतिक हालात, हार के पीछे के कारण और सरकार की आगे की राह पर कुमार शक्ति शेखर से एक्सक्लूसिव बातचीत की. पेश हैं बातचीत के संपादित अंशः-

सवालः दो लोकसभा और एक विधानसभा सीट पर हाल में हुए उपचुनाव में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा. क्या वजह रही?

वसुंधरा राजे: हालांकि हम अब भी परिणामों का विश्लेषण कर रहे हैं. विपक्ष की ओर से क्षुद्र राजनीति, मौजूदा विधायकों के खिलाफ एंटी इंकम्बैंसी, जनसेवाओं के मामले में फील्ड में तैनात अफसरों की असंवेदनशीलता और लापरवाही उपचुनावों में कमजोर प्रदर्शन के प्राथमिक कारण लगते हैं. कुछ क्षेत्रों में जनता के साथ जुड़ाव की कमी थी.

सवालः क्षुद्र राजनीति से आपका क्या आशय है?

वसुंधरा राजेः उदाहरण के लिए, अगड़ी जातियां जिन्हें समाज के लिए मिसाल बनना चाहिए था, कुछ मुद्दों को लेकर कट्टर रुख अपना रही हैं. क्या ये विकास के लिए सही है? विपक्ष ने अपने तात्कालिक फायदे के लिए इन भावनाओं को हवा दी. ये अच्छी राजनीति नहीं है.

सवालः आपने जनता से जुड़ाव की कमी की बात की. इसे कैसे समझाएंगी?

वसुंधरा राजेः पार्टी के विधायकों और अधिकारियों, दोनों को जनता से मेलजोल बढ़ाने की जरूरत होती है. सरकारी अधिकारी खासकर वो जो मैदान में काम कर रहे हैं और जनता से सीधे संपर्क में रहते हैं अक्सर नागरिकों से सही तरह से संवाद स्थापित नहीं करते. कलेक्टर, बीडीओ, एसडीओ और पुलिस को जन शिकायतों के प्रति पर्याप्त संवेदनशील होने की जरूरत होती है. ये चिंता का विषय है.

सवालः क्या ‘पद्मावत’ मामले में आंदोलनकारियों से नरमी बरती गई? आपको नहीं लगता कि ऐसे तत्वों से प्रशासन को सख्ती से निपटने की जरूरत थी?

वसुंधरा राजेः नहीं, जब जरूरत थी, हमने सख्ती की. सभी समुदायों, जातियों, पर्यटकों, आम लोगों की सुरक्षा हमेशा हमारी पहली प्राथमिकता है.

सवालः क्या राजपूत और जाट जो बीजेपी के पक्के समर्थक माने जाते हैं, उन्होंने इस उपचुनाव में कांग्रेस को वोट दिया?

वसुंधरा राजेः सरकार में इनका महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व है. जातियों का सरकार के खिलाफ चले जाने का सवाल तर्कसंगत नहीं लगता. यहां तक कि सभी जातिकेंद्रित आंदोलनों से राज्य सरकार पूरे संवेदनशील ढंग से निपटी है. हमारा पहला उद्देश्य राजस्थान में सुशासन और कानून व्यवस्था को बनाए रखना है.

सवालः क्या राजपूत गैंगस्टर की एनकाउंटर में हुई मौत ने इस समुदाय के एक वर्ग को नाराज किया?

वसुंधरा राजेः कानून व्यवस्था बनाए रखने के मुद्दे पर जाति, समुदाय या राजनीति नहीं देखी जाती. किसी प्रशासन को इस तरह काम नहीं करना चाहिए

सवालः किसानों की दिक्कतें पूरे देश में बड़ा मुद्दा बन चुकी हैं. आपके राज्य में भी किसान कर्जमाफी, मुफ्त बिजली आदि की मांग कर चुके हैं. आपकी सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी. कांग्रेस ने उन्हें इसका वायदा किया है. क्या आपको नहीं लगता कि किसान भी आपकी सरकार के खिलाफ हो चुके हैं.

वसुंधरा राजेः क्या मैं लोकप्रियता की चाह में फंसकर बैंकों का खजाना खाली कर देती? अगर मैं ऐसा करती तो ये अच्छी राजनीति लेकिन खराब अर्थनीति होती. मैं राजस्थान को कई दशक पीछे ढकेल देती. क्या मैं किसान समुदाय का बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने की दिशा में काम नहीं करूं? क्या मुझे सुशासन पर फोकस नहीं करना चाहिए?

कांग्रेस अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर चुकी थी और मैंने अपने पिछले कार्यकाल में इसे उबारा, उन्होंने फिर वित्त व्यवस्था का कबाड़ा कर दिया और राजस्थान को कई दशक पीछे ले गए. मैं पिछले चार साल से इसे फिर साफ कर रही हूं क्योंकि मेरा फोकस सुशासन, गुणवत्तापूर्ण तथा पारदर्शी सेवाओं पर है. हम किसानों की समस्याओं के दीर्घकालिक हल पर काम कर रहे हैं. मैं आपको एक उदाहरण दूंगी- पिछले साठ साल में पहली बार नहरों के नेटवर्क की मरम्मत की जा रही है.

सवालः आप कांग्रेस को कैसे दोषी ठहराएंगी?

वसुंधरा राजेः देखिए, दिसंबर 2008 में मेरे ऑफिस छोड़ने से पहले डिस्कॉम(वितरण कंपनियां) का कर्ज 15000 करोड़ था. दिसंबर 2013 में जब मैंने दोबारा चार्ज संभाला तो ये बढ़कर 80 हजार करोड़ हो गया. लेकिन इस साल के अंत तक ये फिर घटकर ढाई हजार करोड़ हो जाएगा.

सवालः विधानसभा चुनाव नजदीक हैं. आपके पास मजबूती के लिए सात से आठ महीने का समय है, आप ये कैसे करेंगी?

वसुंधरा राजेः हमने बहुत काम किया है और बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है. हमने कई योजनाओं को सफलता पूर्वक लांच किया है. राज्य के एक करोड़ परिवारों के लिए भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना राजस्थान में 2015 में लांच हुई थी. ये योजना देश में वित्तीय समावेशन और महिला सशक्तिकरण का एक उदाहरण है. राजस्थान सूचना प्रौद्योगिकी के मामले में लगातार दो साल सर्वश्रेष्ठ राज्य चुना गया.

हमारे पास भारत में सबसे लंबा हाईवे नेटवर्क है. डिजिटल राजस्थान के पास 48000 कॉमन सर्विस सेंटर हैं जो कि देश में ऐसे सेंटरों का कुल 25 फीसदी है. कानून व्यवस्था के मामले में अभय कमांड सेंटर चार डिवीजनल मुख्यालय जयपुर, कोटा, अजमेर, उदयपुर में स्थापित किए गए हैं. बाकी तीन जोधपुर, भरतपुर और बीकानेर में जल्द ही स्थापित किए जाएंगे.

रीट में प्रथम लेवल में 2240 व द्वितीय लेवल में 11232 अभ्यर्थी देंगे परीक्षा

11 फरवरी को आयोजित होने वाली राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा यानी रीट को लेकर परीक्षार्थियों को निर्देश जारी किए गए हैं। जिला बोर्ड प्रतिनिधी डाॅ. देवाराम ने बताया कि इस परीक्षा के लिए परीक्षार्थी को परीक्षा कक्ष में अपने साथ प्रवेश-पत्र, नीला/काला बाॅल पेन, कोई एक मान्य फोटो युक्त मूल पहचान-पत्र तथा उसकी स्वप्रमाणित फोटो प्रति लाना अनिवार्य है। परीक्षा केन्द्र पर मोबाइल, केल्कुलेटर, ब्लूटूथ, पेजर या अन्य कोई इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण, घड़ी, चेन, अंगूठी, कान के टोप्स, लोकेट, पर्स, हैंडबैग, डायरी, इत्यादि लाना वर्जित है। डॉ. जानसन ने बताया कि यदि परीक्षार्थी इस प्रकार की कोई सामग्री साथ लाता है तो उसे अपनी स्वयं की जिम्मेदारी पर परीक्षा केन्द्र के बाहर रखना होगा। परीक्षा केन्द्र पर इन वस्तुओं को रखने व सुरक्षा की कोई व्यवस्था एवं जिम्मेदारी नहीं होगी। परीक्षार्थी परीक्षा केन्द्र पर परीक्षा प्रारंभ होने के एक घंटे पूर्व पहुंचना सुनिश्चित करें। परीक्षार्थी को परीक्षा प्रारंभ होने के पश्चात अर्थात प्रथम पारी में 10 बजे तथा द्वितीय पारी में उपरांत 2.30 बजे के पश्चात परीक्षा केन्द्र में प्रवेशाज्ञा नहीं दी जायेगी। परीक्षार्थी को किसी भी परिस्थिति में परीक्षा समाप्ति से पूर्व परीक्षा कक्ष छोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएंगी। डाॅ. देवाराम ने बताया कि प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर विशेष निगरानी रखने के लिए चार केंद्रों के बीच एक उडऩदस्ते का भी गठन किया गया है। जिसका प्रभारी आरएएस अधिकारी होगा। साथ ही प्रत्येक निजी विद्यालय व महाविद्यालय में सरकारी सहायक केन्द्राधीक्षक को नियुक्त किया है।

11 फरवरी को परीक्षा, यहां हाेंगे सेंटर

पाली शहर में 25 केन्द्र, सोजत उपखण्ड में 5 केंद्र व फालना में 5 केंद्रों पर प्रथम पारी में प्रातः 10 से 12.30 बजे तक लेवल 2 में 11232 परीक्षार्थी व द्वितीय पारी दोपहर 2.30 से 5.00 बजे तक में पाली शहर में 5 परीक्षा केंद्रों पर लेवल 1 में 2240 परीक्षार्थी परीक्षा में सम्मिलित होंगे। जिला मुख्यालय पर कलेक्टर कार्यालय व जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में 9 फरवरी से 11 फरवरी तक कन्ट्रोल रूम की स्थापना की जाएंगी।

आरटीई : निशुल्क प्रवेश के लिए लॉटरी 9 मार्च को

सोजत | शिक्षा का अधिकार कानून के तहत निजी स्कूलों में निशुल्क प्रवेश के लिए इस बार 9 मार्च को लॉटरी निकलेगी, इससे पहले अभिभावक 16 फरवरी से 7 मार्च तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। शिक्षा विभाग ने सोमवार को आरटीई प्रवेश का टाइम फ्रेम जारी कर दिया इसके अनुसार 15 फरवरी तक निजी स्कूलों को प्रवेश का विज्ञापन जारी करना होगा।

जम्मू-कश्मीर के पुंछ में पाकिस्तानी गोलीबारी में 4 जवान शहीद, 1 घायल

पाकिस्तानी सेना की ओर से रविवार को पुंछ सेक्टर में किए संघर्षविराम के उल्लंघन में चार भारतीय जवान शहीद हो गए और एक जवान घायल हो गया. शहीदों में जम्मू कश्मीर लाइन इनफैंट्री के एक अधिकारी और तीन जवान हैं. जानकारी के मुताबिक अब भी गोलीबारी जारी है.

शहीद हुए सैनिकों में कैप्टन कपल कुंदु, शुभम कुमार, रामअवतार और हवलदार रोशन लाल हैं. जम्मू-कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती ने गोलीबारी में शहीद भारतीय सैनिकों की मौत पर दुख जताया है. इस साल इस सेक्टर में हुए संघर्षविराम उल्लंघन में अब तक नौ जवानों समेत 17 लोगों की मौत हुई है और 70 लोग घायल हो चुके हैं.

पाकिस्तानी सेना की ओर से पुंछ सेक्टर के शाहपुर और भिंबर गली में रविवार सुबह से गोलीबारी की जा रही है. चार जवानों के शहीद और एक जवान के घायल होने के अलावा दो बच्चे भी इस गोलीबारी का निशाना बन गए.

इसके जवाब में भारतीय सैनिकों ने भी गोलीबारी की है. जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना की ओर से छोटे हथियारों, ऑटोमैटिक हथियारों और मोर्टार से गोलीबारी की गई.

जम्मू के पुंछ सेक्टर में रविवार सुबह करीब 11 बजे से हुई गोलीबारी शाम तक भी जारी थी. यह गोलीबारी पुंछ सेक्टर के शाहपुर इलाके में हुई. वहीं, पुंछ के ही बिंबर गली में हुए सीजफायर में सेना के चार जवान शहीद हो गए.

बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना की ओर से नागरिक इलाकों को निशाना बनाकर गोलीबारी की गई थी.

इससे पहले, 30 जनवरी को भी पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में भारतीय चौकियों पर गोलीबारी कर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया था. तब पाक सैनिकों ने भारतीय चौकियों को निशाना बनाया जिसका भारतीय जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया.

सूत्रों ने बताया कि करीब छह घंटे के बाद पाकिस्तानी सैनिकों ने फिर से गोलीबारी की जो करीब आधे घंटे तक चली. हालांकि, इस गोलीबारी में कोई नुकसान नहीं हुआ था.

मां से मिलाने के बहाने मंदबुद्धि की किशोरी से दुष्कर्म, आरोपी की तलाश

मारवाड़ जंक्शन कस्बे में शनिवार सुबह मंदबुद्धि की किशोरी को घर पर अकेला देख आरोपी जगदीश रेगर उसकी मां से मिलाने के झांसे में लेकर झाड़ियों में ले गया और उससे दुष्कर्म किया। आरोपी मकान निर्माण पर मजदूरी करता है, जिसके साथ पीडि़ता की माता भी काम करती है। घटना के बाद आरोपी फरार हो गया, जिसकी तलाश की जा रही है। पुलिस के अनुसार मारवाड़ जंक्शन के कसाई मोहल्ला निवासी 30 वर्षीय आरोपी जगदीश रेगर पुत्र मूलाराम मकान निर्माण पर मजदूरी करता है। उसके साथ ही एक महिला भी काम करती है। शनिवार सुबह करीब 9 बजे महिला काम करने पहुंची तो आरोपी जगदीश शौच करने के बहाने से वहां से निकला। आरोपी अपने साथी मजदूर महिला के घर पहुंचा, जिसकी 14 साल की पुत्री घर पर अकेली थी। वह मंदबुद्धि की है, जबकि उसका छोटा भाई स्कूल गया हुआ था। आरोपी घर पर अकेली किशोरी को उसकी माता से मिलाने के बहाने घर के पास झाड़ियों में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। पीडि़ता को झाड़ियों में रोता हुआ देख उसकी मौसी घर ले गई तो उसने घटनाक्रम बताया। पुलिस ने अपहरण व पोक्सो एक्ट में केस दर्ज कर जांच सीओ सोजत को सौंपी है।