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इस महीने के आखिरी में रूस और फ्रांस समेत 4 देशों की यात्रा पर रवाना होंगे PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 मई से जर्मनी, स्पेन, रूस और फ्रांस की यात्रा पर जा रहे हैं. इस दौरान वह अपनी सरकार के विभिन्न सुधार कार्यक्रमों के मद्देनजर भारत में निवेश के अवसर पर बातचीत कर सकते है. विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री की छह दिन कि यात्रा का कार्यक्रम की घोषणा करते हुए, कई व्यापार कार्यक्रमों को सूचीबद्ध किया जहां प्रधानमंत्री इन देशों के शीर्ष उद्योगपतियों से मिलेंगे.

 जर्मनी की चांसलर एजेंला मर्केल 29 मई को मेसेबर्ग कंट्री रिट्रीट में उनका स्वागत करेंगी. दोनों नेता द्विपक्षीय हितों के मुद्दों पर चर्चा करेंगे. 30 मई को दोनों नेता चौथे भारत-जर्मनी अंतसरकारी विमर्श (आईजीसी) में भाग लेंगे. एजेंला के साथ मोदी 30 मई को संयुक्त रूप से एक व्यापार कार्यक्रम को संबोधित भी करेंगे. इसमें दोनों देशों के शीर्ष मुख्य कार्यकारियों के मौजूद रहने की संभावना है.

मंत्रालय के अनुसार प्रधानमंत्री जर्मनी के राष्ट्रपति फै्रंक-वाल्टर स्टेनमेयर से भी विनम्रता से मुलाकात करेंगे. बयान में कहा गया है कि भारत और जर्मनी के बीच रणनीतिक भागीदारी है. प्रधानमंत्री की आगामी यात्रा से विशेष संबंधों को और गति मिलेगी. प्रधानमंत्री 31 मई को स्पेन पहुंचेंगे जहां वह राष्ट्रपति मैरिआनो राजॉय से मुलाकात करेंगे और द्विपक्षीय हित से तथा अन्य मुद्दों पर चर्चा भी करेंगे. वह स्पेन के राजा फिलिप से भी मुलाकात करेंगे. मंत्रालय ने कहा, मोदी स्पेन के अग्रणी उद्योगपतियों के साथ गोलमेज बैठक करेंगे जो भारत में निवेश को लेकर इच्छुक हैं. प्रधानमंत्री की स्पेन यात्रा से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्तों में और मजबूती आएगी.

स्पेन से मोदी एक जून को रूस के सेंट पीटर्सबर्ग जाएंगे जहां वह रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के साथ 18वें भारत-रूस सालाना शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. यह पहला मौका है जब सालाना सम्मेलन रूस में मास्को के बाहर हो रहा है. विदेश मंत्रालय ने कहा, शिखर सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री दो जून 2017 को पहली बार सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल एकोनामिक फोरम में विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लेंगे.

मोदी दो जून को पेरिस जाएंगे और तीन जून को वह फ्रांस के राष्ट्रपति एमानुएल मेक्रोन के साथ द्विपक्षीय हितों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करेंगे जिसका मकसद भारत-फ्रांस रणनीतिक संबंधों को और मजबूत बनाना है. मोदी की मेक्रोन के साथ पहली बैठक है. वह इस महीने की शुरूआत में फ्रांस के राष्ट्रपति चुने गये.

PAK का झूठ उजागर- UN ने LoC पर अपने दल पर फायरिंग से किया इंकार

पाकिस्तान का झूठ एक बार फिर उजागर हो गया है. पाकिस्तानी सेना ने बुधवार को दावा किया था कि LoC के दौरे के वक्त संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षक दल के दो अधिकारियों को ले जा रहा वाहन भारतीय सैनिकों के हमले की चपेट में आ गया. लेकिन संयुक्त राष्ट्र ने इस बात से सिरे से इंकार कर दिया है कि उसके पर्यवेक्षकों का वाहन किसी गोलीबारी का श‍िकार हुआ है.

 संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतेरस के प्रवक्ता स्टीफेन दुजारिक ने बुधवार को पत्रकारों से कहा कि यूनएन मिलिट्री ऑब्जर्वर्स ग्रुप इन इंडिया ऐंड पाकिस्तान (UNMOGIP) पर हमले का कोई प्रमाण नहीं है. दुजारिक ने कहा, ‘इस दोपहर पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के भीमबर जिले में पाकिस्तानी सेना के एस्कॉर्ट्स के साथ UNMOGIP पर्यवेक्षकों ने भी गोली चलने की आवाज सुनी थी, लेकिन इस बात के कोई साक्ष्य नहीं हैं कि UNMOGIP प्रेक्षक इस गोलीबारी का निशाना थे. यूएन का कोई भी पर्यवेक्षक घायल नहीं है.’

इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) ने एक बयान में कहा कि वाहन में भारत और पाकिस्तान से संबंधित संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह के अधिकारी मेजर एमैनुयल (फिलीपीन) और मेजर मिरको (क्रोएशिया) सवार थे.

पाकिस्तान के दावे के मुताबिक नियंत्रण रेखा के दौरे के समय ये दोनों अधिकारी भारतीय सैनिकों के हमले की चपेट में आए गए. पाकिस्तानी सेना की मीडिया इकाई ने कहा, दोनों अधिकारी सुरक्षित हैं. वे वाहन से उतर गए और फिर अपने सुनिश्चत स्थान पर गए. बीते 17 मई को पाकिस्तानी सेना ने अकारण भारतीय गोलीबारी के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षक समूह के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई थी.

पाकिस्तान के अखबार डॉन में प्रकाशित खबर के मुताबिक यूएन का यह दल पाकिस्तान की आपत्ति के बाद सीमा का जायजा लेने आया था. पर्यवेक्षकों ने ये जानकारी भी दी है कि भारत की ओर से 10, 13 और 16 मई को सीज फायर का उल्लंघन किया गया है. साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारतीय सेना ने ऑटोमेटिक हथियार से फायरिंग की और भारी मोर्टार भी दागे हैं. जिसकी चपेट में पाकिस्तान के सीमावर्ती गांव भी चपेट में आए हैं.

भारतीय सेना की ओर से मंगलवार को एक वीडियो जारी किया गया था जिसमें नौशेरा सेक्टर में सीमापार की पाक चौकियों को निशाना बनाते साफ देखा जा सकता है. सेना ने पाकिस्तान पर कड़ी कार्रवाई करते हुए सेना की चौकियों को निशाना बनाया है, जिसमें पाक आर्मी का एक कमांडो भी मारा गया था. हालांकि पाकिस्तान से भारत की कार्रवाई से इनकार किया है.

पाकिस्तान की ओर से भी एक वीडियो जारी कर भारतीय चौकियों को निशाना बनाने का दावा किया जा रहा है. पिछले दिनों भारतीय जवानों के शवों से बर्बरता को लेकर देशभर में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्से का माहौल है. भारतीय सेना की कार्रवाई को शहीदों के अपमान के बदले के रूप में देखा जा रहा है.

फुलाद मार्ग पर 1 माह से रेलवे फाटक में तकनीकी खराबी, वाहन चालक धूप में खड़े रहने को मजबूर

गतएक माह से भी अधिक समय से फुलाद मार्ग रेलवे फाटक में आई तकनीकी खराबी से वाहन चालक कई देर तक धूप में खड़े रहने को मजबूर है।ट्रेन निकल जाने के बाद भी कई देर तक वाहन चालकों को फाटक खुलने का इंतजार करना पड़ता है। लम्बे समय से फाटक में आई तकनीकी खराबी को दूर करने की तरफ रेलवे विभाग द्वारा ध्यान नहीं दिये जाने से वाहन चालकों में रोष व्याप्त है।प् रतिदिन दर्जनों बार यह हालात होते है। बावजूद इसके रेलवे प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है।

एकतरफ से ऊपर दूसरी तरफ से फाटक नीचे – रेलवेफाटक खोलने के दौरान एक तरफ की फाटक का हिस्सा तो ऊपर हो जाता है। लेकिन दूसरी तरफ का हिस्सा ऊपर होता ही नहीं। ऐसी हास्यास्पद स्थिति रोजाना हो रही है।रेलवे फाटक पर एक ही कर्मचारी है।ऐसे में वह फाटक को बंद कर तकनीकी खामी को दूर करने के लिए फाटक पर आकर लोक सिस्टम को खोलने का प्रयास करता है।फिर पुन: जाकर फाटक खोलने का प्रयास करता है।इसमें कई बार दस से पंद्रह मिनिट लग जाते है।दोपहर में यह स्थिति होने पर वाहन चालकों को कई बार तो बीस-पच्चीस मिनिट तक चिलचिलाती धूप में खड़ा रहना पड़ता है।

प्रतिदिन गुजरते हैं हजारों वाहन

सोजतसे कामलीघाट तक स्टेट हाईवे 62 फुलाद मार्ग रेलवे फाटक से होकर गुजरता है।फुलाद मार्ग रेलवे फाटक से प्रतिदिन हजारों वाहन गुजरते है।चौबीस घंटे में औसतन 80ट्रेनें यहां से गुजरती है।इस दौरान रेलवे फाटक पंद्रह से बीस मिनिट तक बंद रहती है।फाटक में तकनीकी खराबी के कारण कई बार वाहन चालकों को 30मिनिट तक भी फाटक खुलने का इंतजार करना पड़ता है।इस मार्ग से कामलीघाट,धूंधला,कंटालिया,मेलावास सहित दर्जनों गांवों के लोगों का नियमित आवागमन रहता है।

ओवरब्रिज नहीं बनने से आवगमन में परेशानी

फुलादमार्ग रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज निर्माण की स्वीकृति छ: माह पूर्व जारी हो चूकी है।लेकिन अभी तक इसका निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है।ओवरब्रिज नहीं बनने से फाटक वाहन चालकों के लिए परेशानी का पर्याय बन गई है।रेलवे लाईन के दोहरीकरण के बाद फाटक बंद रहने की समय सीमा भी बढ़ गई है। क्षेत्रवासियों ने ओवरब्रिज का निर्माण कार्य शीघ्र शुरू किये जाने की मांग की है।

शिवपुरा में कवि सम्मेलन 26 मई को

सोजत | समीपवर्तीग्राम शिवपुरा के श्रीनाथ जी मन्दिर में शुक्रवार को कवि सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा। कार्यक्रम संयोजक कवि कन्हैयालाल शर्मा ने बताया कि इस कवि सम्मेलन में जनकवि कैलाशदान चारण, साहित्यकार वीरेंद्र लखावत, गीतकार अमरसिंह राजपुरोहित, बाल लेखक नवनीतराय, हीरालाल आर्य, अब्दुल समद राही, घनश्याम भाटी प्रणव द्वारा रचनाएं प्रस्तुत की जायेगी।

इधर, रोक के बावजूद मंडिया रोड पर फैक्ट्री में चल रहा था कामकाज, पुलिस ने दबिश देकर 2 बाल श्रमिक छुड़ाए

नेशनलग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की रोक के बावजूद शहर में कई जगह औद्योगिक इकाइयों में रंगाई-छपाई का काम धड़ल्ले से चल रहा है। मंगलवार को ऑपरेशन मिलाप के तहत पुलिस ने मंडिया रोड औद्योगिक इलाके में उद्यमी राजेंद्र धोका की तुलसी इंडस्ट्रीज में बाल श्रम के संदेह में छह श्रमिकों को मुक्त कराया। यह सभी श्रमिक फैक्ट्री में रंगाई-छपाई का काम करते हुए पाए गए। उम्र संबंध दस्तावेज की जांच के बाद इनमें से चार को छोड़ दिया गया, जबकि दो बाल श्रमिकों को बाल कल्याण समिति को सौंपे गए। पुलिस का कहना है कि जोधपुरिया बास निवासी सुनील कुमार जैन ने फिलहाल, यह फैक्ट्री किराए पर ले रखी थी। उसके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है। मंगलवार को फैक्ट्री में काम करते हुए श्रमिकों को छुड़ाने की घटना के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सीईपीटी ट्रस्ट पर सवाल खड़े हो गए हैं कि रोक के बाद भी फैक्ट्री में कामकाज चल रहा था। पुलिस मुख्यालय की ओर से नाबालिग गुमशुदा बच्चों की तलाश, बाल श्रम की रोकथाम, बाल भिक्षावृति के उन्मूलन के लिए एसपी दीपक भार्गव के निर्देश पर पाली जिले में भी पुलिस की ओर से 15 मई से 15 जून के बीच ऑपरेशन मिलाप शुरू किया गया है। मानव तस्करी विरोधी यूनिट टीम के प्रभारी नाथूसिंह ने हैडकांस्टेबल धनराज चौहान तथा कांस्टेबल महेंद्रसिंह सिद्वार्थ दवे की टीम ने मंगलवार दिन में मंडिया रोड औद्योगिक क्षेत्र में स्थित कपड़ा फैक्ट्री ई-42 तुलसी इंड्रस्ट्रीज में बाल श्रमिकों की तलाश के लिए सर्च कार्रवाई की।

तलाशीमें बाल श्रम के संदेह में छह श्रमिकों को मुक्त कराया गया। इनमें से उम्र संबंधी दस्तावेज की जांच के बाद चार को छोड़ दिया गया, लेकिन दो बाल श्रमिकों को बाल कल्याण समिति को सौंपा गया। पुलिस का कहना है कि यह फैक्ट्री राजेंद्र धोका की है, जिसे जोधपुरिया बास निवासी सुनिल कुमार जैन पुत्र केवलचंद जैन किराए पर चला रहा था।

एकसप्ताह में चौथी कार्रवाई, 5 साल तक हो सकती है सजा :

ऑपरेशनमिलाप 15 मई से जिले में भी शुरू हुआ, जिसमें मानव तस्करी विरोधी यूनिट ने बाल श्रमिकों को मुक्त कराने की मंगलवार को चौथी कार्रवाई की है। इससे पहले यूनिट ने हेमावास के पास होटल वीर मामोजी, सोजत मार्ग पर जगदंबा यादव होटल श्रीनाथ होटल पर दबिश देकर 6 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया था। पुलिस ने होटल संचालक फैक्ट्री मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है। पुलिस ने जेजे एक्ट, बाल श्रमिक एक्ट तथा आईपीसी 374 में मुकदमा दर्ज किया है। इन धाराओं में कोर्ट में जुर्म प्रमाणित होने पर पांच साल तक की सजा सुनाई जा सकती है।