राज्य के 8 शहरों में 96 16 में 72 घंटे बाद पानी सप्लाई
कांग्रेससे लेकर भाजपा तक की सरकार की ओर से राज्य में विकास कराने के लिए तमाम दावे किए जाते हैं। इसके उलट आजादी के 70 साल बाद भी प्रदेश में 222 ऐसे शहर, कस्बे और गांव है, जहां के लोगों को रोजाना पीने,नहाने और अन्य कार्य के लिए पानी नसीब नहीं हो पता। घर की महिलाओं से लेकर पुरुष तक को रोजाना की जरूरतों को पूरा करने के लिए पानी का इंतजार करना पड़ा है। यह इंतजार किसी शहर को 24 घंटे करना पड़ा है तो किसी को 288 घंटे। ऐसे में राज्य के 222 ऐसे इलाके हैं, जहां पानी के लिए महिलाओं, बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक को परेशान होना पड़ता है।
पीएचडी विभाग के एक आंकड़े के अनुसार मकराना में 288 घंटे बाद पेयजल की आपूर्ति की जाती है। जबकि पर्वतसर, डिडवाना, मेढदा सिटी, डेगाना, दौसा, बांदीकुई, बालोत्ररा और भीनवाला ऐसे शहर, कस्बे में है, जहां 96 घंटे यानी चार दिन बाद पेयजल की सप्लाई की जाती है। किशनगढ़, असींद, गुलाबपुरा, गंगापुर, लाडनू, सूरजगढ़, कामा, खेतरी, मारवाड़ जक्शन, सोजत रोड, रायपुर, जंतरण, सिवाना, समदरी, जालौर और प्रतापगढ़ ऐसे शहर और कस्बे है, जहां पर तीन दिन यानी 72 घंटे बाद पेयजल की सप्लाई होती है। सरकार की ओर से 64 शहरों, कस्बों, गांवों में प्रत्येक दो दिन बाद और 119 में एक दिन बाद पानी की आपूर्ति की जाती है। आठ शहर पूरी तरह टैंकर सप्लाई पर निर्भर है। जबकि छह शहरों में आपूर्ति अन्य एजेंसियों की ओर से की जाती है। हाल ही में विभाग की ओर से तैयार कराए गए एक आंकड़े में यह तथ्य सामने आया हैं, जिसकी जानकारी मंत्री से लेकर सचिव तक के पास है।
जयपुर| राज्यके 23 शहरों में 973 करोड़ रुपए की पेयजल योजनाएं अटकी हुई है। योजनाओं को शुरू करने में दो माह से दस माह तक का विलंब हो चुका है। ब्यावर, भीलवाड़ा, नागौर, अलवर भीवाड़ी में छह माह से प्रोजेक्ट अटके हुए हैं। गंगापुर सिटी में पेयजल योजना शुरू करने में नौ महीने का विलंब हो चुका है। धौलपुर में आठ, बारा, बूंदी में सात-सात माह से प्रोजेक्ट का कार्य शुरू नहीं किया जा रहा है। सीकर में तीन महीने से, सुजानगढ़ में नौ, चुरू में दो, जालौर में एक, सवाईमाधोपुर में तीन, बीकानेर में चार, चित्तौरगढ़ में चार माह से प्रोजेक्ट बिलंब हैं।
हिंडौन में तीन, भरतपुर में दो, जोधपुर में तीन, कोटा, जयपुर, उदयपुर और अजमेर में छह-छह माह का समय निकल गया हैं। ये प्रोजेक्ट मंजूर हो चुके हैं, लेकिन इनकी प्रक्रिया में विभाग से विलंब हो रहा है। यह आंकड़े 19 मई तक के है।
^हां राज्य में के तमाम शहरों, कस्बों और गांवों में आज भी पानी की दिक्कत है। इन इलाकों में एक से चार दिन तक पानी नहीं पाता। इस समस्या के समाधान करने के लिए प्रोजेक्ट बनाए जा रहे हैं। जबतक शहरों को सरफेस वाटर से कनेक्ट नहीं किया जाएगा, तब तक परेशानी दूर नहीं हो पाएगी।