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मोदी ने GST को बताया गुड एंड सिंपल टैक्स, बोले- गंगानगर से ईटानगर तक एक कर

अब से  देश में जीएसटी लागू हो गया . 17 सालों से ‘एक देश और एक टैक्स’ को लेकर जो कोशिशें की जा रही थी और वो अब भारतीय अर्थव्यवस्था के ऐतिहासिक पन्नों दर्ज होने जा रहा है. साल 2014 में एनडीए की सरकार बनते ही पीएम मोदी से GST को लेकर अपना इरादा साफ कर दिया था.

पीएम मोदी ने GST को लेकर संसद में विशेष सत्र को संबोधित किया. इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा- राष्ट्र के निर्माण में कुछ ऐसे पल आते हैं. कुछ देर बाद देश एक नई व्यवस्था की ओर चल पड़ेगा. सवा सौ करोड़ देशवासी, इस ऐतिहासिक घटना के साक्षी हैं. जीएसटी की प्रक्रिया सिर्फ अर्थव्यवस्था के दायरे तक है ऐसे मैं नहीं मानता.

पिछले कई सालों से अलग-अलग टीमों के द्वारा जो प्रक्रियाएं चली हैं, वो एक प्रकार से भारत के लोकतंत्र की. भारत के संघीय ढांचे की, को-ऑपरेटिव फेडरेलिज्म के मिसाल के तौर पर आया है. इस पवित्र अवसर पर आप सब अपना बहुमूल्य समय निकाल के आए हैं. दिल से आपका स्वागत है. आपका आभार व्यक्त करता हूं.

ये जो दिशा और रास्त हमने चुना है. य़ह किसी एक दल की सिद्धि नहीं है. यह किसी एक सरकार की सिद्धी नहीं है. ये हम सब की सांझी विरासत है. हम सबके साझे प्रयासों का परिणाम है. रात्रि के 12 बजे इस सेंट्रल हॉल में एकत्र हुए हैं. ये वो जगह है जो इस राष्ट्र के अनेक महापुरुषों के पदचिन्हों से इस जगह ने पावन किया है.

9 दिसंबर 1946 से इस जगह को हम याद करते हैं. संविधान सभा की पहली बैठक से यह हॉल साक्षी है. जब संविधान सभा की पहली बैठक हुई, पंडित जवाहर लाल नेहरु, डॉक्टर पटेल, उस सदन में जहां, कभी 14 अगसल्त 1947 रात 12 बजे देश की स्वतंत्रता पवित्र और महान घटना का साक्ष्य है.

26 नवंबर 1949 देश ने संविधान को स्वीकार किया. यह वही जगह है. और आज जीएसटी के रूप से बढ़कर कोई और स्थान नहीं हो सकता, इस काम के लिए. संविधान का मंथन 2 साल 11 महीने 17 दिन चला था. हिंदुस्तान के कोने कोने से विद्वान उस बहस में हिस्सा लेते थे. वाद-विवाद होते थे, राजी नाराजी होती थी. सब मिलकर बहस करते थे रास्ते खोजते थे. इस पार उस पार नहीं हो पाए तो बीच का रास्ता खोजकर चलने का प्रयास करते थे.

जीएसटी भी लंबी विचार प्रक्रिया का परिणाम है, सभी राज्य समान रूप से केंद्र सरकार उसी की बराबरी में और सालों तक चर्चा की है. संसद में इसके पूर्व और उसके पूर्व के सांसदों ने लगातार इस पर बहस की है. जब संविधान बना, तब पूरे देश के नागरिकों को समान व्यवस्था खड़ी कर दी थी. जीएसटी ने सभी राज्यों के मोतियों को एक धागे में पिरोने का प्रयास है. जीएसटी को-ऑपरेटिव फेडरिलज्म का प्रयास है.

जीएसटी टीम इंडिया का क्या परिणाम हो सकता है, यह उसके सामर्थ का परिचायक है. जीएसटी काउंसिल केंद्र और राज्य ने मिलकर, जिसने गरीबों के लिए पहले उपलब्ध सेवाओं को बरकरार रखा है. दल कोई भी हो, सरकार कोई भी गरीबों के प्रति संवेदनशीलता सबने रखी है.

इसमें जिन जिन लोगों ने इस प्रकिया को आगे बढ़ाया. उसके बधाई. आज जीएसटी काउंसिल की 18 वीं मीटिंग हुई. ये संयोग है कि गीता के 18 अध्याय है, और जीएसटी के भी 18 मीटिंग है. आज हम उस सफलता के साथ आगे बढ़ रहे हैं.

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि चाणक्य ने कहा था, ‘कोई वस्तु कितनी भी दूर क्यों न हो, उसका मिलना कठिन न क्यों न हो, कठिन तपस्या और परिश्रम से उसे भी पाया जा सकता है. हम कल्पना करें देश आजाद हुआ, 500 रियासतें थीं. अगर सरदार पटेल ने सबको मिलाकर एक न किया होता तो देश का मानचित्र कैसा होता? जिस प्रकार से पटेल ने एकीकरण का काम किया था उसी तरह आज जीएसटी के द्वारा आर्थिक एकीकरण का महत्वपूर्ण काम हो रहा है.’

गंगानगर से लेकर ईटानगर, लेह से लेकर लक्ष्यद्वीप से लेकर वन नेशन, वन टैक्स. ये सपना हमारा सराकर होके रहेगा. 500 टैक्स से मुक्ति. एल्बर्ट आइस्टिन ने कहा था- दुनिया में कोई चीज समझना सबसे ज्यादा मुश्किल है वो है इनकम टैक्स. मैं सोच रहा होता तो वो इतना टैक्स देखकर क्या कहते?

एक ही चीज दिल्ली में एक दाम, गुरुग्राम में दूसरा, नोएडा में गए तो अलग. इन सारे राज्यों के टैक्स के कारण अलग अलग टैक्स. एक प्रकार से हर किसी के लिए कन्फयूजन की स्थिति रहती थी. विदेशी निवेशकों के लिए भी कन्फ्यूजन का माहौल बना रहता था.

जीएसटी के कारण एंट्री, टोल टैक्स खत्म हो जाएंगे. घंटों ट्रक खड़े रहते हैं. फ्यूल का नुकसान होता है. पर्यावरण को नुकसान होता है. अब इन सबसे मुक्ति मिलेगी. कुछ सामान को वक्त पर पहुंचना जरूरी होता है. वो अब समय से पहुंचेगा. जीएसटी के तौर पर देश एक आधुनिक टैक्स सिस्टम की ओर कदम रख रहा है. एक ऐसी व्यवस्था है जो काले धन, करप्शन को रोकने में अवसर प्रदान करती है. ईमानदारी से व्यपार करने के लिए उमंग मिलेगा.

टैक्स टेरेरिज्म और इंस्पेक्टर राज नई नहीं है. हमने देखा है, लोग भोगते आए हैं. अफसरशाही बिल्कुल समाप्त हो रहा है. जो सामान्य व्यापारियों, कारोबारियों को जो परेशानियां होती रही हैं, उससे मुक्ति का मार्ग मिलेगा. कोई ईमानदार कारोबारी परेशान हो, उससे मुक्ति की संभावना जीएसटी के अंदर है. 20 लाख का तक का व्यापार करने वाले को मुक्ति दे दी गई है. 75 लाख तक का कारोबार करने वालों को भी नाममात्र जोड़ा गया है.

सामान्य मानवीय को इस नई व्यवस्था से कोई बोझ नहीं होगा. जीएसटी की व्यवस्था आर्थिक भाषा में ही सीमित नहीं है. सरल भाषा में कहूं तो यह देश के गरीबों के हित में सार्थक होने वाली है. आजादी के 70 साल बाद भी गरीबों को जो पहुंचा नहीं पाए हैं, सब सरकारों ने मेहनत की, पर संसाधनों की कमी रही. कच्चा बिल पक्का बिल का खेल खत्म हो जाएगा. छोटे कारोबारी भी लाभ को आम आदमी को ट्रांसफर करेंगे.

जीएसटी एक ऐसा कैटालिस्ट है, व्यापार में जो अंसंतुलन है उसे खत्म करेगा. जो राज्य विकसित हुए हैं उनके सा साथ बिहार, पूर्वी यूपी, पश्चिम बंगाल, ओडिशा लेकिन उनको एक कानून की व्यवस्था मिलेगा वो पूर्वी हिस्सा विकास का अवसर मिलेगा. हिंदुस्तान के सभी राज्यों को समान अवसर प्राप्त होना, ये अपने आप में विकास के रास्ते में बहुत बड़ा अवसर है.

जैसे रेलवे हैं, केंद्र और राज्य मिलकर चलाते हैं. फिर भी इसे भारतीय रेलवे के रूप में देखते हैं. जीएसटी ऐसी व्यवस्था है, जिसमें केंद्र राज्य के लोग मिलकर निश्चित दिशा में काम करेंगे. एक भारत, श्रेष्ठ भारत के लिए व्यवस्था बनेगी. 2022 में आजादी के 75 साल हो रहे हैं. न्यू इंडिया का सपना लेकर चल रहे हैं.

लोकमान्य तिलक जी ने गीता रहस्य लिखा है

वेद का मंत्र

समाना हृद्य

आप लोगों का संकल्प और निश्चिय, भाव और अभिप्राय एक समान हो, जिससे आप लोगों का कार्य परस्पर एक भाव से हो सके. जीएसटी न्यू इंडिया टैक्स व्यवस्था है, ईज ऑफ डूइंगि नहीं वे ऑफ डूइंगि बिजनेस है. यह सिर्फ टैक्स नहीं बल्कि आर्थिक रिफॉर्म और सामाजिक रिफॉर्म है. कानून की भाषा में जीएसटी गुड्स एंड सर्विस टैक्स के रूप में जाना जाता है, पर जीएसटी से जो लाभ मिलने वाला है. पर गुड एंड सिंपल टैक्स है…

बस मालिक-कंडक्टर दोस्त ने बनाई चोरी की गैंग, सरगना समेत 11 गिरफ्तार

सदरकोतवाली थाना पुलिस ने चोरी-नकबजनी की वारदात को अंजाम देने वाले दो गिरोह में शामिल 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरोह का सरगना जैतारण से पाली के बीच चलने वाली प्राइवेट बस का मालिक अकरम बेग पुत्र ताहिर बेग निवासी जैतारण खलासी मूलाराम भाट पुत्र अकाराम निवासी मस्तान बाबा, पाली है, जबकि दूसरे गिरोह का सरगना मुकेश मेघवाल पुत्र मोहनलाल निवासी साजी(रोहट) है। एसपी दीपक भार्गव ने बताया कि दोनों गिरोह के सरगनाओं के आठों साथियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है, जिन्होंने पाली शहर के अलावा सोजत, जैतारण, सादड़ी जालोर जिले में 38 वारदात करना कबूल किया है। सूने मकानों में सेंधमारी कर इन बदमाशों ने करीब 70 लाख रुपए से अधिक का सामान चोरी किया है। गिरोह में कुछ और लोग भी शामिल हैं, जिनके बारे में पूछताछ की जा रही है।

इसटीम ने कड़ी से कड़ी जोड़ गिरोह को पकड़ा : एएसपीज्योति स्वरूप शर्मा के निर्देशन में सीओ सिटी सुभाष शर्मा सीओ ग्रामीण नरेंद्र शर्मा के साथ सदर थाना एसएचओ देरावरसिंह सोढ़ा कोतवाल अमरसिंह रतनू के नेतृत्व में एक स्पेशल टीम गठित की गई। टीम में उप निरीक्षक दाऊद खान, एएसआई सुरेश कुमार बारोलिया, हैडकांस्टेबल शाह रसूल, गौतम आचार्य, कांस्टेबल धनराज, सोहनलाल, बलवंताराम, हरकेशमान, जितेन्द्र वागोरा, राकेश शर्मा, धुड़ाराम, गोपालचंद, संदीप यादव, ओमप्रकाश सीरवी, जसाराम कुमावत शामिल थे।

यहआरोपी कर रहे थे चोरी-नकबजनी की वारदात : पुलिसने गिरोह के सरगना जैतारण के सिपाहियों का बड़ा बास निवासी अकरम बेग (36) पुत्र ताहिर बेग, मूलाराम भाट (24) पुत्र अकाराम निवासी मस्तान बाबा, पाली, मुकेश मेघवाल (21) मोहनलाल निवासी साजी हाल शिवाजी नगर, पाली को गिरफ्तार किया। गिरोह में शामिल आरोपी विनोद राव पुत्र किशोर भाट निवासी सरदार पटेल नगर पाली, पिंटू उर्फ देवीसिंह पुत्र बद्रीसिंह निवासी राजेंद्र नगर, राधाकृष्ण मंदिर के सामने पाली, टोनी उर्फ पूरणसिंह पुत्र किशनलाल यादव पेशा कार ड्राइविंग निवासी सदगुरू नगर भालेलाव रोड पाली, प्रकाश पुत्र बाबूलाल मालवीय लोहार निवासी हिम्मत नगर नालंदा स्कूल के पास पाली, रंजत उर्फ रंजीत आदिवाल पुत्र प्रेमप्रकाश आदिवाल निवासी सर्वोदय नगर पाली, जीतू उर्फ जितेंद्र पुत्र भगाराम भाट निवासी सुभाष नगर बी पाली, रमेश भाट पुत्र भंवरलाल निवासी सुभाष नगर बी पाली तथा धन्नाराम मेघवाल निवासी भगवानपुरा, ब्यावर हाल जोगासिंह का मकान सरदार पटेल नगर पाली को गिरफ्तार किया।

सोजत कॉलेज में प्रमाण-पत्रों की जांच शुरू

सोजत | स्थानीयराजकीय महाविद्यालय में अंतरिम प्रवेश प्रतिक्षा सूची में चयनित होने वाले अभ्यर्थियों के मूल दस्तावेजों की जांच शुल्क जमा करने का कार्य शुरू कर दिया गया है। प्राचार्य डॉ. रतन शर्मा ने बताया कि जिन विद्यार्थियों का नाम अंतरित सूची में है, वे तीन जुलाई तक अपने मूल प्रमाण पत्र उनकी प्रतिलिपियां लेकर महाविद्यालय में पहुंच सकते हैं। इसके बाद उन्हें ई-मित्र कियिोस्क अपना शुल्क जमा करवाना होगा, जिसकी अंतिम सूची 4 जुलाई रखी गई है।

गाडिया लौहारों को पट्टे देने की मांग

सोजत | राष्ट्रीयगाडिया लौहार महासभा के पदाधिकारियों ने बुधवार को एसडीएम मुकेश चौधरी को ज्ञापन सौंपकर राज्य सरकार द्वारा उन्हें आवंटित जमीन पर पट्टा देने की मांग की है। समाज के माणकचंद बोराणा नारायण बोराणा की अगुवाई में सौंपे ज्ञापन में बताया कि राज्य सरकार द्वारा शहर की एक जगह पर गाडिया लौहार समाज के लोगों को बसाने के लिए जमीन आवंटन किया था। ऐसे में इस जमीन पर गाडिया लौहार समाज के लोगों को ही पट्टे दिए जाए अन्य को नहीं।

उड़ान की मंजूरी नहीं मिली, खनिज ढूंढने आए तीनों विदेशी एयरक्रॉफ्ट 14 दिन बाद लौटे

मंजूरी के लिए 14 दिन तक सोजत हवाई पट्‌टी पर खड़े रहे 3 विमान

बहुमूल्यखनिज संपदा की खोज के लिए 14 दिन पहले न्यूजीलैंड से सोजत हवाई पट्टी पर आए तीनों खोजी विमान बुधवार को वापस लौट गए। इनमें से दो विमानों ने सुबह 6.30 बजे टेकऑफ किया एक विमान दोपहर सवा बजे यहां से रवाना हुआ।

सूत्रों से जानकारी मिली है कि तीनों विमान अपने नए मिशन के लिए हरियाणा के लिए रवाना हुए हैं। विमान लंबे इंतजार तक सोजत में खड़े रहने के बाद इन्हें अचानक वापस जाने के लिए कंपनी के अधिकारियों को पूछा गया तो उन्होंने इसका स्पष्ट कारण बताने से मना कर दिया। उन्होंने इतना जरूर बताया कि अब बारिश का मौसम शुरू हो गया है, जिससे खोज करने का कार्य प्रभावित होता है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि बारिश की सीजन के बाद यह तीनों विमान वापस सोजत हवाई पट्टी पर आएंगे और अपने तय मिशन पर खनिजों की खोज के लिए उड़ान भरेंगे।

एटीसीकी परमिशन नहीं होने के कारण विमान लौटने की संभावना : बतायाजाता है कि विमानों को एयर ट्रैफिक कंट्रोल की तरफ से उड़ान भरने की अनुमति नहीं मिली। हालांकि किसी ने इसकी पुष्टि नहीं की। इन्हें केंद्रीय भू-सर्वेक्षण विभाग ने पाली, जालोर, सिरोही, जैसलमेर, आबूरोड क्षेत्र में खनिजों का हवाई सर्वे करने के लिए अधिकृत किया था।

जल्दवापस आएंगे विमान ^बारिशके मौसम के कारण फिलहाल खोज का कार्यक्रम रोकना पड़ा और तीनों प्लेन को नए मिशन के तहत हरियाणा में किसी जगह पर भेजा गया है। जैसे ही बारिश की सीजन खत्म हो जाएगी, तब तीनों प्लेन वापस सोजत आएंगे और नियमित रूप से खनिजों की खोज के लिए रोजाना उड़ान भरेंगे। -सुभाषविश्वास, प्रोजेक्टऑपरेशनल मैनेजर, मेक्फार इंटरनेशनल

हवाई पट्टी पर पूरी थी उड़ान की तैयारी

तीनोंविमानों के सोजत पहुंचने के बाद कुछ ही दिनों में उड़ान के लिए तकनीकी स्टॉफ भी सोजत पहुंच गया था। इसके अलावा विमान में डाले जाने वाले डीजल से भरे ड्रम दो मिनी ट्रकों के द्वारा हवाई पट्टी पर पहुंच गए थे। इस दौरान करीब पांच दिन पहले पायलटों ने उड़ान के लिए तैयारियां भी पूरी कर दी, लेकिन अचानक वापस टेकऑफ को कैंसिल करना पड़ा।

सोजत.खनिज संपदा की खोज के लिए विमान 14 दिन रन-वे पर ही खड़े रहे। बुधवार को वे वापस खाली हाथ ही लौटे।

खाली हाथ