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बजट 2019: मोदी सरकार किसानों पर मेहरबान

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बजट 2019: मोदी सरकार किसानों पर मेहरबान

लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी सरकार ने अंतरिम बजट 2019 पेश कर दिया है, सरकार जहां इसे ऐतिहासिक बजट बता रही है तो विरोधी दल अंतिम जुमला करार दे रहे हैं. समाज के हर वर्ग को साधने वाला यह बजट छोटे किसानों को हर साल 6 हजार रुपये की मदद को लेकर ज्यादा चर्चा में है  PM नरेंद्र मोदी ने भी इसे किसानों को मजबूती देने वाला बजट बताया है | हालांकि, अब सवाल ये उठ रहे हैं कि किसानों की मांग क्या थीं, और उन्हें मिला क्या?



मोदी सरकार के कार्यकाल में किसानों के आंदोलन विरोध की बड़ी आवाज बने हैं. यहां तक कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हालिया हार को भी किसानों के गुस्से के नतीजे के तौर पर ही देखा गया ऐसे में PM मोदी सरकार ने बजट के जरिए 2 हेक्टेयर तक जमीन वाले किसानों के खाते में हर साल किश्तों में 6 हजार रुपये सीधे खातों में भेजने का फैसला लिया.

मसलन, दो हेक्टयर तक जमीने वाले किसानों को 500 रुपये महीना दिया जाएगा, इसके तहत मार्च में 2000 रुपये की पहली किश्त खातों में आ जाएगी. पहली किश्त के बाद देश में चुनाव होने हैं यानी नई सरकार का गठन होगा. सरकार के इस कदम को चुनाव बताते हुए कांग्रेस नीयत पर सवाल उठा रही है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रोजाना 17 रुपये किसानों को देने वाले मोदी सरकार के फैसले को किसानों का अपमान बताया है|

किसान नेताओं ने क्या कहा

होशंगाबाद जिले के किसान दीपक रघुवंशी ने कहा कि सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार लागत का डेढ़ गुना दाम देने की बात कही थी, मगर बजट में तो उसका जिक्र ही नहीं है. वहीं, किसान नेता केदार सिरोही कहना है कि किसानों को कर्जमाफी और लागत का उचित मूल्य दिया जाना चाहिए, देश में किसानों पर सात लाख करोड़ रुपये का कर्ज है. महज 6000 रुपये सालाना देने से किसानों की समस्या का हल नहीं होने वाला है.

बजट में प्रस्ताव



किसानों के नाम पर बजट में कुछ और बातें भी कही गई हैं. बजट में कहा गया है कि मछली पालन के लिए अलग विभाग बनाया जाएगा, मछुआरों को क्रेडिट कार्ड से कर्ज पर 2 फीसद की छूट दी जाएगी, प्राकृतिक आपदा में किसानों को 2 फीसद ब्याज छूट दी जाएगी और समय से कर्ज लौटाने पर तीन फीसद अतिरिक्त ब्याज माफ किया जाएगा. लेकिन ये तमाम बातें महज प्रस्ताव हैं. मौजूदा मोदी सरकार को इसमें से कोई काम नहीं करना है. जो भी करना होगा अगली सरकार करेगी. फिर चाहे वो मोदी सरकार रिपीट हो या सरकार बदल जाए.

हालांकि, किसानों को खुश करने के लिए सरकार 6 हजार रुपये के साथ प्रस्तावों को ही काफी मान रही है. पीएम मोदी भी खुश हैं कि उन्होंने किसानों के लिए बड़ा काम किया है. उन्होंने कहा कि पहले किसान योजनाओं का लाभ केवल 2-3 करोड़ किसानों को मिलता था, अब 12 करोड़ किसानों को मिलेगा.

यह बढ़ा हुआ महज किसान नहीं है, बल्कि ये वोटर भी हैं, जिन्हें अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव में वोटिंग करनी है और उससे ठीक पहले उनके खातों में 2 हजार रूपये की पहली किश्त पहुंच जाएगी. 12 करोड़ किसानों का मतलब है करीब 36 करोड़ मतदाता.



बहरहाल, विपक्ष पीछे पड़ गया है कि सरकार ने अंतरिम बजट में प्रस्ताव के नाम पर लोगों की उम्मीदों का मजाक उड़ाया है, लेकिन जो भी हो सरकार ने छूट का छक्का तो मार दिया है. इतना तय है कि अगली सरकार जो भी आएगी वो इन प्रस्ताव को निगलेगी तो मुश्किल होगी और उगलेगी तो मुश्किल होगी.

दुनिया के भ्रष्ट देशों की लिस्ट जारी, भारत में कम हुआ करप्शन

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रिपोर्ट: भारत में कम हुआ करप्शन, चीन-पाकिस्तान रूस ज्यादा भ्रष्ट

भारत 2017 की List में 81वें स्थान पर था और अब वह 78 वें पर पहुंच गया है जबकि दुनिया के सबसे 20 बेहतर देशों की सूची से अमेरिका बाहर हो गया है साथ ही पाकिस्तान की हालत अब भी बेहद खराब

दुनिया के भ्रष्ट देशों की list जारी की गई है जिसके हिसाब से भारत की स्थिति में सुधार हुआ है 180 देशों की इस list में भारत तीन स्थान के सुधार के साथ 78 वें पायदान पर पहुंच गया है यानी रूस, चीन और पाकिस्तान समेत 102 देशों में भारत से ज्यादा भ्रष्टाचार है इस report के मुताबिक, सोमालिया दुनिया का सबसे भ्रष्ट देश है.

भ्रष्टाचार-निरोधक संगठन ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने वैश्विक भ्रष्टाचार सूचकांक, 2018 जारी किया है इस list में दुनिया के 180 देशों के नाम हैं पहले नंबर पर डेनमार्क है, यानी वहां सबसे कम भ्रष्टाचार होता है जबकि भारत का नंबर 78 है, इससे पहले 2017 में आई list में भारत की रैंक 81 थी यानी पिछले एक साल के अंदर भारत में भ्रष्टाचार कम हुआ है.



हालांकि, यह सुधार काफी मामूली है. 2017 की बात की जाए भारत को 40 अंक मिले थे. जबकि इस साल भारत के खाते में 41 अंक आए हैं. यानी एक अंक की बढ़ोतरी के साथ भ्रष्ट देशों के पायदान पर भारत नीचे आया है.

चीन और पाकिस्तान की हालत खराब

भारत की रैंकिंग में जहां सुधार हुआ है तो वहीं पड़ोसी मुल्क चीन और पाकिस्तान की स्थिति काफी खराब है इस list में चीन 87 वें पायदान पर है और पाकिस्तान बहुत ज्यादा बुरी स्थिति में है. 180 देशों की list में पाकिस्तान 117वें स्थान पर है. यानी वहां भारत से कहीं ज्यादा करप्शन है.




सोमालिया सबसे भ्रष्ट, अमेरिका की हालत खराब

भ्रष्टाचार के मामले में सबसे खराब हालत सोमालिया की है. जबकि सबसे बेहतर देश डेनमार्क है उसके बाद न्यूजीलैंड, फिनलैंड, सिंगापुर, स्वीडन और स्विट्जरलैंड का नंबर आता है. डोनाल्ड ट्रंप के राज में अमेरिका की स्थिति भी खराब हुई है इस साल अमेरिका को 71 प्वाइंट मिले हैं और वह टॉप 20 देशों से बाहर हो गया है. इस साल अमेरिका की रैंक 22 है, जो पहले 18 थी. बता दें कि साल 2011 के बाद यह पहला मौका है जब भ्रष्टाचार सूचकांक में अमेरिका टॉप 20 बेहतर देशों में शामिल नहीं है. इस वैश्विक भ्रष्टाचार सूचकांक में करीब दो तिहाई से अधिक देशों को 50 से कम अंक मिले हैं. हालांकि देशों का औसत प्राप्तांक 43 रहा है.



सोजत | ओस की बूंदें बनने लगी बर्फ, न्यूनतम तापमान पहुंचा माइनस 0.4 डिग्री पर,

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ओस की बूंदें बनने लगी बर्फ, न्यूनतम तापमान पहुंचा माइनस 0.4 डिग्री पर

सोजत | मंगलवार को लगातार तीसरे दिन पारा जमाव बिंदु के नजदीक रहने से सर्दी से लोग ठिठुरते रहे। न्यूनतम तापमान माइनस 0.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। तापमान में गिरावट से सर्दी के तेवर और तेज हो गए हैं, जिले भर में लगातार तीसरे दिन भी जगह-जगह ओस की बूंदें बर्फ में तब्दील हो गई, कड़ाके की पड़ रही सर्दी के कारण लोगों की दिनचर्या पर भी असर पड़ा है। सर्दी के कारण शाम को जल्द ही लोग घरों में दुबकने लगे है। मंगलवार को अधिकतम तापमान 20.2 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। हालांकि यहां सर्दी की दस्तक पहले से ही हो गई थी. लेकिन फरवरी में पहली बार रविवार को पारा जमाव बिंदु पर चले जाने के बाद से ही मौसम अचानक बदल गया है। माउंट आबू में अलसुबह कोहरा छाया रहा। वहीं जिलेभर में दिनभर चली शीतलहर से जनजीवन प्रभावित हो गया पाली में गिरे तापमान के कारण सुबह लोगों को ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा लेना पड़ा, वहीं लोग भी दिनभर गर्म कपड़ों में लिपटे रहे।




जनवरी शीतलहर ने लोगों को झकझोरा

पाली में गिरे तापमान का असर समूचे जिले में नजर आ रहा है। मंगलवार को जिला मुख्यालय समेत पूरे जिले में सवेरे कोहरा छाया रहा। वहीं शीतलहर ने लोगों को ठिठुरा दिया है। इससे देर सुबह तक शहरवासी बिस्तर में ही दुबके रहे।

31 जनवरी के पास पश्चिमी विक्षोभ होगा सक्रिय, बादल छाए रहेंगे

मौसम विशेषज्ञ गोरधनसिंह का कहना है कि अभी तीन दिन तक सर्दी से राहत नहीं मिलने वाली है। 31 जनवरी के पास एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। इसके बादल छाएंगे व पारा कम होने की संभावना है। सर्द हवा चलने से शहरवासियों को दिन में ऊनी कपड़ों का सहारा लेना पड़ रहा है।


तीन दिन से जमाव बिंदु पर तापमान

आगे क्या

तीन दिन जमाव बिंदु के आसपास रह सकता है पारा

मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल तापमान में गिरावट जारी रहेगी.  उत्तरी हवा का दबाव बने रहने से न्यूनतम तापमान तीन दिन तक जमाव बिंदू के आसपास रहने की संभावना है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार सर्दी बढ़ने की वजह है जम्मू कश्मीर समेत उत्तर भारत में कई स्थानों पर बर्फ बारी और उत्तरी हवा का दबाव बढ़ना है।



KUMBH MELA 2019 : एक करोड़ सात लाख लोगों ने लगाई आस्था की डुबकी

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KUMBH MELA 2019 : एक करोड़ सात लाख लोगों ने लगाई आस्था की डुबकी

Kumbh Mela 2019 : एक करोड़ सात लाख लोगों ने लगाई आस्था की डुबकी

बाबाओं के ट्विटर एकाउंट पर छाया कुंभ, फेसबुक लाइव मिल रहे बाबा

संगम की रेती पर पधारे कई संत हाईटेक भी हैंं। इनमें कई शंकराचार्य और संत-महात्मा कुंभ से जुड़े विचार और फोटो को अपने ट्विटर पर भी पोस्ट कर रहे हैं। कुछ बातों को हैस टैग लगाकर भी लिखा जा रहा है गोवर्धन पीठाधीश्वर स्वामी निश्वानंद ऐसे पहले शंकराचार्य हैं, जिन्होंने अपना ट्विटर एकाउंट बना रखा है। गोवर्धन मठ के नाम से भी उनका ट्विटर एकाउंट है। ज्यादातर बातें वह मठ वाले एकाउंट पर ही लिखते है। अपने पर्सनल ट्विटर एकाउंट पर अभी उन्होंने जो लिखा है वह काफी रोचक है। लिखा है कि यदि मेरे शिष्य बनना है तो इस कार्य में तत्परता से जुट जाओ। शंकराचार्य के अभी सिर्फ 46 फालोवर है इसी तरह जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद अपने ट्विटर एकाउंट पर नियमित पोस्ट करते रहते हैं। कुंभ के शाही स्नान पर भी उन्होंने लिखा है कि भारत की कालजयी-मृत्युंजयी संस्कृति की दिव्य अभिव्यक्ति कुंभ पर्व, प्रयागराज 2019 के अंर्तगत प्रथम शाही स्नान एवं मकर संक्रांति के कल्याणकारी, मोक्षदायक पर्व काल पर पुण्यार्जन हेतु पधारे संत-सतपुरुषों एवं साधकगणों का हाॢदक अभिनंदन। शाही स्नान के बाद फिर उन्होंने लिखा कुंभ पर्व भारत की सामाजिक-समरसता, सांस्कृतिक एकता और दिव्यता की अनुपम अभिव्यक्ति है।


सबसे ज्यादा फालोअर बाबा रामदेव के है। वह जनवरी के आखिरी सप्ताह में यहां गुरुशरणानंद के आश्रम में आने वाले हैं। बाबा के फालोअर की संख्या करीब 17 लाख है। वह भी रोजना ट्विटर पर अपने विचार पोस्ट करते रहते हैं। इसी तरह  स्वामी चिंदानंद मुनि का व्यक्तिगत और उनके आश्रम परमार्थ निकेतन के नाम से ट़्विटर एकाउंट है। परमार्थ निकेतन के एकाउंट पर उन्होंने मकर संक्रांति के अवसर पर कुंभ स्नान की अपनी तस्वीर भी पोस्ट की है। इसके अलावा कई संतों ने अपने व्हाट्एप ग्रुप  और फेसबुक पेज बनाकर कुंभ से जुड़ी जानकारियां लगातार फोटो के साथ पोस्ट कर रहे हैं। स्वामी हंसदेवाचार्य का जगन्नाथ ट्रस्ट, शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती के आदि शंकराचार्य सुमेरुपीठ नाम के व्हाट्एप ग्रुप पर कुंभ से जुड़ी तमाम जानकारियां मिल जाएंगी। इसी तरह आर्ट आफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर भी ट्विटर पर रोजाना पोस्ट करते रहते है। वह भी अमावस्या स्नान तक कुंभनगरी में पहुंच जाएंंगे


Kumbh Mela 2019 : मकर संक्रांति के मौके पर शाही स्नान के साथ ही प्रयागराज में कुंभ का शंखनाद हो गया है। कड़ाके की सर्दी में अलग-अलग अखाड़ों के साधु गंगा में डुबकी लगा रहे हैं। हर तपस्वी की यही इच्छा होती है कि वो धर्म के सबसे बड़े मेले में संगम तट पर शाही स्नान का हिस्सा बनें ऐसे में सालों बाद जब (Kumbh Mela 2019 ) ये मौका आया तो कड़ाके की ठंड को भी मात देते हुए संन्यासियों ने शाही स्नान किया पूरे धूमधाम से शोभा यात्रा निकालते हुए निरंजनी और आनंद अखाड़े के साधु संतों ने संगम तट पर शाही स्नान किया  (Kumbh Mela 2019 ) केंद्रीय मंत्री निरंजन ज्योति को निरंजनी अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया गया है। वह भी इस पावन पर्व पर कुंभ (Kumbh Mela 2019 ) के शंखनाद की साक्षी बनीं।


चुनाव परिणाम के अगले ही दिन बंद कर दी पिछली सरकार द्वारा चलवाई गई रोडवेज बस, यात्री परेशान

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चुनाव परिणाम के अगले ही दिन बंद कर दी पिछली सरकार द्वारा चलवाई गई रोडवेज बस, यात्री परेशान

पिछले दो साल से करमावास से वाया कुशालपुरा होते हुए जोधपुर जाने वाली बस सरकार बदलते ही बंद कर दी गई है। पाली डिपो द्वारा संचालित इस बस से हाइवे के अंदरूनी हिस्सों में बसे करीब दो दर्जन से अधिक गांवों को बडी राहत मिल रही थी। लेकिन चुनाव परिणामों के अगले ही दिन बस बंद हो जाने से लोगों की बड़ा झटका लगा है, क्योंकि इस रूट पर चलने वाली यह इकलौती सरकारी बस थी। इस बस के जरिए सरकार को काफी अच्छा राजस्व भी मिल रहा था। लेकिन इसके बावजूद बस बंद कर दिए जाने के चलते इस इलाके के लोगों में नई सरकार के प्रति रोष भी है।



आजादी के बाद पहली बार चली थी सरकारी बस : सुबह साढ़े छह बजे करमावास पट्टा से रवाना होकर दोरनडी, पिपलिया कलां, कुशालपुरा, चावंडिया कलां, झांझनवास, बिंझवाडिया और बिलाड़ा होते हुए यह बस सुबह करीब ग्यारह बजे जोधपुर पहुंचती। जिन गांवों से होकर यह बस निकल रही थी उनमें से अधिकांश गांवों में आजादी के बाद पहली बार सरकारी बस सेवा प्रारंभ हुई थी। इससे पूर्व सालों तक निजी बस चालकों ने इन रूट्स पर बसें चलाकर बड़ा मुनाफा कमाया। लेकिन इस बस के प्रारंभ होने के बाद कई निजी बस चालकों को अपनी सेवाएं बंद करनी पडीं क्योंकि क्षेत्र के लोग सरकारी बस में सफर कर राजस्व बढ़ोतरी करवाना चाहते थे जिससे बस बंद करने का कोई बहाना अधिकारियों को न मिल पाए। लेकिन लोगों की इस कोशिश के बावजूद रोडवेज के अधिकारियों ने बस बंद कर ही दी।