फिर से 80 पर पहुंचेगा पेट्रोल? इस वजह से बढ़ सकता है बोझ
पेट्रोल की कीमतें फिर से 80 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच सकती हैं. अगर ऐसा होता है तो सरकार पर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर दबाव बढ़ सकता है. आगे हम आपको बता रहे हैं कि किस वजह से पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने का खतरा पैदा हुआ है.
नवंबर महीने में पेट्रोल और डीजल की कीमतें फिर बढ़ सकती हैं. इसकी वजह बनेगी कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें.
भारतीय बास्केट के लिए कच्चे तेल का दाम पिछले 27 महीनों के ऊपरी स्तर पर पहुंच गया है. पेट्रोलियम मंत्रालय के मुताबिक 30 अक्टूबर को भारतीय बास्केट के लिए कच्चे तेल की कीमत 58.92 डॉलर प्रति बैरल थी.
जिस तेजी से कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा हो रहा है. इससे तेल कंपनियों की लागत बढ़ी है. तेल कंपनियों पर बढ़ रहे इस भार को कंपनियां आम आदमी पर डाल सकती हैं और इससे पेट्रोल व डीजल की कीमतों में इजाफा हो सकता है.
कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों का असर पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर दिखना शुरू हो गया है. मंगलवार को दिल्ली में पेट्रोल जहां 69.13 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है. वहीं, डीजल की कीमत भी 57.70 रुपये प्रति लीटर पहुंच चुकी है.
जीएसटी एकमात्र रास्ता : कीमतें बढ़ने से एकबार फिर पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के तहत लाने की मांग उठ सकती है. पिछले दिनों ऑयल मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान समेत महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस भी पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के तहत लाने की मांग कर चुके हैं.
खत्म हो जाएगा एक्साइज और वैटअगर पेट्रोल जीएसटी के तहत आ जाता है, तो एक्साइज ड्यूटी और राज्यों की तरफ से लगने वाला वैट खत्म हो जाएगा. नई टैक्स नीति के तहत मौजूदा दरों के हिसाब से डीलर कमीशन जुड़ने के बाद एक लीटर पेट्रोल की कीमत 33.66 रुपए हो जाती है. इसमें 28 फीसदी जीएसटी जोड़ने पर आपको 9.42 रुपये और देने होंगे. इस तरह 1 लीटर पेट्रोल दिल्ली में आपको 43.08 रुपये में मिलेगा.
41 रुपये का मिलेगा एक लीटर डीजलडीजल की बात करें, तो डीलर कमीशन जुड़ने के बाद यह 32.15 रुपये हो जाता है. इसमें 28 फीसदी जीएसटी जोड़ा जाए, तो 9.02 रुपये और जुड़ेगा. इस तरह 1 लीटर डीजल आपको महज 41.17 रुपये में मिलेगा.
कच्चे तेल की कीमतों का कम होगा दबाव : अगर पेट्रोल और डीजल जीएसटी के तहत आ जाएंगे, तो उनकी कीमत मौजूदा कीमतों से सीधे आधी हो जाएंगी. इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतों में बदलाव होने पर भी आम आदमी की जेब पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ेगा.