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‘पद्मावती’ को आज मिल सकती है सेंसर बोर्ड से हरी झंडी

दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर स्टारर फिल्म ‘पद्मावती’ 1 दिसंबर को रिलीज होने वाली थी. लेकिन बढ़ते विवाद के बाद संजय लीला भंसाली की इस फिल्म पर रोक लग गई और इसकी रिलीज टाल दी थी. इंडिया टुडे में छपी खबर के मुताबिक अब दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर स्टारर फिल्म को आज सेंसर की हरी झंडी मिलने की संभावना है. खबरों की मानें तो फिल्‍म की रिलीज को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि ये फिल्म 5 या 12 जनवरी को रिलीज हो सकती है.

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फिल्म को लेकर लंबे समय से हंगामा  इस बात पर है कि संजय लीला भंसाली ने अपनी फिल्म में पद्मावती के व्यक्तित्व को तोड़ा मरोड़ा है.  मेकर्स की ओर से 17 नवंबर को सेंसर बोर्ड को कॉपी सौंपी गई है. फिल्म के निर्माताओं की ओर से सेंसर बोर्ड को जो डॉक्युमेंट भेजे गए थे उसमें कई तरह की खामियां बताई गईं थी.

पद्मावती विवाद: मंत्रियों की बयानबाजी को लेकर SC की केंद्र सरकार को फटकार

बता दें कि पद्मावती पर जारी विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जमकर खरी-खोटी सुनाई थी. सुप्रीम कोर्ट के निशाने पर वो मुख्यमंत्री, मंत्री और जनप्रतिनिधि भी थे जिन्होंने हाल के दिनों में पद्मावती को लेकर गैर जिम्मेदार बयान दिए. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी  हिदायत दी कि सेंसर बोर्ड की क्लीयरेंस से पहले फिल्म के खि‍लाफ बयानबाजी बंद करें. इससे खराब माहौल बन रहा है.

 

सोजत | बाजारमें आपके पास ना कैश है और ना ही डेबिट कार्ड, तो आप खरीदारी नहीं कर पाएंगे, लेकिन अब केंद्र सरकार ने आमजन…

सोजत | बाजारमें आपके पास ना कैश है और ना ही डेबिट कार्ड, तो आप खरीदारी नहीं कर पाएंगे, लेकिन अब केंद्र सरकार ने आमजन को केशलैस की तरफ ले जाने के लिए कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। सरकार ने भीम आधार बेस्ड पे नाम से नई योजना शुरू की है, जो खास तौर पर छोटे व्यापारियों, सीमित खरीदारी करने वालों और ग्रामीण तबके के लोगों के लिए है।

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दो गुटों में बंटे सेवारत चिकित्सक, एक दिन ही अवकाश लेकर वापस ड्यूटी पर लौटे 50 डॉक्टर

सेवारतचिकित्सकों के सामूहिक अवकाश के पहले ही दिन सोमवार को संघ से जुड़े डॉक्टर दो धड़ों में बंट गए हैं। एक धड़ा जहां अपनी मांगों को लेकर सोमवार से सामूहिक अवकाश पर चला गया है, वहीं दूसरे धड़े में शामिल 50 से अधिक डॉक्टर सामूहिक अवकाश के बाद भी काम पर लौटे और मरीजों को देखा। जानकारी के अनुसार अखिल राजस्थान राज्य सेवारत संघ से जुड़े जिले के 200 से अधिक चिकित्सक सोमवार से 33 सूत्रीय मांगें पूरी नहीं होने और पदाधिकारियों के तबादले के विरोध में सामूहिक अवकाश पर जाने का निर्णय लिया था। ऐसे में कई डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर भी चले गए, लेकिन जिले के 50 डॉक्टर सोमवार को काम पर लौटे और मरीजों को देख अस्पताल में व्यवस्थाएं संभाली, वहीं बांगड़ अस्पताल में मेडिकल काॅलेज से जुड़ी फैकल्टी ने भी मरीजों को देखा।

बांगड़में 13 और जिले में 38 से अधिक डॉक्टर आए काम पर : गौरतलबहै कि सामूहिक अवकाश की घोषणा करने के बाद से रेस्मा लागू कर दिया था। इसके तहत शुक्रवार देर रात से ही पुलिस ने गिरफ्तारी की कार्रवाई शुरू कर दी थी। इसको लेकर बांगड़ में रविवार को करीब 19 डॉक्टर काम पर नहीं आए, वहीं जिले में केवल 25 डॉक्टर ही थे। सोमवार को बांगड़ में 32 में से 11, जिले में करीब 33 और सोजत उपजिला अस्पताल में 5 डॉक्टर ही काम पर आए।

– सोमवार को बांगड़ अस्पताल के 13 और मेडिकल कॉलेज के 15 डॉक्टर्स ने व्यवस्थाएं संभाली। कई डॉक्टर काम पर लौटे हैं। सोनोग्राफी बंद रही। बाकी सामान्य तौर पर ओपीडी का संचालन किया गया। इसमें कोई परेशानी नहीं आई।

– डॉ. एमएस राजपुरोहित, पीएमओ, बांगड़ अस्पताल, पाली

कलेक्टर ने डॉक्टरों के अवकाश किए निरस्त

राज्यसरकार में सेवारत चिकित्सकों के हड़ताल पर जाने की घोषणा को देखते हुए कलेक्टर सुधीर कुमार शर्मा ने जिले में कार्यरत सभी चिकित्सा अधिकारियों, चिकित्सकों, पैरामेडिकल, नर्सिंग स्टाफ एवं चिकित्सा कार्मिकों के सभी प्रकार के अवकाश तुरंत प्रभाव से निरस्त कर किए हैं। साथ ही उन्हें कार्यस्थल पर उपस्थिति प्रस्तुत करने के लिए निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने आदेश में बताया कि किसी भी चिकित्सा अधिकारियों, चिकित्सकों, पैरा मेडिकल, नर्सिंग स्टाफ, चिकित्सा कार्मिकों को किसी भी प्रकार का अवकाश, मुख्यालय छोड़ने की अनुमति कलेक्टर की स्वीकृति के बिना नहीं दी जाए। उन्होंने बताया कि यदि कोई भी चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सक, पैरा मेडिकल, नर्सिंग स्टाफ, चिकित्सा कार्मिक कलेक्टर की स्वीकृति के बिना अवकाश या मुख्यालय से बाहर रहता है तो उसके विरुद्ध विभागीय नियमों के तहत कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी।

1200 की ओपीडी में 28 डॉक्टर, ऑपरेशन हुए, लेकिन सोनोग्राफी रही बंद

बांगड़अस्पताल में साेमवार को 1200 से अधिक की ओपीडी रही। इस दौरान सेवारत डॉक्टर और मेडिकल कॉलेज की फैकल्टी को मिलाकर करीब 28 डॉक्टर ने पूरी ओपीडी आईपीडी संभाली। इस दौरान 8 ऑपरेशन भी हुए, लेकिन सोनोग्राफी पूरी तरह से बंद रही। इसके लिए मरीजों को बाहर से सोनोग्राफी करवानी पड़ी।

सोजत में सर्विस लेन के लिए खोदे गड्ढे में आए दिन हो रहे हादसे, फिर भी जिम्मेदारों कर रहे अनदेखी

सोजतमें हाईवे के निकट पाली रोड पर इन दिनों सर्विस लेन के साथ नाले बनाने का काम चल रहा है। लेकिन निर्माण कंपनी की लापरवाही के चलते आए दिन लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं।

निर्माण कंपनी ने तो यहां कोई बैरिकेडिंग लगाई और ही निर्माण कार्य जारी होने की सूचना। सड़क से एकदम सटाकर गहरे-गहरे गड्ढे खोद दिए। मौके पर कोई रोशनी का प्रबंध भी नहीं है। इन में अब तक कई दुपहिया वाहन चालक राहगीर गिर चुके हैं। सोमवार रात करीब 8.30 बजे व्यवसायी जितेंद्र श्रीमाली अपनी कार से वहां से गुजर रहे थे। ज्यों ही उन्होंने सर्विस रोड से टर्न लिया अंधेरे के कारण गड्ढा दिखा नहीं और कार के एक साइड के दोनाें पहिए सड़क के दूसरी तरफ गड्ढे की तरफ झूल गए। कार में भी काफी नुकसान हुआ तो खुद श्रीमाली को भी मामूली चोटें आईं। मौके पर पहुंचे लोगों ने उनकी मदद की। साथ ही निर्माण कंपनी के अधिकारियों, पुलिस जनप्रतिनिधियों को शिकायत की लेकिन सबने आश्वासन देकर ही टाल दिया।

पाली. सर्विस लेन के लिए खोदे गए गड्‌ढे में फंसी कार।

गुजरात में BJP की जीत का सिक्सर, सीटें 100 पार

गुजरात और हिमाचल प्रदेश में मतगणना जारी है. रुझानों में गुजरात में बीजेपी सरकार बनाती हुई नजर आ रही है. ताजा नतीजों में बीजेपी 105 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि कांग्रेस 76 सीटें पा सकीं है. वहीं, हिमाचल प्रदेश में नतीजे बीजेपी के पक्ष में आते हुए दिखाई दे रहे हैं. यहां 40 सीटों पर बीजेपी आगे चल रही है. वहीं कांग्रेस 21 सीटें पा सकी है.

गुजरात चुनाव जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न हैं, वहीं यह देखना भी दिलचस्प होगा कि कांग्रेस के नए अध्यक्ष के रूप में राहुल गांधी इस परीक्षा में खरे उतर पाते हैं या नहीं. Exit Poll के बाद से भाजपा जहां जीत के प्रति आश्वस्त नजर आ रही है, वहीं कांग्रेस पाटीदारों का साथ मिलने से गुजरात में 22 साल बाद वापसी की उम्मीद में है.