सोजत | शहरकी प्रमुख समस्याओं को लेकर नागरिकों ने बुधवार को एसडीएम मुकेश चौधरी को ज्ञापन सौंप कर उनके निराकरण की मांग की। कांग्रेस नेता रतनप्रकाश ईचरशा उमाशंकर द्विवेदी की अगुवाई में सौंपे ज्ञापन में बताया कि अस्पताल में लंबे समय से चिकित्सकों के पद खाली है। इसके अलावा रेडियोलॉजिस्ट चिकित्सक के नहीं होने से सोनोग्राफी बंद पड़ी है। शहर में चोरियां रूकने का नाम ही नहीं ले रही, लेकिन नगर पालिका ने आज तक सीसीटीवी कैमरों के लिए बात ही आगे नहीं बढ़ाई।
केरल के कन्नूर में बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया है. इस हमले में 6 लोग जख्मी हो गए हैं. हमले में जख्मी हुए 2 लोगों की हालत गंभीर हैं. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सीपीआईएम पर इस हमले का आरोप लगाया है.
पुलिसस्टेशन से लौट रहे बीजेपी कार्यकर्ताओं पर अज्ञात लोगों के एक समूह ने तेज हथियारों के साथ हमला किया.
नीलेश्वरम शहर में भी हुआ हमला
इससे पहले अक्टूबर महीने में केरल में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह जनसुरक्षा यात्रा के शुरू होने के एक दिन पहले ही तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमले किए गए. केरल के नीलेश्वरम शहर में CPM के कार्यकर्ताओं के ऊपर बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमले करने का आरोप है. केरल में अमित शाह RSS-BJP के कार्यकर्ताओं की हो रही हत्याओं के खिलाफ जनसुरक्षा यात्रा शुरू कर रहे थे.
बता दें कि कासरगोड के बीजेपी जिला सचिव श्रीकांत ने बताया कि बीजेपी कार्यकर्ताजनसुरक्षा यात्रा कार्यक्रम के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग 66 के नीलेश्वरम बाजार में पार्टी के झंडा लगाने का काम कर रहे थे. इस बीच सत्ताधारी पार्टी CPM के करीब 20 कार्यकर्ताओं ने आकर हमला कर दिया. बीजेपी कार्यकर्ताओं को बुरी तरह से मारा पीटा गया है, इनमें तीन पार्टी कार्यकर्ता घायल हो गए.
छोटी-मोटीजरुरतों का पूरा करने के लिए जाने-अनजाने में लोग सूदखोरों से उधार में रुपए तो ले लेते हैं, लेकिन बाद में उसे चुकाने के फेर में सूदखोरों के चक्रव्यूह में ऐसे फंस जाते हैं कि वहां से निकल नहीं पाते। जिनमें सूदखोरों के मोटे ब्याज चुकाने के लिए पीड़ित और ज्यादा कर्जा चढ़ा लेते हैं। मंगलवार को इंसानियत का शर्मसार करने वाले सूदखोरों के जाल में फंसे एक युवक का मामला एसपी के सामने आया। एसपी ने पीड़ित युवक के साथ सूदखोरों द्वारा किए गए अमानवीय व्यवहार को गंभीरता से लेते हुए कोतवाली थाना पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए। शाम को पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की हैं।
पूर्वमें भी मुकदमे, गिरफ्तारी नहीं : पूर्वमें भी कई पीड़ित युवक सूदखोरों के खिलाफ परेशान करने तथा ऋण ली हुई राशि चुकाने के बावजूद जान से मारने की धमकी देने वाले बाहुबली सूदखोरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा चुके हैं, मगर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
पीड़ितगणपत ने बताया कि पिछले काफी समय से वह सूदखोरों की धमकियों से डर कर परिवार के साथ पाली छोड़ सोजत में किराए के मकान में रह रहा हैं। सूदखोरों के जाल में फंस कर उसने रेडिमेड गारमेंट की दुकान खोई, पाली में एक प्लॉट भी बेच दिया। सोजत में मजदूरी कर रहा हैं, लेकिन सूदखोर उसका पीछा नहीं छोड़ रहे हैं। उसका कहना हैं कि दैनिक भास्कर द्वारा सूदखोरों के खिलाफ मामले उजागर होता देख हिम्मत जुटाकर वह मंगलवार को एसपी के समक्ष पेश होकर अपनी पीड़ा बताई।
10 लाख लिए, 23 लाख चुकाए, फिर भी रुपए बाकी
रामदेवरोड के रजत नगर निवासी गणपत प्रजापत ने रिपोर्ट में बताया कि रेडिमेड गारमेंट के व्यापार के लिए उसने रामदेव रोड के कालू भाई उर्फ राजेंद्र कुमार घांची से शुरूआत में 1 लाख रुपए उधार दिए, जिसके बदले आरोपी ने 10 फीसदी से ज्यादा ब्याज वसूला। उसने सूदखोर के जाल में फंसकर अकेले कालू भाई से 10 लाख रुपए का कर्जा चढ़ा लिया, इसके बदले उसने अब तक 22 लाख 85 हजार रुपए चुका दिए। आरोप हैं कि कर्जा उतारने के लिए उसने प्रॉपटी भी बेची, लेकिन फिर भी आरोपी सूदखोर उससे भारी रकम उधार बता रहा हैं।
इनसूदखोरों को भी बनाया आरोपी
रिपोर्टमें गणपत प्रजापत ने टैगोर नगर निवासी चंदा प|ी गजेंद्र शर्मा, रामदेव रोड निवासी घनश्याम शर्मा, सुनील शर्मा, राजू भाई सिंधी, श्याम सिंधी, राकेश कुमार, दिनेश नागौरी, पिंटू सेन, कुशल देवड़ा समेत दस लोगों को आरोपियों को नामजद बनाया हैं। रिपोर्ट में आरोप हैं कि इन सूदखोरों की धमकियों से परेशान होकर उसने पाली में घर छोड़़ सोजत में किराए के मकान लिया हैं। जहां मजदूरी कर वह परिवार का पेट पालता हैं, लेकिन आरोपी वहां आकर भी उसे धमका रहे हैं। कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज कर सभी आरोपियों को पूछताछ के लिए बुलाया हैं।
जिलेमें सेवारत 200 से अधिक डॉक्टर के हड़ताल पर जाने से दूसरे दिन ही हालात बिगड़ रहे हैं। सोमवार को हड़ताल का विरोध करते हुए बांगड़ में 11 सेवारत डॉक्टर काम पर आए थे, उनमें से ही दो डॉक्टर संघ के दबाव में नाइट ड्यूटी के दौरान सोमवार रात से ही हड़ताल पर चले गए। इधर, जिले के सोजत उपजिला अस्पताल समेत सीएचसी पीएचसी पर डॉक्टर नहीं होने की वजह से मरीजों को जिला अस्पताल में रैफर करना पड़ रहा है। हालात यह है कि इमरजेंसी में भी डॉक्टर ऑन काॅल पर उपलब्ध हो रहे हैं। दरअसल, अखिल राजस्थान राज्य सेवारत संघ की मांगे नहीं माने जाने पर सोमवार से जिले के सभी सेवारत डॉक्टर अवकाश पर चले गए थे। बांगड़ में 11 डॉक्टर काम पर आए थे। लेकिन, मंगलवार को इनमें से दो डॉक्टर संघ के दबाव में काम छोड़ अवकाश पर चले गए। वहीं सोजत उपजिला अस्पताल में करीब 800 की ओपीडी में महज 3 डॉक्टर ही मरीजों को देख रहे और आईपीडी भी संभाल रहे हैं। हालात यह है कि सामान्य मेडिसन के भी डॉक्टर नहीं होने की वजह से गंभीर मरीजों को रैफर करना पड़ रहा है। वहीं रात को इमरजेंसी में यह तीन डॉक्टर ही ऑन कॉल पर मरीज देख व्यवस्था संभाल रहे हैं।
सुमेरपुरक्षेत्र के निजी अस्पतालों में गंभीर मरीजों की होगी निशुल्क जांच, विधायक राठौड़ ने की अपील : सुमेरपुरसमेत आस-पास क्षेत्राें में स्थित निजी अस्पतालों में जरूरतमंद गंभीर मरीजों का निशुल्क इलाज होगा। इसके लिए उपमुख्य सचेतक विधायक मदन राठौड़ ने स्थानीय अस्पताल के संचालकों से फोन पर बात की। उन्होंने बताया कि इसके लिए निजी अस्पतालों ने सहमति जताई है। उन्होंने बताया कि सुमेरपुर विधानसभा क्षेत्र के तखतगढ़ में डाॅ. अवस्थी चिकित्सालय, डाॅ. जोशी चिकित्सालय, सुमेरपुर में डाॅ. अनिता राजपुरोहित चिकित्सालय, डाॅ. राज हॉस्पिटल, महावीर हॉस्पिटल समेत सांडेराव, कोसेलाव अन्य गांवों में निजी चिकित्सक सभी तरह की चिकित्सा सुविधाएं जरूरतमंदों को निशुल्क देने के लिए आगे आए हैं।
सोजतउपजिला अस्पताल में प्रतिदिन टल रहे हैं 8 ऑपरेशन, पांच मरीज रेफर : सोजतउपजिला अस्पताल में अभी स्त्री रोग विशेषज्ञ पीएमओ डॉ. अनसुइया हर्ष, नेत्र रोग डॉ. पुरुषोत्तम और हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. योगेश शर्मा ही मरीजों को देख रहे हैं। सर्जन नहीं होने की वजह से प्रतिदिन 8 ऑपरेशन यहां टल रहे हैं। वहीं दो दिन में सामान्य मेडिसन के गंभीर तीन सीजेरियन के दो मरीजों को बांगड़ अस्पताल में रेफर किया गया।
इधर, बिगड़ते हालातों के बीच राहत भरे आदेश, गंभीर मरीजों का भामाशाह योजना के तहत पंजीकृत निजी अस्पतालों में निशुल्क इलाज जांच
सेवारतडॉक्टर के हड़ताल पर जाने से बिगड़े हालातों के बीच कलेक्टर सुधीर कुमार शर्मा ने मरीजों के लिए राहत भरे आदेश जारी कर भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में शामिल निजी चिकित्सालयों को गंभीर जरूरतमंदों के निशुल्क इलाज जांच के आदेश जारी किए हैं। ऐसे में योजना में शामिल निजी अस्पतालों आपातकालीन मरीजों को सभी प्रकार की सुविधाएं निशुल्क प्रदान करेंगे। इमरजेंसी में इलाज से लेकर सर्जरी करवाना, अतिआवश्यक महिलाओं और मरीजों के लिए निशुल्क सोनोग्राफी, लैब जांच, एक्सरे, ईसीजी, सामान्य प्रसव सेवाएं आदि निशुल्क उपलब्ध कराएंगे।
अस्पताल में आपातकाल
{इमरजेंसीमें मरीजों के उपचार के लिए प्रशासन ऑनकॉल बुलवा रहा निजी अस्पतालों के डाॅक्टरों को
{ सेवारत चिकित्सक संघ के दबाव में बांगड़ के 11 में 2 डॉक्टर नाइट ड्यूटी छोड़ गए हड़ताल पर, ऑपरेशन के लिए निजी अस्पतालों से बुलाए तीन एनेस्थिसिया विशेषज्ञ
बांगड़ में ऑपरेशन जारी रखने के लिए तीन निजी एनेस्थिसिया विशेषज्ञ लगाए, दो ऑन काॅल
बांगड़अस्पताल में सामान्य दिनों में होने वाले ऑपरेशन हो रहे हैं लेकिन निश्चेतन विशेषज्ञ नहीं होने की वजह से एक बार के लिए ऑपरेशन को लेकर भी समस्या आई। इसके लिए तीन निजी निश्चेतन विशेषज्ञ लगाए गए हैं। एक महिला विशेषज्ञ कमलेश की दिन में ड्यूटी लगाई गई है, वहीं दो विशेषज्ञ रितेश भंसाली सुरेश सिंघवी को रात में नियुक्त किया है, जो इमरजेंसी ऑपरेशन होने पर ऑन कॉल रहेंगे।
जिले के अस्पतालों में बिगड़ रहे हालात, मरीज गुजरात जोधपुर के हॉस्पिटलों में जाने को विवश
सेवारतडॉक्टर के हड़ताल पर जाने से जिले में चिकित्सा व्यवस्था बिगड़ रही है। सोजत उपजिला अस्पताल में दो दिनों में पांच मरीज रैफर। गांवों में सीएचसी पीएचसी से भी मरीजों को किया जा रहा है रैफर। सोजत अस्पताल में ओपीडी से लेकर इमरजेंसी में मरीजों को देख रहे हैं तीन डॉक्टर। इमरजेंसी में ऑनकॉल बुलाया जा रहा है डॉक्टरों को, ऑपरेशन टाले।
आतंकवाद का पनाहगाह पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज आने का नाम नहीं ले रहा है. उसने एक बार फिर से परमाणु युद्ध की गीदड़भभकी दी है. पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल नासिर खान जंजुआ ने कश्मीर विवाद पर अमेरिका भारत की तरफदारी कर रहा है. दक्षिण एशिया में सुरक्षा हालात बेहद नाजुक हो गए हैं, जिसके चलते परमाणु युद्ध छिड़ सकता है.
यह पहली बार नहीं है, जब पाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियारों की धौंस दिखाई है. इससे पहले पिछले साल पाकिस्तान के तत्कालीन रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी भारत पर परमाणु हमला करने की धमकी दी थी. इस पर भारत और अमेरिका ने कड़ी आपत्ति जताई थी.
सोमवार को इस्लामाबाद में एक सेमिनार को संबोधित करते हुए जंजुआ ने कहा कि दक्षिण एशिया क्षेत्र में अस्थिरता का माहौल है. सुरक्षा हालात बेहद नाजुक हो गए हैं. ऐसे में परमाणु युद्ध से इनकार नहीं किया जा सकता है.
सेंटर फॉर ग्लोबल एंड स्ट्रैटेजिक स्टडीज की ओर से आयोजित ”नेशनल सिक्युरिटी पॉलिसी-विजन फॉर पाकिस्तान” विषय पर आयोजित सेमिनार में उन्होंने कहा कि भारत भारी संख्या में घातक हथियार जुटा रहा है, जो पाकिस्तान के लिए लगातार खतरा है. उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया में संतुलन बनाए रखने के लिए विशेष प्रयास करने की जरूरत है, ताकि बड़े विनाश को टाला जा सके.
भारत के परमाणु परीक्षण के जवाब में किया था ये टेस्ट
11 मई 1998 को भारत ने राजस्थान के पोखरण में अपना दूसरा परमाणु परीक्षण किया था. इसके बाद पाकिस्तान ने भारत के परमाणु परीक्षण के जवाब में अपना पहला न्यूक्लियर टेस्ट किया था. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इस बात की पुष्टि की थी. उन्होंने कहा था, ‘अगर भारत अपना न्यूक्लियर टेस्ट न करता, तो हम भी न करते. पर भारत के ऐसा करने से हम पर जनता का काफी दबाव पड़ा, जिसके चलते हमने भी अपना पहला परमाणु परीक्षण किया.’ हालांकि इस बात को लेकर दोनों देशों में काफी तनाव पैदा हो गया था.
भारत से आगे है पाकिस्तान
परमाणु हथियारों की बात करें, तो भारत छोड़ें, इजरायल और नॉर्थ कोरिया से भी आगे है पाकिस्तान. पाकिस्तान के पास करीब 120 परमाणु हथियार हैं, जो कि भारत के मुकाबले 10 हथियार ज्यादा है और पूरी दुनिया को खत्म करने के लिए काफी है. एक अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान हर साल लगभग 20 परमाणु हथियार बनाने की क्षमता रखता है.
भारत की सैन्य ताकत ज्यादा
भारत-पाकिस्तान की सैन्य ताकत की अगर तुलना की जाए तो भारत उससे कहीं आगे है. भारतीय सनिकों की संख्या 13 लाख है और वही पाकिस्तान की साढ़े छह लाख जो की भारत का बिलकुल आधा है. भारत की सैन्य ताकत से बराबरी करने के लिए पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों का उत्पादन बढ़ा रहा है.
बार-बार क्यों देता है परमाणु हमले की धमकी
पाकिस्तान के पास भारत से ज्यादा परमाणु हथियार हैं, इसलिए वो बार-बार भारत को परमाणु हमले की धमकियां देता रहता है. पाकिस्तान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को देखने वाले अब्दुल कदिर खान ने एक बाद एक भड़काऊ बयान में कहा था, ‘पाकिस्तान के परमाणु बम दिल्ली को 5 मिनट में तबाह कर सकते हैं.’
1984 में ही कर सकता था न्यूक्लियर टेस्ट
पाकिस्तान के न्यूक्लियर प्रोग्राम के जनक अब्दुल कदीर खान ने कहा था की पाकिस्तान 1984 में ही परमाणु परीक्षण करने की क्षमता रखता था. लेकिन तत्कालीन राष्ट्रपति ‘जिया उल हक’ इस विचार के विरोध में थे, जिसके चलते पाकिस्तान ने ऐसा नहीं किया.