व्हीकल सिस्टम में खराबी से 56 मिनट पहले लॉन्चिंग टली, इसरो ने कहा- जल्द नई तारीख तय करेंगे
- चंद्रयान-2 को अक्टूबर 2018 में लॉन्च किया जाना था, लेकिन अब तक 4 बार मिशन की तारीख बदली गई
- भारत के दूसरे मून मिशन में इस्तेमाल होने वाले रॉकेट और अन्य उपकरणों की लागत 978 करोड़ रुपए
- इजराइल ने बीते फरवरी में मून मिशन भेजा था, उसकी लागत 1400 करोड़ रुपए थी
नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग ऐन वक्त पर टाल दी। यह मिशन सोमवार रात 2.51 बजे लॉन्च होना था, लेकिन इससे कुछ देर पहले लॉन्चिंग व्हीकल सिस्टम में तकनीकी खराबी का पता चला। मिशन की शुरुआत से करीब 56 मिनट इसरो ने ट्वीट कर लॉन्चिंग आगे बढ़ाने का ऐलान कर दिया। इसरो के एसोसिएट डायरेक्टर (पब्लिक रिलेशन) बीआर गुरुप्रसाद ने बताया कि जल्द ही प्रक्षेपण की नई तारीख तय होगी। चंद्रयान मिशन को देखने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी रात को श्रीहरिकोटा में थे।
इसरो चंद्रयान-2 को पहले अक्टूबर 2018 में लॉन्च करने वाला था। बाद में इसकी तारीख बढ़ाकर 3 जनवरी और फिर 31 जनवरी कर दी गई। लेकिन कुछ अन्य कारणों से इसे 15 जुलाई तक टाल दिया गया। इस दौरान बदलावों की वजह से चंद्रयान-2 का भार भी पहले से बढ़ गया। ऐसे में जीएसएलवी मार्क-3 में भी कुछ बदलाव किए गए थे।
चंद्रयान-2 मिशन क्या है? यह चंद्रयान-1 से कितना अलग है?
नई तारीख तय होने पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन सेंटर से चंद्रयान-2 को भारत के सबसे ताकतवर जीएसएलवी मार्क-III रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। चंद्रयान-2 वास्तव में चंद्रयान-1 मिशन का ही नया संस्करण है। इसमें ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) शामिल हैं। चंद्रयान-1 में सिर्फ ऑर्बिटर था, जो चंद्रमा की कक्षा में घूमता था। चंद्रयान-2 के जरिए भारत पहली बार चांद की सतह पर लैंडर उतारेगा। यह लैंडिंग चांद के दक्षिणी ध्रुव पर होगी। इसके साथ ही भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर यान उतारने वाला पहला देश बन जाएगा।
दूसरे देशों द्वारा भेेजे गए मिशन से कितना सस्ता है चंद्रयान-2?
यान
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लागत
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चंद्रयान-2
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978 करोड़ रुपए
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बेरशीट (इजराइल)
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1400 करोड़ रुपए
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चांग’ई-4 (चीन)
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1200 करोड़
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*इजराइल ने फरवरी 2019 में बेरशीट लॉन्च किया था, जो अप्रैल में लैंडिंग के वक्त क्रैश हो गया। चीन ने 7 दिसंबर 2018 को चांग’ई-4 लॉन्च किया था, जिसने 3 जनवरी को चांद की सतह पर सफल लैंडिंग की।
मिशन लॉन्च होने के बाद चंद्रयान-2 को पृथ्वी की कक्षा में जाने में कितना समय लगेगा?
मिशन को जीएसएलवी मार्क-III से भेजा जाएगा। रॉकेट को पृथ्वी की कक्षा में पहुंचने में 16 मिनट का समय लगेगा। इसे चांद की सतह तक पहुंचने में 1,296 घंटे यानी 54 दिन का समय लगेगा। [...]
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