सोजत | राजे ने अमित शाह के साथ बैठक में लक्ष्मी नारायण दवे का नाम बढ़ाया आगे .

सोजत | राजे ने अमित शाह के साथ बैठक में लक्ष्मी नारायण दवे का नाम बढ़ाया आगे .

राजस्थान BJP के अध्यक्ष के लिए राजे ने अमित शाह के साथ बैठक में लक्ष्मी नारायण दवे का नाम बढ़ाया आगे.

जिस तरह से वशुंधरा राजे ने राजस्थान BJP के अध्यक्ष के लिए गजेंद्र सिंह शेखावत के नाम का विरोध अपने समर्थक मंत्रियों और विधायकों से करवाया उससे ये साफ़ हो गया कि BJP के प्रदेश अध्यक्ष को लेकर मुख्यमंत्री वशुंधरा राजे और BJP अध्यक्ष अमित शाह के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा हैं अब BJP के सियासी गलियारे से निकलकर देश भर में चर्चा का विषय बन चुका है|

वसुंधरा राजे ने अमित शाह के साथ की बैठक

राजस्थान BJP के प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर चल रहे सियासी घमासान के बीच गुरुवार को अमित शाह के बुलावे पर वशुंधरा राजे दिल्ली आईं वशुंधरा राजे ने पहले संगठन महासचिव और सह संगठन महासचिव वी सतीश के साथ डेढ़ घंटे तक मुलाक़ात की. रामलाल और वी सतीश ने वशुंधरा राजे को गजेंद्र सिंह शेखावत के नाम पर मनाने की लाख कोशिश की लेकिन वशुंधरा टस से मस नहीं हुईं. उन्होंने एक सीरे से ना सिर्फ़ गजेंद्र सिंह शेखावत का बल्कि अर्जुन मेघवाल के नाम पर वीटो लगा दिया. इस मैराथन बैठक के बाद वशुंधरा राजे ने इस बार अमित शाह, रामलाल और वी सतीश के साथ लगभग 2 घंटे की बैठक की.

वसुंधरा को नहीं मंजूर ये तीनों नाम 

सूत्रों की मानें तो वशुंधरा राजे ने अमित शाह को साफ कर दिया कि गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन मेघवाल और मदनलाल सैनी ये तीनोंं नाम मंज़ूर नहीं हैं. अमित शाह ने उनकी पसंद के नाम पूछे तो उन्होंने शहरी विकास मंत्री श्रीचंद कृपलानी और लक्ष्मी नारायण दवे का नाम आगे बढ़ाया तो वहीं रामलाल और वी सतीश ने दोनो नामों को ख़ारिज कर दिया. वशुंधरा के अरुण चतुर्वेदी के नाम पर भी सहमति नहीं बन पाई. लंबी जहदोजहद के बाद भी दोनों पक्षों की एक नाम पर सहमति नहीं बन पाने पर ये तय किया गया कि अगले कुछ दिनों में चुनावों को देखते हुए अन्य नाम विचार करने के बाद सबकी सहमति से अंतिम फ़ैसला लिया जाए.

वशुंधरा राजे का गजेंद्र सिंह शेखावत को अध्यक्ष नहीं बनने देने के पीछे तर्क है गजेंद्र सिंह राजपूत हैं और प्रदेश अध्यक्ष भी राजपूत बनने से जाटों में अच्छा संदेश नहीं जाएगा. जिस कारण पार्टी को आने वाले विधानसभा में नुक़सान उठाना पड़ सकता है. असल में वशुंधरा राजे सिंधिया को गजेंद्र सिंह शेखावत के प्रदेश अध्यक्ष बनने से दिक़्क़त ये है कि प्रदेश में राजपूतों में एक उनके समकक्ष का नेता खड़ा हो जाएगा. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल के साथ मुख्यमंत्री का छत्तीस का आंकड़ा है अर्जुन मेघवाल को ना बनाने के लिए वशुंधरा राजे का ये तर्क है कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं में स्वीकार्यता नहीं है|

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