तीन साल के नीरज को दिल की बीमारी, निशुल्क ऑपरेशन के बाद अब आराम से सांस ले सकेगा
जिले के छोटे बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम
सोजत | पाली
राष्ट्रीयबाल स्वास्थ्य कार्यक्रम जिले के नौनिहालों के लिए वरदान साबित हो रहा है। जिले के कई गरीब बच्चे जिनके माता-पिता उनके हृदय सहित विभिन्न बीमारियों के इलाज का खर्चा नहीं उठा सकते, उनका ऑपरेशन राज्य सरकार द्वारा निशुल्क कराया जा रहा है। पड़ासला खुर्द गांव में रहने वाले मनोहरलाल के 3 साल के बेटे नीरज को भी दिल की बीमारी थी। इतनी छोटी उम्र में ये बीमारी होना परिजनों के लिए मानो वज्रपात बन गया। प्राइवेट अस्पताल वालों ने एक लाख रुपए मांगे तो पैरों तले जमीन खिसक गई। मनोहरलाल की कमाई से घर का खर्चा भी मुश्किल से निकलता था। इलाज के लिए पैसा कहा से लाए। परिचितों के माध्यम से योजना की जानकारी मिली तो वह सीएमएचओ डॉ. सुरेंद्रसिंह शेखावत से मिला। जिन्होंने जयपुर के निजी अस्पताल में इस योजना के माध्यम से निशुल्क इलाज कराया। मुश्किल से सांस लेने वाला 3 साल का नीरज अब सांस ले पाएगा और साथ अन्य बच्चों की तरह खेल भी पाएगा।
8 माह के शहजाद के कटे होठ हुए ठीक
मंडियारोड पाली निवासी आठ माह के शहजाद पुत्र दिलावर खान के कटे होठ भी इसी योजना के माध्यम से ठीक हुए है। अब मासूम का चेहरा भी प्यारा लगने लगा है। शहजाद खुश है कि उसे इलाज के लिए पैसे नहीं देने पड़े। अन्यथा उसे इलाज के लिए कही से कर्जा लेना पड़ सकता था। शहजाद का इलाज जोधपुर के निजी अस्पताल में हुआ है।
30बच्चों का कराया निशुल्क इलाज
सीएमएचओडॉ. एसएस शेखावत ने बताया कि आरबीएसके टीम ने सरकारी विद्यालय एवं आंगनबाड़ी मदरसों में दो लाख बच्चों की 30 से अधिक बीमारियों की जांच की। इनमें से चिन्हित 30 बच्चों का जन्मजात ह्रदय की बीमारी एवं कटे होठ तालु की बीमारी का फ्री आॅपरेशन जयपुर, जोधपुर, उदयपुर के प्राइवेट अस्पतालों में करवाकर नई जिन्दगी दी। इनमें से 13 बच्चे जन्मजात हृदय की बीमारी से ग्रसित थे।
हमारा प्रयास हर बच्चे का हो इलाज
^बच्चोंमें जन्मजात विकार के कई कारण है, जिसमें से अशिक्षा, उच्च प्रजनन दर, बच्चों की कम उम्र में शादी, अधिकांश संख्या में बच्चे, अंतराल साधनों का उपयोग नहीं करने सहित कई कारण है। अशिक्षा में महिला की साक्षरता दर कम होना भी एक कारण है। हमारा प्रयास है जिले में ऐसे सभी बच्चों का निशुल्क इलाज हो। प्रयास जारी है लेकिन नागरिकों का भी सहयाेग चाहिए। डॉ.सुरेंद्रसिंह शेखावत, सीएमएचओ
ब्लाॅकवार इतने बच्चों का परीक्षण
आरसीएचओडाॅ. दीपक तंवर ने बताया कि बाली टीम ने 17446 बच्चों, देसूरी ब्लाॅक की टीम ने 15616, जैतारण में 23315, खारची में 10079, पाली ब्लाॅक में 24040, रायपुर में 27766, रानी में 14138, रोहट में 19479, सोजत में 24503 तथा सुमेरपुर ब्लाॅक की टीम ने 21681 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इसके बाद सीएचसी पर अलग से कैंपों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सक अपनी सेवाएं देंगे।
अगर आपके आस-पास भी है ऐसे बच्चे तो कंट्रोल रूम में दे सूचना
कंट्रोलरूम – 02932-257555
नोडलअधिकारी – 8955988900
इलाज के बाद जयपुर अस्पताल में तीन साल का नीरज।