जिले में 5 साल बाद अक्टूबर में पारा 38 डिग्री पर, कारण…हवा में नमी कम होना

जिले में 5 साल बाद अक्टूबर में पारा 38 डिग्री पर, कारण…हवा में नमी कम होना

5 साल बाद अक्टूबर में पारा 38 डिग्री पर, कारण…हवा में नमी कम होना

जिले में मानसून सीजन के खत्म होने के साथ ही इस साल ठंडक की बजाए गर्मी ने दस्तक दी है। दिन का पारा 38 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया। गर्मी ने पिछले 5 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। वहीं रात का पारा भी 25 डिग्री पर चल रहा है। अक्टूबर में पहला सप्ताह ही बेहद गर्म हो गया है। आमतौर पर अक्टूबर में औसतन दिन में अधिकतम तापमान 33.0 डिग्री सेल्सियस और रात में 20.0 डिग्री सेल्सियस रहता है। इस वर्ष अक्टूबर की शुरूआत के साथ ही तापमान में उछाल रहा। दिन और रात के तापमान में भी 7 डिग्री अंतर है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 12 अक्टूबर के बाद इससे थोड़ी राहत मिल सकती है।

12 अक्टूबर के बाद हो सकती बूंदाबांदी

पिछले कुछ दिनों से लगातार पड़ रही गर्मी से आमजन भी हैरान है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 12 अक्टूबर के बाद बूंदाबांदी हो सकती है। इसके बाद पारे में राहत मिल सकती है।

रात का पारा भी 25 डिग्री पर पहुंचा

शनिवार को को मौसम तल्ख रहा। सुबह आसमान साफ रहा। धूप खिली। दिन चढ़ने के साथ ही सूरज की तपिश बढ़ने लगी। दिन में अधिकतम तापमान 38.0 डिग्री सेल्सियस हो गया। यह सामान्य से करीब चार से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक है। गर्मी ने बीते 5 साल का रिकार्ड तोड़ दिया। विशेषज्ञों के अनुसार इससे पहले 6 अक्टूबर 2013 को दिन में अधिकतम तापमान 34.3 डिग्री सेल्सियस था। इस महीने के पहले सप्ताह में रात में भी गर्मी कम नहीं हुई। शनिवार को रात में तापमान 25.0 डिग्री सेल्सियस रहा। यह सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस अधिक है। आमतौर पर इन दिनों में तापमान 20 से 23 डिग्री के आसपास रहता है।

 

हवा में नमी कम होने के कारण नहीं हो रहा कम तापमान

मौसम विशेषज्ञों का मानना कि यह चिंताजनक संकेत हैं। आम दिनों में हवा में नमी 40 से 50 प्रतिशत के करीब रहती है। वहीं इस बार हवा में नमी करीब 21 से 22 प्रतिशत है। इसकी वजह से सामान्य से अधिक मौसम गर्म हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि सर्दी की शुरूआत अधिकतम और न्यूनतम तापमान में ही गिरावट से होती है। इस बार ऐसा नहीं हुआ है। अगले चार दिनों तक आसमान साफ रहेगा। इसके कारण दिन और रात में पारा और चढ़ सकता है।

मौसम का मिजाज मई-जून जैसा

मौसम के मिजाज इस वक्त दिन में मई-जून जैसे हैं और रात में थोड़ी ठंड हो रही है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार ऐसे में बीमारियों के फैलने की आशंका है। अक्टूबर में जहां लोगों के गर्म कपड़े निकलने शुरू हो जाते थे। वहीं इस बार लोग कूलर व एसी का प्रयोग कर गर्मी और उमस से निजात पाने की कोशिश में लगे हैं। वहीं पर्यावरणविद् ग्लोबल वार्मिंग को इसके लिए जिम्मेदार मान रहे हैं।

बढ़ सकती हैं मौसमी बीमारियां

डॉक्टर के अनुसार इस मौसम के उतार-चढ़ाव को हल्के में न लें, यह किसी की भी सेहत को नुकसान कर सकता है। उन्होंने बताया कि दिन में तेज धूप और रात में ठंडक के चलते मौसम नम हो जाता है। दूसरे दिन फिर तेज गर्मी होती है। ऐसे में सर्दी, जुकाम, टाइफाइड जैसी बीमारियां होती हैं। मौसम में ठंडा पानी, कोल्डड्रिंक्स और एसी की आदतों को नहीं छोड़ पाते, जिससे सर्दी-जुकाम की गिरफ्त में आ जाते हैं।

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