पश्चिमी हवाओं ने रोकी जिले में मानसून की रफ्तार,अब हवाएं रुकने पर ही होगी बरसात

पश्चिमी हवाओं ने रोकी जिले में मानसून की रफ्तार,अब हवाएं रुकने पर ही होगी बरसात

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पश्चिमी हवाओं ने रोकी जिले में मानसून की रफ्तार,

जिले में पिछले पांच दिनों से बारिश रुकी हुई है। वहीं मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार आज की जो स्थिति बनी है वह पिछले एक माह जैसी हो गई है। मानसून की चाल बिगड़ने के कारण जिले में बारिश नहीं हो रही है। पिछले दो दिनों से ओमान की खाड़ी से हिमालय की तरफ तेज हवाओं का बहना जारी है, जो बंगाल की खाड़ी से मानसून को राजस्थान में आने से रोक रही है। वहीं यह हवाएं जब तक कम नहीं होगी या धीमी नहीं होगी तब तक दक्षिणी-पश्चिमी राजस्थान में किसी बारिश संभव नहीं है। पाली में जो बादल छाए हुए हैं, वह अरब सागर से

आ रही हवाओं में नमी की वजह से बन रहे हैं, लेकिन तेज सर्कुलेशन की वजह से जिले में कहीं ज्यादा बारिश नहीं हुई। मौसम विशेषज्ञ नीलेश पुरोहित के अनुसार रविवार को बादल छंट जाएंगे।

एक दिन में बढ़ा 4 डिग्री पारा : पिछले पांच दिनों से बारिश नहीं हो रही है। वहीं जिले में एक ही दिन में 4 डिग्री पारा बढ़ गया है। शुक्रवार को दिन का पारा 28 डिग्री था, जो कि शनिवार को 4 डिग्री बढ़कर 32 पर पहुंच गया है। वहीं न्यूनतम पारा स्थिर है।

मौसम विशेषज्ञ के अनुसार आज बादल छंटने की संभावना है

यह फोटो सुबह 6.45 बजे पश्चिमी एशिया के इनसेट सेटेलाइट से लिया गया है

फोटो के लाल घेरे में अरब सागर से आने वाली तेज पश्चिमी हवाओं की वजह से बंगाल की खाड़ी से आने वाले मानसून बादल राजस्थान तक नहीं आ पा रहे हैं, क्योंकि हवाओं ने आसमान साफ कर दिया है व लाल घेरे के पास दिल्ली एनसीआर यूपी में बादलों ने डेरा डाल रखा है, जिससे यहां बाढ़ के हालात बने हुए हैं।

औसत से भी कम हुई बारिश 

मानसून की बेरुखी से इस बार पाली जिले में औसत से आधी भी बारिश नहीं हुई है। मौसम विभाग ने अभी तक पाली जिले में दो बार भारी बारिश की चेतावनी दी थी, लेकिन मामूली बूंदाबांदी से ही जिलेवासियों को संतोष करना पड़ा। उतर भारत में भारी बारिश के कारण कई जगह बाढ़ के हालात हैं, लेकिन मारवाड़-गोडवाड़ में अब भी बारिश का इंतजार है। पिछले साल जुलाई में जिले के कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात थे। जवाई बांध का जलस्तर 58 फीट से ऊपर पहुंच गया था, जबकि हेमावास समेत 34 बांध ओवरफ्लो थे, जिन पर चादर चल रही थी। पूरे जिले में नदियां भी उफान पर थीं, मगर इस बार अब तक नदियां भी सूखी ही है।

इस साल बांध खाली, नदियां सूखी

मानसून की बेरुखी के कारण इस साल 28 जुलाई तक जवाई बांध का जलस्तर 33.45 फीट है, जबकि हेमावास बांध समेत अन्य सभी बांधों में भी मामूली पानी आया है। नदियां भी अब तक तर नहीं हुई हैं।

आगे क्या अरब सागर से आ रही तेज हवाएं कब तक रुकेगी इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है, लेकिन यह लंबी चली तो इस बार जिले में ज्यादा बारिश की संभावना नहीं रहेगी।

पिछले दो दिनों का तापमान

27 जुलाई

26.0 28.0

28 जुलाई

26.0 32.0

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