आईएएस बनने की जिद थी इसलिए सोशल मीडिया से रहे दूर

आईएएस बनने की जिद थी इसलिए सोशल मीडिया से रहे दूर

यूपीएससीकी ओर से बुधवार को जारी परिणाम में जिले के चार होनहारों का आईएएस चयन हुआ है। पिछले साल 602वीं रैंक हासिल करने वाले रोहट के भाकरी वाला गांव के अक्षय गोदारा ने इस बार 40वीं रैंक प्राप्त की, वहीं सोजत रोड निवासी अभय सोनी ने पहले ही अवसर में 188वीं रैंक हासिल की है। इनके अलावा केनपुरा जैसे छोटे से गांव के किसान के बेटे विनोद चौधरी ने 681वीं रैंक हासिल करके अपने किसान पिता का सपना पूरा किया। इसी तरह पाली निवासी अमित समदड़िया ने 455वीं रैंक प्राप्त की। अमित की पिछले साल 458वीं रैंक थी। अभी वह फरीदाबाद में आईआरएस की ट्रेनिंग ले रहे हैं।

गांवसरकारी स्कूल में पढ़े, हिंदी मीडियम में स्नातक और आईएएस की तैयारी अंग्रेजी माध्यम से

विनोदचौधरी ने अपनी शुरुआती शिक्षा गांव से ही पूरी की। इसके बाद खैरवा स्कूल बांगड़ स्कूल पाली से पढ़ाई पूरी की। इसके बाद जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी जोधपुर से उन्होंने हिंदी माध्यम में स्नातक किया। इसके बाद उन्होंने सिविल सेवा के लिए अंग्रेजी माध्यम को चुना और सफलता प्राप्त की।

देशकी शीर्ष सेवा में जाने के लिए सोशल मीडिया से दूरी : केनपुरागांव के किसान पुत्र विनाेद चौधरी शुरू से ही आईएएस बनना चाहते थे। गरीब परिवार से होने के कारण भाभा रिसर्च सेंटर में वैज्ञानिक की नौकरी कर रुपए जुटाए और फिर तैयारी के लिए दिल्ली गए। विनोद ने भास्कर को बताया कि उन्होंने पहली बार फेस बुक व्हाट्स एप पर अकाउंट आईएएस का इंटरव्यू देने के बाद खोला। वहीं सोजत रोड के अभय सोनी ने कहा कि परीक्षा की तैयारी के लिए वे डेढ़ साल सोशल मीडिया से दूर रहे। दोनों का मानना है कि सोशल मीडिया छात्रों का नॉलेज बढ़ाने से ज्यादा भटकाव समय खराब ज्यादा करता है।

छोटेगांवों से निकले बड़े सितारे : यूपीएससीकी ओर से बुधवार को जारी सिविल सेवा परीक्षा के परिणाम में जिले के सोजत रोड निवासी अभय सोनी ने 188वीं केनपुरा गांव के विनोद चौधरी 681वीं रैंक हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है। पिछले साल 602वीं रैंक पर चयनित भाकरीवाला गांव के अक्षय गोदारा ने भी इस बार 40वीं रैंक हासिल की है।

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