फुलाद मार्ग पर 1 माह से रेलवे फाटक में तकनीकी खराबी, वाहन चालक धूप में खड़े रहने को मजबूर

फुलाद मार्ग पर 1 माह से रेलवे फाटक में तकनीकी खराबी, वाहन चालक धूप में खड़े रहने को मजबूर

गतएक माह से भी अधिक समय से फुलाद मार्ग रेलवे फाटक में आई तकनीकी खराबी से वाहन चालक कई देर तक धूप में खड़े रहने को मजबूर है।ट्रेन निकल जाने के बाद भी कई देर तक वाहन चालकों को फाटक खुलने का इंतजार करना पड़ता है। लम्बे समय से फाटक में आई तकनीकी खराबी को दूर करने की तरफ रेलवे विभाग द्वारा ध्यान नहीं दिये जाने से वाहन चालकों में रोष व्याप्त है।प् रतिदिन दर्जनों बार यह हालात होते है। बावजूद इसके रेलवे प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है।

एकतरफ से ऊपर दूसरी तरफ से फाटक नीचे – रेलवेफाटक खोलने के दौरान एक तरफ की फाटक का हिस्सा तो ऊपर हो जाता है। लेकिन दूसरी तरफ का हिस्सा ऊपर होता ही नहीं। ऐसी हास्यास्पद स्थिति रोजाना हो रही है।रेलवे फाटक पर एक ही कर्मचारी है।ऐसे में वह फाटक को बंद कर तकनीकी खामी को दूर करने के लिए फाटक पर आकर लोक सिस्टम को खोलने का प्रयास करता है।फिर पुन: जाकर फाटक खोलने का प्रयास करता है।इसमें कई बार दस से पंद्रह मिनिट लग जाते है।दोपहर में यह स्थिति होने पर वाहन चालकों को कई बार तो बीस-पच्चीस मिनिट तक चिलचिलाती धूप में खड़ा रहना पड़ता है।

प्रतिदिन गुजरते हैं हजारों वाहन

सोजतसे कामलीघाट तक स्टेट हाईवे 62 फुलाद मार्ग रेलवे फाटक से होकर गुजरता है।फुलाद मार्ग रेलवे फाटक से प्रतिदिन हजारों वाहन गुजरते है।चौबीस घंटे में औसतन 80ट्रेनें यहां से गुजरती है।इस दौरान रेलवे फाटक पंद्रह से बीस मिनिट तक बंद रहती है।फाटक में तकनीकी खराबी के कारण कई बार वाहन चालकों को 30मिनिट तक भी फाटक खुलने का इंतजार करना पड़ता है।इस मार्ग से कामलीघाट,धूंधला,कंटालिया,मेलावास सहित दर्जनों गांवों के लोगों का नियमित आवागमन रहता है।

ओवरब्रिज नहीं बनने से आवगमन में परेशानी

फुलादमार्ग रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज निर्माण की स्वीकृति छ: माह पूर्व जारी हो चूकी है।लेकिन अभी तक इसका निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है।ओवरब्रिज नहीं बनने से फाटक वाहन चालकों के लिए परेशानी का पर्याय बन गई है।रेलवे लाईन के दोहरीकरण के बाद फाटक बंद रहने की समय सीमा भी बढ़ गई है। क्षेत्रवासियों ने ओवरब्रिज का निर्माण कार्य शीघ्र शुरू किये जाने की मांग की है।

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