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आमेर और मेहरानगढ़ से भी पुराना है सोजत का किला… रोचक है इतिहास.

आमेर और मेहरानगढ़ से भी पुराना है सोजत का किला... रोचक है इतिहास.


जोधपुर संभाग के पाली जिले में स्थित है सोजत... यहां बना दुर्ग जयपुर के आमेर और जोधपुर के मेहरानगढ़ से भी पुराना है। यह किला रामेलाव तालाब के पास स्थित है। किले में कई छोटे छोटे दुर्ग बने हुए हैं, जो बताते हैं सोजत का सैकड़ों साल पुराना इतिहास और उस समय का रहन सहन... किले के दो विशाल द्वार हैं। किला चारों ओर से मोटी दीवारों से घिरा है। दीवारों में युद्ध के दौरान तोप व अन्य हथियारों से वार करने के लिए छोटे छोटे छेद भी हैं, जहां से वार करने वाला नहीं दिखाई देता, लेकिन शत्रु को आसानी से देखा जा सकता है।




किले में एक पोल है, जो राव निंबा जोधावत ने बनवाई थी। तुर्कों ने यहां एक परकोटा बनवाया था। यहां के परगने में हाकम, सरदार रहते थे। परकोटे की पोल के उपर दीवान खाना तथा नीचे कोठार है। पोल के पास ही चारभुजा मंदिर है। सोजत के तालाबों की बात करें तो धुवन्ली वाड़ी के पास कुंवर वाधा सुजावत ने बघेवाल, किले के नीचे रिडमल ने रिडमेलाव, पावटा के आगे बाघेलाव जो अब पाट दिया गया है तथा श्रीमाली ब्राह्मण गादा ने हणवन्त थान के पास सोझाली की स्थापना कर हनवन्त नाडी खुदवाई थी। ये अब सोजत के लिए पानी के स्त्रोत हैं।


दुर्ग में होती है गैर


आजकल सोजत दुर्ग में होली के पर्व पर गैर करते हैं। यहां मेला भी भरता है।

मेहंदी ने दिलाई ख्याति


सोजत प्राचीन ऐतिहासिक और धार्मिक नगरी तो है ही, साथ ही धार्मिक आस्था के लिए भी जाना जाता है। यहां की मेहंदी के कारण सोजत अन्तराष्ट्रीय मानचित्र पर भी छाया है।

बड़ा रोमांचक सफर है नगरी का


सोजत की ये धरा देवताओं की क्रीड़ा स्थली के साथ ही ऋषि मुनियों की तपो भूमि है। शास्त्रों में शुद्धदेती के नाम से प्रसिद्ध इस नगरी के नाम का सफर बड़ा रोमांचक है। आइए चलें इसके निर्माण सफर पर...




आबू और अजमेर के बीच किराड़ू लोद्रवा के पुंगल राज के दौरान यहां पंवार भी राज करते थे। राजा त्रंबसेन त्रवणसेन यहां के राजा थे। ये नगरी तब त्रंबावती नाम से जानी जाती थी। त्रवणसेन की बेटी थी, जिसका नाम सेजल थी। उम्र में आठ से दस बरस की। [...]

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जिले में 5 साल बाद अक्टूबर में पारा 38 डिग्री पर, कारण…हवा में नमी कम होना

5 साल बाद अक्टूबर में पारा 38 डिग्री पर, कारण...हवा में नमी कम होना


जिले में मानसून सीजन के खत्म होने के साथ ही इस साल ठंडक की बजाए गर्मी ने दस्तक दी है। दिन का पारा 38 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया। गर्मी ने पिछले 5 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। वहीं रात का पारा भी 25 डिग्री पर चल रहा है। अक्टूबर में पहला सप्ताह ही बेहद गर्म हो गया है। आमतौर पर अक्टूबर में औसतन दिन में अधिकतम तापमान 33.0 डिग्री सेल्सियस और रात में 20.0 डिग्री सेल्सियस रहता है। इस वर्ष अक्टूबर की शुरूआत के साथ ही तापमान में उछाल रहा। दिन और रात के तापमान में भी 7 डिग्री अंतर है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 12 अक्टूबर के बाद इससे थोड़ी राहत मिल सकती है।

12 अक्टूबर के बाद हो सकती बूंदाबांदी

पिछले कुछ दिनों से लगातार पड़ रही गर्मी से आमजन भी हैरान है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 12 अक्टूबर के बाद बूंदाबांदी हो सकती है। इसके बाद पारे में राहत मिल सकती है।

रात का पारा भी 25 डिग्री पर पहुंचा


शनिवार को को मौसम तल्ख रहा। सुबह आसमान साफ रहा। धूप खिली। दिन चढ़ने के साथ ही सूरज की तपिश बढ़ने लगी। दिन में अधिकतम तापमान 38.0 डिग्री सेल्सियस हो गया। यह सामान्य से करीब चार से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक है। गर्मी ने बीते 5 साल का रिकार्ड तोड़ दिया। विशेषज्ञों के अनुसार इससे पहले 6 अक्टूबर 2013 को दिन में अधिकतम तापमान 34.3 डिग्री सेल्सियस था। इस महीने के पहले सप्ताह में रात में भी गर्मी कम नहीं हुई। शनिवार को रात में तापमान 25.0 डिग्री सेल्सियस रहा। यह सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस अधिक है। आमतौर पर इन दिनों में तापमान 20 से 23 डिग्री के आसपास रहता है।

 

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20 गांवों में कंठी लूट-चोरी करने वाली गैंग के 4 बदमाश गिरफ्तार

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आरोपियों पर कुल 60 से 70 आपराधिक वारदात करने के मामले अलग-अलग थाना क्षेत्रों में दर्ज है।


पुलिस ने जिले भर में लूट, चोरी तथा नकबजनी करने वाली नामचीन अतंरराज्यीय गैंग का राज खोलने में कामयाबी हासिल की है। पुलिस ने गैंग के 4 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। सभी आरोपी शातिर व हार्डकोर अपराधी हैं। यह आरोपी घरों में सोती हुई महिलाओं के जेवर लूटकर फरार हो जाते थे। इस गैंग के पूरे प्रदेश में सक्रिय अन्य गैंग के सदस्यों से भी गहरा नाता है। आरोपियों ने जिले के 9 थाना क्षेत्रों में 20 तथा पूरे प्रदेश में 30 वारदात कबूल कर ली है। पुलिस का दावा है कि इस गैंग ने मारवाड़, गोडवाड़ तथा मेवाड़ इलाके में अनगिनत वारदात को अंजाम दिया है। सभी आरोपियों पर कुल 60 से 70 आपराधिक वारदात करने के मामले अलग-अलग थाना क्षेत्रों में दर्ज है।

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मेंहदी का इस्तेमाल करना रहेगा आपके लिए बहुत फायदेमंद

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मेंहदी का इस्तेमाल करना रहेगा आपके लिए बहुत फायदेमंद


आमतौर पर लोग अपने सफेद बालों को छिपाने के लिए ही मेंहदी लगाते हैं। पर मेंहदी केवल बालों को कलर करने के काम ही नहीं आता है। यह एक औषधि की तरह भी काम करती है।

यह डैंड्रफ और बालों के गिरने की समस्या को भी दूर करती है। अगर आपके बालों में भी रूसी है तो मेंहदी का इस्तेमाल करना आपके लिए बहुत फायदेमंद रहेगा। मेंहदी में एंटी-बैक्‍टीरियल गुण पाया जाता है जो संक्रमण से सुरक्षा देने का काम करता है। तो आइए हम बताते है आपको बालों में मेहंदी लगाने के और भी कई फायदे।

1-बालों के लिए एक अच्छा कंडीशनर मेंहदी


बालों को कंडीशन करने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके लगातार इस्तेमाल से आपके बाल घने, मजबूत हो जाते हैं। यह आपके बालों के रूखे क्यूटिकल्स को नरम बनाती है। साथ ही उनमें चमक भी लाती है।
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2- बालों को करे लंबा


मेंहदी के इस्तेमाल से आपके बाल लंबे होते हैं। इसमें मेथी के दाने मिलाकर लगाने से इसका फायदा जल्दी नजर आता है।

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3- रुसी करे दूर


रुसी से बचने के लिए आप मेंहदी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए बस आपको अब एक अलग बर्तन में मेहंदी डाले। साथ ही इसमें कुछ नींबू के रस की कुछ बुंदे मिलाएं। उसके बाद इसे आप अपने सर में लगाए इससे आपकी रुसी की स्या दूर हो जएगी।

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4- प्राकृतिक रूप से रंगे बालों को मेहंदी का सर्वाधिक प्रयोग बालों को रंगने के लिए किया जाता है। इससे आपके बाल प्राकृतिक रूप से रंग जाते है। मेहंदी को बालों में लगाने से आपके बाल चमकदार हो जाते है। सबसे खास बात यह है कि इसके कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होते हैं।



5- बालों को बनाए मजबूत जैसे की हमने आपको बताया की मेहंदी से बालों का झड़ना भी रोका जा सकता है क्योकि ये हमारे बालो की जड़ो को मजबूत करता है। मेहंदी हमारे बालों को बाहरी पोषण देने के साथ साथ उन्हें अंदर से भी मजबूत करती है।

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आ गया 100 रुपये का नया नोट, ऐसे पहचानें असली है या नकली

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आ गया 100 रुपये का नया नोट, ऐसे पहचानें असली है या नकली


बैंकों ने अब 100 रुपये का नया नोट ग्राहकों को जारी करना शुरू कर दिया है. 100 रुपये का यह नया नोट बैगनी रंग का है. लेक‍िन जब कोई भी नया नोट सर्कुलेशन में आता है, तो इनके नकली नोट भी बाजार में आने की आशंका बढ़ जाती है. 100 रुपये को लेकर यह बात तब और पुख्ता हो जाती है. जब भारतीय रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट में बताया जाता है कि 2017-18 में 100 रुपये के सबसे ज्यादा नकली नोट मिले. ऐसे में जरूरी है कि आप 100 रुपये के नये नोट को पहचान लें. ताकि आगे जब भी आपके हाथ में 100 रुपये का नया नोट आए, तो आप उसकी पहचान कर सकें. दरअसल हर नोट पर कुछ सेफ्टी फीचर लगे होते हैं. 100 के नये नोट में भी हैं. इनका ध्यान रखकर आप किसी भी तरह के धोखे से बच सकते हैं.

ये हैं फीचर: 
आरबीआई ने बताया है कि 100 रुपये के नये नोट के सामने वाले हिस्से में आपको देवनागरी में 100 लिखा हुआ दिखेगा. नोट के केंद्र में महात्मा गांधी की तस्वीर है. छोटे अक्षरों में 'RBI', 'भारत', 'India' और '100' लिखा हुआ है.



मूल्य वर्ग अंक 100 के साथ आर-पार मिलान है. इसके अलावा मूल्य वर्ग अंक 100 के साथ लेटेंट चित्र भी इसमें मौजूद है. सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम नोट में किए गए हैं. इस पर स‍िक्योरिटी थ्रेड भी लगाया गया है [...]

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