वोपारी गांव में हेयर डाई बनाने की फैक्ट्री के केमिकल मिक्सर में विस्फोट, 11 श्रमिक झुलसे
सिरियारीके निकट वोपारी गांव की सरहद में पहाड़ियों के बीच स्थित केमिकल डाई बनाने की फैक्ट्री में केमिकल मिक्सर में आग लगने से विस्फोट हो गया। विस्फोट से फैक्ट्री में काम कर रहे 11 मजदूर झुलस गए, जिन्हें सोजत के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। देर शाम सभी घायल श्रमिकों को जोधपुर रेफर कर दिया। पुलिस का कहना है कि फैक्ट्री में निर्मित होने वाली डाई में काले रंग का मिश्रण तैयार करने केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। केमिकल मिक्सर इलेक्ट्रिक मशीन में शाॅर्ट सर्किट से विस्फोट हो गया। इससे मिश्रण उछला और श्रमिक झुलस गए। लेकिन देर रात तक इस संबंध में कोई मुकदमा दर्ज नहीं कराया गया। पुलिस ने अपनी ओर से इस पूरे घटनाक्रम को लेकर रपट दर्ज कर ली है। सिरयारी थाना प्रभारी दौलतरम के अनुसार के अनुसार सोजत निवासी मेहंदी व्यवसायी चुतराराम गहलोत ने सिरियारी के पास वोपारी गांव में भी मेहंदी बनाने के लिए प्रेम हिना नाम से फैक्ट्री लगा रखी है, जहां इलाके के बड़ी संख्या में लोग मजदूरी करते हैं। मेहंदी को काला रंग देने के लिए केमिकल युक्त रंग का इस्तेमाल किया जाता है, जिसके लिए फैक्ट्री में इलेक्ट्रिक मिक्सर मशीन लगी हुई है। बुधवार दिन में अचानक इसमें आग लगने से विस्फोट हो गया, जिससे 11 श्रमिक झुलस गए। शेष| पेज 13
सभीको सोजत में प्राथमिक उपचार के बाद जोधपुर रेफर किया है।
विस्फोट के धमाके से अफरातफरी, फैक्ट्री में नहीं जाने दिया ग्रामीणों
पहाड़ी इलाके में स्थित मेहंदी की फैक्ट्री में विस्फोट के धमाके से एक बारगी इलाके में अफरा तफरी का माहौल हो गया। अनहोनी की आशंका में फैक्ट्री के बाहर काफी ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। कुछ ग्रामीण फैक्ट्री में जाकर हालात देखना चाहते थे, लेकिन ग्रामीणों को फैक्ट्री में नहीं जाने दिया गया। मजदूरों के परिजन फैक्ट्री के बाहर अपने परिजनों का हाल जानने पहुंच गए, लेकिन उन्हें भी प्रवेश नहीं दिया गया। घटना के बाद सभी मजदूरों की छुट्टी कर दी गई।
यह श्रमिक हुए घायल
विस्फोट आगजनी से पुष्पेंद्रसिंह पुत्र हेमसिंह, पुष्पेंद्रसिंह पुत्र प्रतापसिंह, डूंगरसिंह पुत्र जयसिंह, भोमसिंह पुत्र उदयसिंह, सोहनलाल पुत्र हजारी राम, पूरणसिंह पुत्र विजयसिंह, गणेशसिंह पुत्र पूनम सिंह, किशना राम पुत्र हजारी राम, रामसिंह पुत्र भोमसिंह, जालम सिंह पुत्र गोकुलसिंह, सुखदेव पुत्र गोकुलसिंह निवासी वोपारी झुलस गए, जिन्हें पुलिस के आने के बाद इमरजेंसी 108 की मदद से सोजत अस्पताल ले जाया गया। बाद में इन सभी को जोधपुर रेफर कर दिया गया।
किसानोंप्राकृतिक मेहंदी उत्पादकों का व्यवसाय चौपट कर रहा डाई उद्योग : मेहंदीकी आड़ में ही बरगंडी डाई उद्योग पनप रहा है। लेकिन इसमें प्राकृतिक मेहंदी का उपयोग नाम मात्र का ही होता है। बड़ी मात्रा में केमिकल मेहंदी पाउडर के दूसरे वैकल्पिक उत्पाद काम में लिए जा रहे हैं। इसीलिए इसे प्राकृतिक मेहंदी का दुश्मन कहा जाता है। धीरे-धीरे डाई उद्योग पनपने से मेहंदी उत्पादक किसान मैन्युफैक्चरर्स का धंधा चौपट हो रहा है।
मौकेपर मिले केमिकल के सैंपल लिए, पुलिस ने ताला लगाया गोदाम फैक्ट्री को : ^श्रमिकोंके झुलसने की सूचना पर डीएसपी के साथ मैं मौके पर पहुंची। फैक्ट्री में मिले केमिकल पाउडर के सैंपल लिए हैं। अंधेरा ज्यादा होने के कारण पुलिस से गोदाम को ताला लगवाया गया है। गुरुवार सुबह विस्तृत जांच की जाएगी। – गोमती शर्मा, एसडीएम, मारवाड़ जंक्शन
मेहंदी के नाम पर बना रहे डाई, जिम्मेदार बेपरवाह
जानकारोंकी मानें तो सोजत के कुछ व्यवसायी मेहंदी की आड़ में केमिकल बेस डाई बनाने का काम कर रहे हैं। इस फैक्ट्री में भी पुलिस के अनुसार डाई बनाई जा रही थी। बरगंडी काली मेहंदी (डाई) बनाने में प्रतिबंधित केमिकल उपयोग में लाए जा रहे हैं। लेकिन मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस बनाने में इन तथ्यों को छिपा लिया जाता है। साथ ही एक्सप्लोसिव लाइसेंस भी नहीं लिया जाता।
फैक्ट्री के अपशिष्ट से भूजल भी प्रदूषित हो रहा, प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने पिछले सप्ताह ही कंसेंट टू ऑपरेट निरस्त करने की सिफारिश की
वोपारीस्थित केमिकल डाई बनाने की यह फैक्ट्री प्रदूषण फैलाने को लेकर भी आरोपों से घिरी है। पिछले सप्ताह ही प्रदूषण नियंत्रण मंडल, के क्षेत्रीय अधिकारी राजीव पारीक तहसीलदार भागीरथ चौधरी ने फैक्ट्री पर कार्रवाई थी। विभाग को मौके पर प्रदूषण नियंत्रण के मानदंडों की अवहेलना मिली। फैक्ट्री से निकला रंगीन पानी बाहर खुले में ही निस्तारित किया जा रहा था। विभाग ने इस पर मुख्यालय को रिपोर्ट भेजकर कंसेंट टू ऑपरेट निरस्त करने की सिफारिश की है।
सोडियम पिक्रामेट, पिक्रामिक एसिड बेरियम परॉक्साइड जैसे ज्वलनशील खतरनाक केमिकल से बनती है डाई
जानकारोंकी मानें तो सेमी लिक्विड या क्रीम फार्म डाई में सोडियम पिक्रामेट या पिक्रामिक एसिड का उपयोग किया जाता है। सोडियम पिक्रामेट इतना ज्वलनशील है कि इसकी हैंडलिंग की भी मंजूरी नहीं मिलती। इसको लिक्विड फार्म डाई में मिलाया जाता है। यह चीन से आयात होता है और देश में मुंबई सहित कुछ चुनींदा जगह ही मैन्युफैक्चर किया जाता है। वहीं काली मेहंदी जैसी सूखी डाई में बेरियम परॉक्साइड का इस्तेमाल किया जाता है। यह ज्वलनशील अत्यंत क्रियाशील है।
फैक्ट्री में झुलसे श्रमिकों का सोजत
अस्पताल में उपचार करते चिकित्साकर्मी।
सवाल जो उठ रहे
{मशीनमें विस्फोट के बाद फैक्ट्री में 11 श्रमिक झुलसे। कारण शॉट सर्किट बताया गया। केमिकल से झुलसने की बात क्यों छिपाई गई
{फैक्ट्री में इस्तेमाल किए जा रहे केमिकल क्या थे, क्या सक्षम विभागों की मंजूरी थी।
{आखिर फैक्ट्री में पुलिस प्रबंधन ऐसा क्या छिपाना चाहती थी कि श्रमिकों के परिजनों मीडियाकर्मियों को अंदर जाने से रोका गया
{सोजत से सभी 11 श्रमिकों को रेफर कर पाली क्यों नहीं लाया गया, जबकि बांगड़ में बर्न वार्ड भी है। क्या सभी श्रमिक इतने झुलसे हुए थे कि उन्हें रेफर किया गया। या ये श्रमिकों को पाली से बाहर ले जाने के लिए किया गया। उन्हें एंबुलेंस में क्यों नहीं भेजा।
फैक्ट्री में केमिकल से श्रमिकों के झुलसने की खबर सोशल मीडिया पर आग की तरफ फैली। सूचना पाकर श्रमिकों के मजदूर, मीडियाकर्मी बड़ी संख्या में लोग बचाव जानकारी के लिए पहुंचे। लेकिन इसके बावजूद फैक्ट्री का दरवाजा बंद रखा गया। परिजनों तक को नहीं घुसने दिया गया। पुलिस भी फैक्ट्री प्रबंधन का बचाव करते नजर आई।