तमिलनाडु का आदमी कभी पाली नहीं आया, उसे महिला बता डेंगू पॉजीटिव दिखाया, वेबसाइट पर 10 में से 8 मरीज फर्जी
स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट पर जारी सूची।
चिकित्सा विभाग के अधिकारी और बांगड़ अस्पताल के PMO भी कह रहे एक भी मरीज नहीं आया डेंगू पॉजीटिव
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट पर बिना मरीजों के तथ्यों की पड़ताल के मरीजों का आंकड़ा बढ़ाकर बताया जा रहा है। डेंगू जैसी बीमारियों के मामले में जारी किए जा रहे आंकड़ों में फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। वेबसाइट पर पाली से 10 पॉजीटिव मरीज डेंगू के बताए गए। भास्कर ने इन सभी मरीजों का सच जानना चाहा तो यह खुलासा हुआ। इनमें से 6 मरीजों की जांच जिला मुख्यालय स्थित बांगड़ और सोजत के उपजिला अस्पताल में पीपीपी मोड पर संचालित होने वाली निजी कृष्णा लैब में बताई गई।
रिपोर्ट में बताए गए मोबाइल नंबर जुटाकर प्रत्येक मरीज से बात की। सामने आया कि उनमें से एक नंबर तो तमिलनाडु के किसी व्यक्ति का है। जो कभी पाली ही नहीं आया। न उसका कोई रिश्तेदार रहता है। रिपोर्ट में यह आदमी सलमा के नाम से दर्ज है। जानकारी के अनुसार पाली बांगड़ अस्पताल और सोजत उपजिला अस्पताल में सरकार की निशुल्क जांच योजना के तहत कृष्णा लैब को पीपीपी मोड़ पर संचालित किया जा रहा है, जहां 36 तरह की जांचे निशुल्क होती हैं। सामने आया कि लैब के कर्मचारी जांचों का आंकड़ा बढ़ाने के लिए ऐसा कर रहे हैं।
ऐसे समझिए निजी लैब द्वारा फैलाए जा रहे डेंगू के वायरस का कागजी डंक, जयपुर केSMS अस्पताल ने भी एक ही मरीज का नाम तीन बार लिखा
शुक्रवार तक चिकित्सा विभाग की वेबसाइट पर पाली जिले से 10 डेंगू पॉजीटिव मरीज बताए गए
जयपुर के एसएमएस अस्पताल ने एक ही मरीज जैतारण के लौटोती निवासी नीरज राणा का नाम तीन बार लिखा, भास्कर ने जयपुर के अधिकारियों को बताया तो सुधार किया
बाकी बचे 7 में एक मरीज एमजीएच अस्पताल में पॉजीटिव मिला, रोहट निवासी नारायण राम
स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट पर जारी सूची।
जिले में पिछले डेढ़ माह से पारा 40 डिग्री के ऊपरऐसे में एक साथ डेंगू के मरीज कहां से आए। क्या डेंगू का वायरस बदला या कोई और कारण। भास्कर ने इसका कारण जानने का प्रयास किया तो सामने आई असलियत
सरकारी अस्पताल में होने वाले एलीजा टेस्ट में दो ही मापदंड- पॉजीटिव या निगेटिव। निजी लैब में बॉर्डर लाइन का अलग मानकसरकारी अस्पताल व निजी लैब में डेंगू की जांच रिपोर्ट के मानक भी अलग हैं। दोनों में ही एलीजा टेस्ट तो होता है लेकिन सरकारी अस्पताल व मेडिकल कॉलेज में होने वाली जांच में मरीज को निगेटिव या पॉजीटिव की रिपोर्ट देते हैं। यहां निजी लैब में तीसरा मानक बॉर्डर लाइन का भी बता रखा है। इन्हें संदिग्ध माना जा सकता है लेकिन निजी लैब ने इन्हें भी पॉजीटिव बता दिया।
चिकित्सा विभाग की वेबसाइट पर शुक्रवार तक बताए डेंगू के दस मरीज पॉजीटिव, एक का नाम तीन बार, भास्कर ने 6 मरीजों से बात की, दो के नाम फर्जी लिखे, 4 ने कहा जांच तो करवाई लेकिन न तो उन्हें डेंगू पॉजीटिव था न इलाज करवाया
जांचों का आंकड़ा बताने का खेल- न एक भी मरीज का पूरा पता, न डॉक्टर का नाम और मोबाइल नंबर भी ज्यादातर के गलतरिपोर्ट में सबसे बड़ी खामी यह है कि मरीजों का न तो पूरा पता बताया गया है। कई मरीजों के पिता या पति का नाम भी नहीं है। फोन नंबर लिखे गए हैं। उनमें से भी दो के तो गलत निकले।
…और 6 मरीज पाली के बांगड़ व सोजत अस्पताल में पीपीपी मोड पर संचालित कृष्णा लैब के, अब इनके नाम पर हुआ फर्जीवाड़ा
दो मरीजों के नाम फर्जी: पहला तमिलनाडु का आदमी वेबसाइट पर दर्ज मरीज का नाम सलमा, सोजत निवासी बताया। लेकिन जो मोबाइल नंबर रिपोर्ट में बताए वह तमिलनाडु का एक आदमी उठा रहा है। भास्कर ने पूछा तो जवाब मिला, वह कभी पाली नहीं आया। न ही उसका कोई रिश्तेदार वहां रहता है।
दूसरा लैब का ही पूर्व कर्मचारी, लेकिन जांच नहीं करवाई रिपोर्ट में दर्ज नाम मिश्रीलाल। भास्कर ने रिपोर्ट में उसके आगे दर्ज नंबर पर कॉल किया तो वह लैब के ही एक पूर्व कर्मचारी का निकला। यानी रिपोर्ट में फर्जी नाम दर्ज किया। पूर्व कर्मचारी ने बताया कि उसने न जांच करवाई और न ही उसे डेंगू हुआ।
हम अपने स्तर पर सही जांच कर रहे हैं। पाली से 6 मरीज सामने आए हैं। हम लोग चिकित्सा अधिकारियों को रिपोर्ट भी कर रहे हैं । हो सकता है किसी ने गलत मोबाइल नंबर दे दिए हों। वैसे एक बार आप रिपोर्ट भिजवाएं तो इसकी जांच करवाते हैं। -तस्फीर आलम, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, कृष्णा लैब
हमें न तो ऐसी कोई रिपोर्ट मिली है और न ही कोई डेंगू पॉजीटिव मरीज सामने अाया है। आंकड़ों में गड़बड़ी हो सकती है। -डॉ. एसएस शेखावत, सीएमएचओ, पाली
बाकी चार ने जांच करवाई, लेकिन न पॉजीटिव रिपोर्ट, न ही इलाज लियाभास्कर ने इन चारों से भी बात की। इनमें एक एसपी के ड्राइवर की रिलेटिव भी। एक मरीज रेणु कुमारी पाली की बताई गई। इसके अलावा पवन, सायदा और रिप्रा। इनमें से पवन बिलाड़ा का है। उसने कहा कि वह सोजत आया था। किसी के कहने पर यूं ही जांच करवाई लेकिन न तो उसे डेंगू पॉजीटिव बताया और न ही उपचार करवाया।
बांगड़ अस्पताल से अभी तक तो एक भी मरीज सामने नहीं अाया है और न ही निजी लैब से ऐसी कोई पुष्टि हुई है। डेंगू पॉजीटिव की कोई रिपोर्ट भी नहीं मिली। – एमएस राजपुरोहित, पीएमओ, पाली
मुझे जानकारी मिलने के बाद मैंने 1 जनवरी से लेकर मई तक के आंकड़े खुद देखे हैं। कृष्णा लैब से एक भी मरीज डेंगू पॉजीटिव नहीं आया है और न ही इन 6 मरीजों में से किसी एक की भी रिपोर्ट पाली लैब से गई है। -डॉ. राजेश गुप्ता, पैथोलाजिस्ट बांगड़ अस्पताल व नियंत्रक प्रभारी, कृष्णा लैब, पाली