पिकअप की टक्कर से बाइकसवार की टांग कटकर गिरी 15 फीट दूर, तमाशबीन बनाते रहे वीडियो

पिकअप की टक्कर से बाइकसवार की टांग कटकर गिरी 15 फीट दूर, तमाशबीन बनाते रहे वीडियो

पिकअप की टक्कर से बाइकसवार की टांग कटकर गिरी 15 फीट दूर, तमाशबीन बनाते रहे वीडियो

शहर के नया गांव रोड पर सैनिक विश्राम गृह के सामने गुरुवार शाम तेज रफ्तार पिकअप ने मोटरसाइकिल सवार युवक को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि बाइकसवार की टांग घुटने से अलग होकर 15 फीट दूर जा गिरी। आसपास के लोगों ने 108 एंबुलेंस की सहायता से उसे बांगड़ अस्पताल पहुंचाया। हालत गंभीर होने के कारण उसे जोधपुर रैफर किया। गया लेकिन बीच रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। पुलिस के अनुसार सोढ़ों की ढाणी निवासी गणेश चौधरी पुत्र दूदाराम कमठा ठेकेदारी का काम करता है। शाम करीब 4 बजे नया गांव से वह घर की तरफ जा रहा था। इस दौरान सैनिक विश्राम गृह के पास सामने से आ रही तेज रफ्तार पिकअप ने उसे टक्कर मार दी। भिड़ंत इतनी तेज थी कि गणेश की टांग घुटने से अलग हो 10 फीट दूर जा गिरी।

भाजपा समर्थित पार्षद ने तो कर रखा है बहिष्कार : कॉलेज तिराहे से नया गांव रोड ट्रांसपोर्ट नगर तक रोड चौड़ी करने, डिवाइडर बनाने और क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत को लेकर कई बार नागरिक विरोध कर चुके हैं। बावजूद इसके हालात जस के तस हैं। डिवाइडर बनाने की मांग पूरी होने तक पार्षद किशोर सोमनानी ने तो भाजपा के कार्यक्रमों तक का बहिष्कार कर रखा है।

सिर्फ घोषणाओं में ही बना गौरव पथ और शौर्य पथ- ढाई साल पहले नगर परिषद ने यहां गौरव पथ बनाने की घोषणा की, पहले बजट का बहाना तो फिर सीवरेज कार्य पूरा होने की आड़, अब शौर्य पथ की घोषणा 

नतीजा : इस मार्ग पर 4 बड़े हॉस्पिटल, 10 से ज्यादा स्कूल, 50 से ज्यादा कॉलोनियां, ट्रांसपोर्ट नगर, सोजत सहित सैकड़ों गांवों तक आने-जाने वालों के साथ आए दिन हो रहे हादसे

शाम ढले काम पूरा कर हर आदमी घर लौटना चाहता है, ताकि दिन में जो कमाया, परिवार के साथ खुशियों के रूप में बांट सके, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही घर पहुंचने से पहले ही उसे निगल गई।

घुटने से अलग हुई टांग 15 फीट दूर उछलकर गिरी


हादसे के लिए जिम्मेदार पुलिस भी , ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ने के बावजूद नहीं कोई एक्शन 

नगर परिषद तो इन हादसों के लिए जिम्मेदार है ही लेकिन पुलिस भी बराबर की कसूरवार है। ट्रैफिक पुलिस का फोकस सिर्फ चालान काटने तक ही सीमित है। जबकि नया गांव रोड ट्रैफिक के लिहाज से सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण नहीं है। पुलिस लगातार इस मुद्दे को उठाती तो शायद समाधान जल्द करवा पाती। नहीं तो इस शहर में भामाशाह उसके कहने पर लाखों रुपए के कैमरे लगा सकते हैं। लोगों की जान बचाने के लिए महज कुछ हजार रुपए की बेरिकैडिंग में भी सहयोग कर सकते हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पिकअप तेज स्पीड में थी। टक्कर इतनी तेज थी कि गणेश की टांग घुटने से अलग होकर उछलकर 15 फीट दूर जा गिरी। वह खुद एक तरफ और बाइक दूसरी तरफ। मौके पर खून ही खून तो जहां तक टांग उछलकर गई, खून के छींटे।

एक्सीडेंट के बाद लहुलुहान हुआ गणेश दर्द से कराहता रहा। सिर उठाकर लोगों को मदद की आस में देखता रहा, कभी दूर गिरी अपनी टांग को देखता रहा। चार-पांच मिनट तक यह सिलसिला जारी रहा। आखिर निढाल हो गया।

अस्थायी डिवाइडर क्यों नहीं कर सकते सीवरेज कार्य तो एक साल में भी पूरा नहीं होगा, तो क्या तब तक हम और हादसों का इंतजार करें। क्यों नहीं यहां नई सड़क बनने तक अतिक्रमण हटाकर अस्थायी तौर पर डिवाइडर बना दें। इसमें तो कोई बहुत राशि भी नहीं चाहिए। अस्थायी बेरिकेडिंग की जा सकती है।

लोग तमाशबीन खड़े देखते रहे, गणेश और 15 फीट दूर गिरी उसकी टांग का वीडियो बनाते रहे, लेकिन हॉस्पिटल न पहुंचा सके

हादसे के बाद गणेश काफी देर तक सड़क पर पड़ा तड़पता रहा। मौके पर काफी भीड़ जमा थी लेकिन सिर्फ तमाशबीन। गणेश बार बार सिर उठाकर लोगों को देखता रहा कि शायद इस भीड़ में कोई तो उसे उठाकर अस्पताल पहुंचाए। लेकिन लोग वीडियो बनाते रहे। काफी देर बाद कुछ लोगो ने उसे अस्पताल पहुंचाया। यहां से जोधपुर रेफर किया गया लेकिन बीच रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।

एक साल में इसी जग हादसे में तीसरी मौत, हादसों की संख्या अनगिनत क्योंकि ज्यादातर मामले पुलिस तक जाते नहीं शहर का सबसे व्यस्ततम नया गांव रोड हादसों का पर्याय बन चुका है। इस रोड पर एक साल में तीन लोगों की जान जा चुकी है, जबकि कई लोग घायल होकर अस्पताल पहुंच चुके हैं। वाहनों की आपसी टक्कर, गिरने और वाहनों के क्षतिग्रस्त होने के मामले अनगिनत हैं। क्योंकि ऐसे मामलों में ज्यादातर लोग पुलिस को रिपोर्ट तक नहीं करते।

कई बार स्थानीय नागरिक व व्यापारी उतरे सड़कों पर, हर बार सिर्फ आश्वासन अतिक्रमण के अलावा यह रोड इतना जर्जर हो चुका है कि लोगों का चलना मुश्किल है। यहां के व्यापारी व नागरिक कई बार धरने-प्रदर्शन कर चुके। लेकिन हर बार नगर परिषद व पुलिस ने आश्वासन देकर उन्हें हटा दिया।

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