सोजत | पांच सौ तपस्वियों का निकला वरघोड़ा, मुख्य समारोह आज, भाग्यशाली सोजत भूमि अौर यहां के नागरिक
मुख्य समारोह आज
सोजत | शहर में वर्षीतप पारणा करने वाले 500 तपस्वियों का वरघोड़ा मंगलवार को वरिष्ठ प्रवर्तक रूपचंद महाराज के सानिध्य में निकाला गया, जिसमें गेर नृत्य भी किया गया, वर्षीतप पारणा करने वाले 500 तपस्वियों का वरघोड़ा मंगलवार को वरिष्ठ प्रवर्तक रूपचंद महाराज के सानिध्य में निकाला गया जैन बड़ा स्थानक से निकले वरघोड़े की भव्यता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसका एक छोर सिनेमा हॉल तिराहा के पास तो दूसरा चारभुजा मंदिर चौराहे के पास, राज्य भर से श्रद्धालु इस वरघोड़े में शामिल होने पहुंचे। पूरे रास्ते फूलों की बारिश की गई। सिर पर साफा पहने बैंड बजाती महिलाएं आकर्षण रही। भगवान महावीर के जैकारों के साथ पूरा रास्ता श्रद्धालुओं ने नाचते-गाते तय किया इससे पूर्व सोमवार रात भजन संध्या भी हुई।
वरघोड़े के बाद राजकीय महाविद्यालय में आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए रूपमुनि महाराज ने कहा कि सोजत भूमि अौर यहां के नागरिक भाग्यशाली हैं जो अक्षय तृतीया के तपस्वी पर्व की ऐेतिहासिक अनुमोदना कर रहे हैं। आज जो जन सैलाब उमड़ा हैं, यह संत मिश्रीमल जी महाराज को सच्ची आदरांजलि है। उपप्रवर्तक सुकनमुनि, युवाचार्य महेंद्र महाराज, विनय मुनि भीम, अमृत मुनि, महेश मुनि ने भी प्रवचन दिए।
पानी, शरबतसे स्वागत, गर्मी का अहसास तक नहीं हुआ
करीब दो किमी लंबे वरघोड़े के दौरान शहरवासियों ने ठण्डे पानी के साथ शरबत, ठंडाई, आईसक्रीम व पंचमेवे वितरित कर वरघोड़े का स्वागत किया। ऐसे में वरघोड़े में शामिल लोगों को गर्मी का अहसास तक नहीं हुआ। विधायक संजना आगरी, पालिकाध्यक्ष मांगीलाल चौहान, श्याम गहलोत, कैलाश अखावत, श्यामसुन्दर माहेश्वरी, सुरेश सुराणा, माणकराज चौहान, मंगलचंद मुणोत, सोहन मेवाड़ा आदि ने स्वागत किया।
मुख्य समारोह आज, मंत्री आएंगे
मुख्य समारोह आज बुधवार को आयोजित होगा। जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष केसरीमल बुरड के साथ केन्द्रीय मंत्री पीपी चौधरी, गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया, जलदाय मंत्री सुरेन्द्र गोयल, उच्च शिक्षामंत्री किरण माहेश्वरी, पीडब्लूडी मंत्री युनूस खां, ऊर्जा राज्य मंत्री पुष्पेन्द्रसिंह राणावत सहित कई सांसद व जिले के सभी विधायक शिरकत करेंगे।
साढ़े तेरह महीने का वर्षीतप, आज होगा पारणा
जैन समाज के विनोद बोकड़िया के अनुसार जैन समाज की सबसे बड़ी तपस्या वर्षीतप साढ़े तेरह महीने का होता है जो होली के आठ दिन पश्चात आठम को शुरू होकर आखातीज पर खत्म होता है। इसमें एक दिन उपवास और एक दिन बिहासणा रखा जाता है। उपवास में सुबह आठ बजे से सूर्यास्त तक सिर्फ गर्म पानी पीते है तथा बिहासणा में दो टाइम खाना खाते है। मान्यता है कि सबसे पहले आदेश्वर भगवान ने ये तपस्या की थी। अाज देश भर के पांच सौ से अधिक तपस्वियों को गन्ने के रस से पारणा खुलवाया जाएगा।