15 दिन का ट्रायल खत्म, ई-वे बिल लागू, पालना नहीं होने पर होगी कार्रवाई
भारत सरकार ने माल के तेज, आसान और अंतरराज्यिक परिवहन के लिए ई-वे बिल सिस्टम लागू किया है। परिवहन किए जाने वाले माल की कीमत 50 हजार से ज्यादा है तो अब ई-वे बिल लेना जरूरी होगा। इसके लिए देशभर में 16 जनवरी से शुरू हुआ 15 दिन का ट्रायल रन बुधवार को खत्म हो चुका है तथा गुरुवार से ई-वे बिल लागू हो गया। ऐसे में कारोबारियों को सभी कन्फ्यूजन को दूर रखते हुए इसके लिए तैयार होना होगा। ये जानना जरूरी हो जाता है कि ई-वे बिल में कितने फॉर्म हैं। इसे कैसे बनाना और कैंसिल करना है। ई-वे बिल कैसे काम करेगा। ई-वे बिल के लिए जीएसटीएन पोर्टल से अलग वेबसाइट बनाई है। देश भर के सभी कारोबारी और ट्रेडर्स इस वेबसाइट पर ई-वे बिल जनरेट कर पाएंगे।
सख्ती
परिवहन किए जाने वाले माल की कीमत 50 हजार से ज्यादा है तो ई-वे बिल लेना जरूरी
ई-वे बि में हैं 4 तरह के फॉर्म
ई-वे बिल-1
ई-वे बिल-1 गुड्स के लिए है। यानी डीलर, कारोबारी, एक्सपोर्टर, ट्रेडर जो 50 हजार रुपए का स्टॉक एक राज्य से दूसरे राज्य में भेज रहे हैं, उन्हें ई-वे बिल-1 भरना होगा। ये ई-वे बिल ट्रेडर, रिटेलर, कारोबारी सबके लिए एक ही है।
ई-वे बिल-2
ई-वे बिल-2 कन्सॉलिडेटेड ई-वे बिल है। कन्सॉलिडेटेड ई-वे बिल में एक ही व्हीकल में अलग-अलग डीलर्सए प्रोडक्ट का सामान भेजने पर कन्सॉलिडेटेड ई-वे बिल बनेगा। ये कन्सॉलिडेटेड ई-वे बिल ज्यादातर ट्रांसपोर्टर्स को भरना होगा। ट्रांसपोर्टर्स अलग-अलग डीलर्स के लिए एक कन्सॉलिडेटेड ई-वे बिल बना सकता है।
ई-वे बिल-3
ई-वे बिल-3 वेरिफिकेशन फॉर्म है जिसे जीएसटी अधिकारी भरेंगे। इस फॉर्म में प्रोडक्ट ले जा रहे है व्हीकल की जानकारी जैसे व्हीकल नंबर, ट्रांसपोर्टर और डीलर का नाम और नंबर होगा। ये फॉर्म डीलर, ट्रांसपोर्टर और जीएसटी अधिकारी कोई भी चेक कर सकता है।
ई-वे बिल-4
ई-वे बिल-4 डिटेन्शन फॉर्म है। यानी अगर एक जीएसटी अधिकारी ने अगर 50 ट्रक को वैरिफाई किया है और उसमें से अगर 4 में अधिकारी को कुछ गड़बड़ लगता है, तो वह उन व्हीकल और प्रोडक्ट को जब्त कर लेगा। अधिकारी जिन भी ट्रक या प्रोडक्ट को जब्त करता है, वह उसकी जानकारी ई-वे बिल-4 में भरेगा।
एसएमएस पर बन जाएगा ई-वे बिल
कारोबारियों और ट्रांसपोर्टस को कोई भी टैक्स ऑफिस या चेक पोस्ट पर जाने की जरूर नहीं होगी। ई-वे बिल इलेक्ट्रॉनिकली स्वयं कारोबारी निकाल पाएंगे। कारोबारी ऑफलाइन भी एसएमएस के जरिए ई-वे बिन बनवा सकेंगे। जिन कारोबारियों के पास इंटरनेट की सुविधा नहीं है और उन्हें एक दिन में ज्यादा ई-वे बिल जनरेट नहीं करने हैं, वह एसएमएस सर्विस से ई-वे बिल जनरेट कर सकते हैं। इसके लिए कारोबारियों को अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर करना होगा। इसी नंबर से एसएसएस के जरिए ई-वे बिल की रिक्वेस्ट डिटेल देकर जनरेट कर सकते हैं।
विभागीय वेबसाइट करना होगा लॉग इन
कारोबारियों को ई-वे बिल बनाने के लिए डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट ई-वे बिल डॉट एनआईसी डॉट इन पर क्लिक करना होगा। वहां अपना जीएसटी का यूजर आईडी पासवर्ड भरें। उसके बाद अपना ई-वे बिल जनरेट कर सकते हैं। अगर आपने ई-वे बिल पर रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, तो पहले आपको रजिस्टर करना होगा।