पाले से बचने का तरीका जिलेमें इस सीजन में दूसरी बार रात का पारा 6 डिग्री पर पहुंचा है। शाम से रात तक गलन भरी सर्दी
जिलेमें इस सीजन में दूसरी बार रात का पारा 6 डिग्री पर पहुंचा है। शाम से रात तक गलन भरी सर्दी का असर है। खुले में रात काटना भारी पड़ रहा है। सोमवार को न्यूनतम तापमान 6.0 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। इसका असर दिन के तापमान पर भी आया है। दिन भर धूप खिलने के बाद दिन का तापमान 1.0 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया है। अधिकतम पारा 24.0 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। मौसम में 24 फीसदी नमी दर्ज की गई है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार अगले कुछ दिनों में सर्दी से राहत नहीं मिलने वाली है।
6 जनवरी 9.225.8
7जनवरी 7.023.0
8जनवरी 6.024.0
तापमानडिग्री सेल्सियस में
खेतों में खड़ी फसल पर जमी ओस की बूंदें।
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक किसान शीतलहर पाले की संभावना को देखते हुए फसल को बचाने के लिए रात के समय खेत की मेढ़ पर कचरा खरपतवार जलाएं। उत्तर-पश्चिम छोर से धुआं करें, जिससे धुएं की परत फसलों पर छा जाए। इस प्रकार तापमान के असर को कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। शुष्क क्षेत्र वाली भूमि में पाला पड़ने का जोखिम अधिक रहता है।
अगले तीन-चार दिन तक और ठंड से राहत मिलने की कोई संभावना नहीं है। तापमान इसी तरह बना रहेगा।
हिमाचल प्रदेश में हुई बर्फबारी और उत्तर-पूर्व से रही बर्फीली हवा के कारण पूरे जिले में कड़ाके की ठंड पड़ रही है।
गेहूं, जौ और सरसो ठंड को सहन करने वाली फसलें हैं। ठंड ज्यादा पड़ेगी तो फसल चक्र का समय कुछ बढ़ जाएगा और इससे दाना बढ़ने में सहायता मिलेगी।
लगातार तापमान में गिरावट आती है और हवाएं रुक जाती है तो पाला पड़ने की संभावना बन जाएगी। इससे जीरा, इसबगोल, चना, मटर टमाटर को नुकसान पहुंचेगा।