दो गुटों में बंटे सेवारत चिकित्सक, एक दिन ही अवकाश लेकर वापस ड्यूटी पर लौटे 50 डॉक्टर
सेवारतचिकित्सकों के सामूहिक अवकाश के पहले ही दिन सोमवार को संघ से जुड़े डॉक्टर दो धड़ों में बंट गए हैं। एक धड़ा जहां अपनी मांगों को लेकर सोमवार से सामूहिक अवकाश पर चला गया है, वहीं दूसरे धड़े में शामिल 50 से अधिक डॉक्टर सामूहिक अवकाश के बाद भी काम पर लौटे और मरीजों को देखा। जानकारी के अनुसार अखिल राजस्थान राज्य सेवारत संघ से जुड़े जिले के 200 से अधिक चिकित्सक सोमवार से 33 सूत्रीय मांगें पूरी नहीं होने और पदाधिकारियों के तबादले के विरोध में सामूहिक अवकाश पर जाने का निर्णय लिया था। ऐसे में कई डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर भी चले गए, लेकिन जिले के 50 डॉक्टर सोमवार को काम पर लौटे और मरीजों को देख अस्पताल में व्यवस्थाएं संभाली, वहीं बांगड़ अस्पताल में मेडिकल काॅलेज से जुड़ी फैकल्टी ने भी मरीजों को देखा।
बांगड़में 13 और जिले में 38 से अधिक डॉक्टर आए काम पर : गौरतलबहै कि सामूहिक अवकाश की घोषणा करने के बाद से रेस्मा लागू कर दिया था। इसके तहत शुक्रवार देर रात से ही पुलिस ने गिरफ्तारी की कार्रवाई शुरू कर दी थी। इसको लेकर बांगड़ में रविवार को करीब 19 डॉक्टर काम पर नहीं आए, वहीं जिले में केवल 25 डॉक्टर ही थे। सोमवार को बांगड़ में 32 में से 11, जिले में करीब 33 और सोजत उपजिला अस्पताल में 5 डॉक्टर ही काम पर आए।
– सोमवार को बांगड़ अस्पताल के 13 और मेडिकल कॉलेज के 15 डॉक्टर्स ने व्यवस्थाएं संभाली। कई डॉक्टर काम पर लौटे हैं। सोनोग्राफी बंद रही। बाकी सामान्य तौर पर ओपीडी का संचालन किया गया। इसमें कोई परेशानी नहीं आई।
– डॉ. एमएस राजपुरोहित, पीएमओ, बांगड़ अस्पताल, पाली
कलेक्टर ने डॉक्टरों के अवकाश किए निरस्त
राज्यसरकार में सेवारत चिकित्सकों के हड़ताल पर जाने की घोषणा को देखते हुए कलेक्टर सुधीर कुमार शर्मा ने जिले में कार्यरत सभी चिकित्सा अधिकारियों, चिकित्सकों, पैरामेडिकल, नर्सिंग स्टाफ एवं चिकित्सा कार्मिकों के सभी प्रकार के अवकाश तुरंत प्रभाव से निरस्त कर किए हैं। साथ ही उन्हें कार्यस्थल पर उपस्थिति प्रस्तुत करने के लिए निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने आदेश में बताया कि किसी भी चिकित्सा अधिकारियों, चिकित्सकों, पैरा मेडिकल, नर्सिंग स्टाफ, चिकित्सा कार्मिकों को किसी भी प्रकार का अवकाश, मुख्यालय छोड़ने की अनुमति कलेक्टर की स्वीकृति के बिना नहीं दी जाए। उन्होंने बताया कि यदि कोई भी चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सक, पैरा मेडिकल, नर्सिंग स्टाफ, चिकित्सा कार्मिक कलेक्टर की स्वीकृति के बिना अवकाश या मुख्यालय से बाहर रहता है तो उसके विरुद्ध विभागीय नियमों के तहत कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी।
1200 की ओपीडी में 28 डॉक्टर, ऑपरेशन हुए, लेकिन सोनोग्राफी रही बंद
बांगड़अस्पताल में साेमवार को 1200 से अधिक की ओपीडी रही। इस दौरान सेवारत डॉक्टर और मेडिकल कॉलेज की फैकल्टी को मिलाकर करीब 28 डॉक्टर ने पूरी ओपीडी आईपीडी संभाली। इस दौरान 8 ऑपरेशन भी हुए, लेकिन सोनोग्राफी पूरी तरह से बंद रही। इसके लिए मरीजों को बाहर से सोनोग्राफी करवानी पड़ी।