सीएमएचओ पीएमओ को बिना सूचना हड़ताल पर गए 241 डॉक्टर हुए भूमिगत
अपनी33 सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार से बांगड़ अस्पताल समेत जिले की 104 सीएचसी पीएचसी पर कार्यरत सेवारत 241 डॉक्टर इस्तीफे के बाद सामूहिक अवकाश पर चले जाने से एक बार के लिए चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई। सीएमएचओ पीएमओ को बिना सूचना दिए हड़ताल पर गए सभी डॉक्टर ने जिला मुख्यालय छोड़ भूमिगत हो गए और मांगे पूरी नहीं होने तक काम पर नहीं लौटने का निर्णय लिया है। इसके बाद मंगलवार को भी चिकित्सकों की हड़ताल जारी रहेगी। ऐसे में अस्पताल की इमरजेंसी समेत अन्य सेवाएं पूरी तरह से प्रभावित होगी। इसके साथ ही बांगड़ अस्पताल में एक साथ 32 डॉक्टर हड़ताल पर जाने से एकबार के लिए मरीजों को परेशानी उठानी पड़ी।
आमजनको राहत देने के लिए कम दरों में सोनोग्राफी करने के आदेश, पुलिस भी करेगी सिर्फ पंचनामा : डॉक्टरके हड़ताल पर जाने की वजह से बिगड़ी व्यवस्थाओं के लिए जिला प्रशासन ने जिले के निजी सोनोग्राफी केंद्र को कम दरों पर सोनोग्राफी करने के आदेश दिए है। सभी सेंटर संचालक को आदेश जारी किए गए है कि इमरजेंसी होने पर तय दरों से कम में सोनोग्राफी की जाए। वहीं पोस्टमार्टम का कार्य भी प्रभावित होने की वजह से पुलिस अधिकारियों को भी केवल पंचनामा बना शव सुपुर्दगी के आदेश है।
बांगड़ में और जिले में यह रही व्यवस्था
मेडिकलकॉलेज के 16 चिकित्सकों ने संभाली 1200 से अधिक की ओपीडी
बांगड़में मुख्य ओपीडी समेत एमसीएच सेंटर की ओपीडी करीब 1200 से अधिक थी। यहां कार्यरत सभी सेवारत डॉक्टर हड़ताल पर जाने से पाली मेडिकल कॉलेज में लगे 16 विशेषज्ञों ने ओपीडी संभाली और मरीजों को परामर्श दिया।
104सीएचसी पीएचसी के सभी डॉक्टर हड़ताल पर, स्टाफ के भरोसे व्यवस्था
जिलेकी 104 सीएचसी पीएचसी पर कार्यरत सभी 210 डॉक्टर हड़ताल पर चले जाने से ग्रामीण क्षेत्रों में इसका काफी असर देखने को मिला। हालांकि यहां कार्यरत आयुर्वेदिक होम्योपैथिक चिकित्सकों ने आउटडोर में मरीजों को देखा। इसके अलावा कई जगह तो नर्सिंग स्टाफ के भरोसे अस्पताल संचालित किया।
मरीजों को डिस्चार्ज
हड़तालको देखते हुए रविवार सोमवार को किसी मरीज को भर्ती नहीं किया गया। जो भर्ती थे उन्हें भी डिस्चार्ज कर दिया गया।
ऑपरेशन भी टाले
सेवारतचिकित्सकों के अल्टीमेटम को देखते हुए सोमवार को ऑपरेशन टाले गए। मंगलवार को होने वाले ऑपरेशन भी नहीं होंगे। केवल इमरजेंसी में ऑपरेशन की व्यवस्था रहेगी।
सोनोग्राफी बंद
जिलेके विभिन्न अस्पताल में सोनोग्राफी बंद रही। गर्भवती महिलाओं को इमरजेंसी में निजी सेंटर पर सोनोग्राफी करानी पड़ी।
पाली. रूपावास से मोहन-गंगा चर्म रोग विशेषज्ञ को दिखाने बांगड़ आए थे। आउटडोर में डॉक्टर नहीं थे तो अस्पताल परिसर में बने डॉक्टर के क्वार्टर के बाहर करीब 15 से 20 मिनट तक इंतजार करते रहे। इस दौरान कई देर तक घंटी बजाते रहे लेकिन जब अंदर से जवाब मिला की हड़ताल है घर पर भी नहीं देखेंगे तो निराश लौटना पड़ा।