15 दिन में एक ही मोहल्ले के 7 बच्चों को तेज बुखार
जिलेका सोजतरोड कस्बा डेंगू बुखार के मामले में हाईरिस्क जोन बन गया है। कस्बे में दो युवकों की डेंगू से मौत होने के बाद अब एक ही मोहल्ले में 7 बच्चे तेज बुखार से तप रहे हैं। निजी अस्पताल में उपचार के दौरान इन बच्चों को डेंगू बताया जा रहा है, मगर सरकारी डॉक्टर इसे मानने को तैयार ही नहीं है। शुक्रवार को दो बच्चों की तबीयत ज्यादा खराब होने पर उनको उपचार के लिए जोधपुर रेफर किया गया है। जानकारी के अनुसार भैरूसिंह जी की गली में निवासी दिनेश (17) पुत्र सुरेश कुमार और सुभाष मार्ग निवासी कोकून बंगाली को पिछले चार-पांच दिनों से बुखार की शिकायत थी। दोनों काे स्थानीय अस्पताल में भी दिखाया गया लेकिन तबीयत में सुधार नहीं होने के बाद दोनों के परिजन जोधपुर ले गए। जहां अलग-अलग निजी अस्पतालों की ओर से डेंगू की पुष्टि की और उपचार शुरू किया।
बुखार के मरीज सामने आने के बाद चिकित्सा विभाग ने कराया सर्वे और फोगिंग
कस्बेमें बुखार के मरीज सामने आने के बाद चिकित्सा विभाग भी हरकत में गया है। शुक्रवार को आलावास मार्ग पर सर्वे किया गया। इसके साथ ही कई क्षेत्रों में फोगिंग करवाई गई। चिकित्सा अधिकारियों के अनुसार सर्वे के दौरान मौसमी बीमारियों के गंभीर मरीजों को चिंहित कर उनकी जांच करवाई जा रही है।
चिकित्सा विभाग नहीं मानता कार्ड टेस्ट, आंकड़ों में केवल तीन मरीज
इधर,चिकित्सा विभाग का कहना है कि कार्ड टेस्ट से डेंगू की पुष्टि नहीं होती और वह भी यदि निजी अस्पताल में हो तो। इतना ही नहीं चिकित्सा विभाग के आंकड़ों के अनुसार जनवरी से लेकर अब तक केवल तीन मरीजों में ही डेंगू की पुष्टि हो पाई है। वहीं निजी अस्पताल का आंकड़ा इनसे कहीं ज्यादा है।
^सामान्य बुखार में भी प्लेटलेट्स कम हो जाती है और पुराना बुखार होतो कार्ड टेस्ट में आईजीजी पॉजिटीव जाता है। जिसमें डेंगू नहीं मानते हैं। यह पुराना बुखार है। क्षेत्र में सर्वे और फोगिंग का कार्य करवाया जा रहा है। -डॉ.एनके विजयवर्गीय, चिकित्सा प्रभारी, सोजत रोड
इसलिए कार्ड टेस्ट नहीं मानता चिकित्सा विभाग
दरअसल,डेंगू के लिए एलाइजा टेस्ट ही मान्य है जो जिला अस्पताल समेत अन्य सरकारी अस्पताल में उपलब्ध है। चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के अनुसार कार्ड टेस्ट केवल स्क्रीनिंग तक ही सीमित है, मरीज में कौनसा बुखार है इसकी जानकारी नहीं मिलती। डेंगू की पुष्टि एलाइजा टेस्ट में ही हो पाती है।
एक ही मोहल्ले के सात बच्चे पहले बुखार से ग्रसित, फिर डेंगू की पुष्टि
गौरतलबहै कि निजी अस्पताल के आंकड़ों के अनुसार भैरू सिंह जी गली से पंद्रह दिनों में 7 बच्चे बुखार के सामने आए थे, जिनका उपचार अजमेर और जोधपुर के निजी अस्पताल में किया गया, वहां पर सभी में डेंगू की पुष्टि हुई। इसमें मोहल्ले के अमन (12) पुत्र गोविंद सिंह, मुकेश पुत्र राजेश माली, दीपक, खुशी (16), कुलदीप (14), गौरव सिंह पुत्र पप्पू सिंह मरीज में डेंगू की पुष्टि अजमेर और जोधपुर के निजी अस्पताल की ओर से की गई।