2 दिन में 80 स्कूलों के 17 हजार से ज्यादा छात्रों ने देखी साइंस एक्सप्रेस

2 दिन में 80 स्कूलों के 17 हजार से ज्यादा छात्रों ने देखी साइंस एक्सप्रेस

मारवाड़ जंक्शन

साइंसएक्सप्रेस क्लाइमेट एक्शन स्पेशल वातानुकूुलित ट्रेन भारत के 61 स्टेशन के सफऱ के बाद बाद गुरुवार को मारवाड़ जंक्शन स्टेशन पर पहुंची। साइंस से जुड़ी जानकारी लेने एवं देखने के लिए दो दिनों तक छात्रों की कतार लगी रही। साइंस एक्सप्रेस को देखने के लिए पाली,जोधपुर, रानी,सोजत सहित अनेक क्षेत्रों से बसों के माध्यम से छात्र पहुंचे। मारवाड़ में दो दिन पूरे कर शुक्रवार रात आठ बजे बालोतरा के लिए साइंस एक्सप्रेस रवाना हुई। अंतिम पड़ाव 5 सितंबर को गांधी नगर में होगा। दो दिन में साइंस एक्सप्रेस की प्रदर्शनी को जिले की 80 स्कूलों के 17 हजार से ज्यादा छात्रों ने देखा।

निराशहुए छात्र : मारवाड़जंक्शन रेलवे स्टेशन पर दो दिन के लिए गुरुवार को पहुंची साइंस एक्सप्रेस क्लाइमेट एक्शन स्पेशल को देखने के लिए बाहर से आने वाले विद्यालयों के छात्रों को मायूस होकर लौटना पड़ा। कारण कि समय की कमी होना एकमात्र कारण रहा। वंचित विद्यालयों के संस्था प्रधानों ने दो दिन नाकाफ़ी बताए। संस्था प्रधानों का मानना है कि भारत सरकार को ट्रेन का तीन दिन का ठहराव कराना चाहिए था।

साइंस एक्सप्रेस में लगे हैं 16 कोच

साइंसएक्सप्रेस क्लाइमेट एक्शन स्पेशल वातानुकूुलित ट्रेन भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग का एक प्रमुख कार्यक्रम है। सोलह डिब्बों की वातानुकूलित ट्रेन पर स्थापित यह विज्ञान प्रदर्शनी है। यह 2007 से समस्त भारत में भ्रमण कर रही है। साइंस एक्सप्रेस ने अब तक आठ चरणों में भारत भर की यात्रा की है। अब तक 1.56 करोड़ लोगों ने इस प्रदर्शनी को देखा है। साइंस एक्सप्रेस ट्रेन के सोलह कोच में जलवायु परिवर्तन को समझना, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव,जलवायु परिवर्तन में अनुकूलन, अल्पीकरण-पृथ्वी के संतुलन को बनाए रखना, अल्पीकरण हेतु भारत के प्रयास, अंतरराष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन समझौता वार्ता, जलवायु परिवर्तन सकारात्मक प्रयास, जैव प्रौद्योगिकी द्वारा जैव संसाधन और प्रकृति संरक्षण, जैव प्रौद्योगिकी के प्रयोग द्वारा नव प्रगति, नव प्रवर्तन,विज्ञान प्रौद्योगिकी, किड्स जोन, जॉय ऑंफ साइंस लैब, प्लेटफार्म गतिविधियां, आउटरीच गतिविधियों सहित कई जानकारियां मौजूद है।

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