ग्रहण के कारण राखी बांधने के लिए मिलेंगे 2 घंटे 48 मिनट
रक्षाबंधनका त्योहार सोमवार को मनाया जाएगा। 12 साल बाद इस बार रक्षा बंधन पर चंद्रग्रहण लग रहा है। चन्द्र ग्रहण के साथ भद्रा का भी साया रहेगा, जिसके चलते राखी बांधने के लिए के केवल 2 घंटे 48 मिनट तक का ही समय मिलेगा। सोमनाथ मंदिर पुजारी महेंद्र रावल तथा पंडित अश्विन दवे के अनुसार ग्रहण और भद्रा के समय को ध्यान में रखते हुए राखी के लिए बहुत कम समय मिल रहा है। ज्योतिषि गणना के अनुसार रक्षाबंधन पर सोमवार को ग्रहण रात्रि 10.53 बजे से शुरु होगा जो रात्रि में 12.48 बजे समाप्त होगा। ग्रहण का सूतक काल दोपहर 1.53 मिनट से शुरु हो जाएगा। शास्त्रों के अनुसार सूतक तथा भद्राकाल में राखी नहीं बांधी जाती। दोपहर 1 बजकर 53 मिनट पर सूतक लग जाएगा और भद्रा काल सुबह 11 बजकर 05 मिनट तक रहेगा। जिसके चलते सुबह 11 बजकर 05 से दोपहर के 1 बजकर 53 मिनट के बीच रक्षाबंधन के लिए सही समय माना गया है।
भद्राकालमें क्यों नहीं बांधते है राखी, भगवान शिव और रावण से जुड़ा है रहस्य : दरअसलभद्रा और सूतक होने के दौरान को भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि रावण की बहन सूर्पणखा ने अपने भाई रावण को भद्रा काल के लगने के दौरान ही राखी बांधी थी, जिसके कारण रावण का सर्वनाश हुआ था। यही वजह है कि लोग भद्रा के समय राखी नहीं बांधते हैं। इसी तरह एक दूसरी मान्यता है कि भद्रा काल के दौरान भगवान शिव तांडव करते हैं जिसकी वजह से वे काफी गुस्से में होते हैं। इस दौरान महादेव के क्रोध होने के कारण कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।
सावनका अंतिम सोमवार आज, शिवालय में उमडेंगे श्रद्धालु
सावनके अंतिम सोमवार पर शिवालयों में भीड़ उमड़ेगी। अलसुबह से श्रद्धालुओं की कतारें लगान शुरू हो जाएगी। भोलेनाथ को अभिषेक कर कर मनोकामनाएं मांगी जाएगी। लोग व्रत रखेंगे और मंदिर में जा दर्शन करेंगे।
कई मंदिरों के पट चंद्रग्रहण के बाद दिन में डेढ़ बजे बाद बंद कर दिए जाएंगे।