अंधड़ ने फूंकी चूड़ी फैक्ट्री, लेकिन उसी ने बचाया पेट्रोल पंप, वक्त पर आई बारिश से आग पर काबू

अंधड़ ने फूंकी चूड़ी फैक्ट्री, लेकिन उसी ने बचाया पेट्रोल पंप, वक्त पर आई बारिश से आग पर काबू

बुधवाररात शहर में आया तेज अंधड़ एक फैक्ट्री के लिए आफत बन गया। सोजत बाईपास स्थित किसान केसरी पेट्रोल पंप के सामने स्थित चूड़ी बनाने के मैटेरियल की फैक्ट्री में भट्‌टी से उठी चिंगारी से केमिकल ने आग पकड़ ली और देखते ही देखते भयावह रूप ले लिया। अंधड़ की स्पीड के साथ ही आग विकराल होती गई और पूरी फैक्ट्री को चपेट में ले लिया। गनीमत रही कि अंधड़ की दिशा विपरीत रही और फैक्ट्री के सामने ही रोड के दूसरी तरफ पेट्रोल पंप सुरक्षित रहा। इससे बड़ी राहत बारिश से मिली। सूचना मिलने पर दमकल की 4 गाड़ियां मौके पर पहुंची। इसके साथ ही बारिश शुरू हो गई तो आधा घंटे में ही आग पर काबू पा लिया गया।

पुलिस के अनुसार करीब 10 बजे पेट्रोल पंप के सामने स्थित मुमताज अहमद की फैक्ट्री में आग लग गई। फैक्ट्री में केमिकल से चूड़ी बनाने का रॉ मैटेरियल तैयार होता है। वहां चल रही भट्‌टी से कोई चिंगारी उठी और पास ही रखे केमिकल तक पहुंच गई। इससे केमिकल धधक गया। तेज अंधड़ के कारण चंद मिनटों में ही आग की लपटों में बदल गई। सदर थाना प्रभारी देरावरसिंह सोढ़ा काेतवाल अमरसिंह रतनू ने मौके पर पहुंच कर व्यवस्था को संभाला। दमकल की सहायता से अाग पर काबू पाया गया। फैक्ट्री मालिक के अनुसार आग से करीब 4 लाख का माल जलकर राख हो गया।

दूर-दूरतक नजर रही थी आग की लपटें

आग लगने के दौरान ही तेज अंधड़ आने से आग की लपटें ज्यादा हो गई। दूर-दूर तक आग की लपटें ही नजर रही थी। आग से केमिकल के ड्रम के साथ-साथ तैयार माल भी जलकर राख हो गया। पुलिस स्थानीय लोगों ने भी आग पर काबू पाने के लिए काफी मशक्कत की।

शहर में 100 से ज्यादा चूड़ी फैक्ट्रियां, लाखों लीटर केमिकल का रोज उपयोग

चूड़ीउद्योग शहर की पहचान है। घर-घर में चल रहा यह उद्योग शहर के सैकड़ों घरों की आजीविका का साधन है। लेकिन इस उद्योग को सुरक्षित संगठित करने के लिए प्रशासन ने कभी पहल नहीं की। लाखों लीटर केमिकल प्रतिदिन इस उद्योग में काम आता है। ज्यादातर अकुशल मजदूर हैं। इस उद्योग के लिए पर्याप्त प्रशिक्षण सुरक्षा मापदंड अपनाए जाने की जरूरत है। ताकि लोगों की आजीविका भी चले और वे सुरक्षित भी रहें।

केमिकल, लकड़ियां और प्लास्टिक: आग का पूरा सामान था फैक्ट्री में, बचाव का एक भी साधन नहीं

फैक्ट्रीमें मौके पर लगभग 40 ड्रम मोनोमर एक्रेलिक केमिकल के भरे थे। दो ट्रॉली सूखी लकड़ियां और कई कट्‌टों में तैयार चूड़ी बनाने का तैयार रॉ मैटेरियल था। इसी कारण केमिकल ने आग पकड़ी तो बेकाबू हो गई। मौके पर आग बुझाने के लिए पर्याप्त पानी तक नहीं था। जबकि केमिकल की आग बुझाने के लिए पूरे इंतजाम जरूरी थे।

तीसरीबार फैक्ट्री में आग, पेट्रोल पंप संचालक की शिकायतों की भी अनदेखी कर रहा प्रशासन

किसानकेसरी पेट्रोल पंप के संचालक भंवर चौधरी का का कहना है कि फैक्ट्री में आग की यह पहली घटना नहीं है। तीसरा मौका है। वह इसकी शिकायत भी प्रशासन को कर चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। निर्धारित सुरक्षा मापदंडों के साथ कोई व्यवसाय करे तो कोई आपत्ति नहीं लेकिन इस कारण पंप स्टाफ की नींद उड़ी रहती है।

गनीमत रही {रोड के दूसरी ही तरफ 200 फीट दूरी पर ही था पेट्रोल पंप, खैरियत रही कि अंधड़ विपरीत दिशा में ही चलता रहा

नहींतो {फैक्ट्रीमें मौजूद 40 ड्रम से ज्यादा केमिकल पूरा आग पकड़ चुका था, दूर-दूर तक लपटें उठी, अंधड़ की दिशा पेट्रोल पंप की तरफ होती तो बड़ा नुकसान हो सकता था

बारिशबनी मददगार {4दमकलें मौके पर पहुंची, लेकिन इसी बीच हल्की बारिश शुरू हो गई, अंधड़ का वेग भी कम हुआ और करीब आधा घंटे में ही आग पर काबू पा लिया

हाईवे पर ट्रैफिक रोका

पाली-सोजतबाईपास पर प्लास्टिक चूड़ी के पाइप बनाने की फैक्ट्री में बेकाबू हुई आग और सामने ही पेट्रोल पंप के कारण पुलिस ने तत्काल हाईवे पर दोनों तरफ ट्रैफिक रोक दिया। ट्रैफिक को पाली शहर से निकाला गया।

आग की लपटों में घिरी फैक्ट्री, हवा की दिशा के कारण सुरक्षित रहा पेट्रोल पंप।

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