70 करोड़ की एक्साइज ड्यूटी वसूली के दायरे में थे सोजत के मेहंदी व्यवसायी, सरकार ने माफ किया
केंद्रसरकार ने सोजत के मेहंदी व्यवसायियों को बड़ी राहत दी है। गजट नोटिफिकेशन जारी कर वर्ष 2007 से 13 के बीच देय एक्साइज ड्यूटी माफ की है। वर्ष 2013 से हालांकि नेचुरल मेहंदी पर एक्साइज ड्यूटी माफ है लेकिन विभाग ने वर्ष 2012 में सोजत के 10 से ज्यादा व्यवसायियों पर कार्रवाई कर पिछले 6 साल का बकाया निकाल दिया था। विभाग ने इस अवधि की ड्यूटी की गणना करते हुए पैनल्टी ब्याज भी जोड़ दिया था। इस कारण कुछ व्यवसायियों पर यह बकाया 8 से 10 करोड़ तक बाकी निकल रहा था। व्यापारी इसी को लेकर बीते पांच साल से कानूनी लड़ाई भी लड़ रहे थे। इसके बाद सांसद केंद्रीय विधि राज्य मंत्री पीपी चौधरी इस लड़ाई को लेकर वित्त मंत्रालय पहुंचे। वित्त मंत्रालय ने व्यवसायियों के तर्क से सहमति जताते हुए अब इस रिकवरी को माफ करने का गजट नोटिफिकेशन जारी किया है। केंद्रीय विधि राज्य मंत्री पीपी चौधरी के अनुसार वर्ष 2012 में सेंट्रल एक्साइज की टीम ने बड़े स्तर पर सोजत के मेहंदी व्यवसायियों पर कार्रवाई की थी।
व्यवसायीएक्साइज ड्यूटी नहीं वसूल रहे थे और लागू भी नहीं थे इसके बावजूद विभाग ने उन पर 6 साल का बकाया निकाल कर पैनल्टी ब्याज की गणना कर करोड़ों की रिकवरी के नोटिस दिए थे। यह राशि लगभग 70 करोड़ से ज्यादा थी। कुछ व्यापारी तो इसे चुकाने की स्थिति में भी नहीं थे। साथ ही अगर ये व्यापारी इसे चुका भी देते तो यह बाकी पर भी लागू होता और इससे मेहंदी उद्योग को बड़ा नुकसान होता। केंद्र सरकार ने अब इस रिकवरी को माफ करते हुए व्यापारियों को बड़ी राहत दी है।
व्यवसायियोंने जताया केंद्रीय मंत्री का आभार : लगभग70 करोड़ से ज्यादा की एक्साइज ड्यूटी माफ करवाने पर सोजत के मेहंदी व्यवसायियों ने केंद्रीय राज्य मंत्री पीपी चौधरी केंद्र सरकार का आभार जताया है। मेहंदी व्यापार संघ के अध्यक्ष मोहनलाल टाक ने बताया कि इस कारण मेहंदी व्यवसाय पर संकट के बादल मंडरा रहे थे। एक्साइज ड्यूटी माफ होने से सभी व्यवसायियों को राहत मिलेगी। मेहंदी कोण व्यापार संघ के अध्यक्ष राजकुमार टाक ने भी केंद्रीय मंत्री का आभार जताया है। उनका कहना है कि इस कारण बाकी व्यवसायी भी प्रभावित होते। अब सबको राहत मिलेगी। मेहंदी व्यवसायी चुतराराम गहलोत विकास टाक ने भी व्यवसायियों को राहत देने पर केंद्रीय मंत्री सरकार का आभार जताया है।
व्यापारियोंका विरोध- इस अवधि में लागू नहीं था, हमने वसूला भी नहीं तो हम किस आधार पर : सोजतके व्यवसायी सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी विभाग की इस कार्रवाई का शुरू से ही विरोध कर रहे थे। व्यापारियों का कहना था कि उक्त अवधि में यह लागू नहीं थी। इस कारण उन्होंने इसकी वसूली भी नहीं की। अब विभाग ने इतना बकाया निकाल दिया कि ज्यादातर व्यवसायी उसे चुकाने की स्थिति में भी नहीं हैं।
वर्ष2013 से माफ है नेचुरल मेहंदी पर एक्साइज ड्यूटी, अब सिर्फ डाई पर लागू : वर्ष2013 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ के प्रयासों के बाद प्राकृतिक मेहंदी से सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी माफ कर दी थी। अब सिर्फ डाई केमिकल युक्त मेहंदी पर सेंट्रल एक्साइज देय है। यह लगभग 14 फीसदी वसूला जा रहा है।
बकाया10 पर निकाला था लेकिन प्रभावित थे सभी मेहंदी व्यवसायी : विभागने तब 10 व्यवसायियों पर छापे मारकर वसूली के नोटिस दिए थे। एक-एक व्यापारी के खिलाफ ब्याज, पैनल्टी और लगभग 6 साल की रकम मिलाकर 7 से 8 करोड़ तक हो रही थी। इन 10 व्यापारियों के खिलाफ ही लगभग 70 करोड़ से ज्यादा का बकाया निकल रहा था। अगर ये व्यापारी केस हारते और इनको यह राशि चुकानी पड़ती तो बाकी पर भी यह लागू होता और उन्हें भी देर-सवेरे इस अवधि की एक्साइज ड्यूटी चुकानी पड़ती। कई छोटे व्यवसायियों का तो पूरा व्यापार चौपट हो सकता था। इसी कारण सभी मेहंदी व्यवसायी मिलकर इसका विरोध कर रहे थे।
5 साल से व्यवसायी लड़ रहे थे केस, अब पीपी चौधरी ने की केंद्र सरकार में पैरवी
मेहंदीव्यवसायी पिछले पांच साल से इस मुद्दे पर कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे लेकिन उन्हें राहत नहीं मिल रही थी। इसके बाद व्यवसायी पाली सांसद केंद्रीय राज्य मंत्री पीपी चौधरी से मिले। चौधरी ने वित्त मंत्री से मिलकर व्यवसायियों की समस्या से अवगत करवाया। इसके बाद मंत्रालय ने माना कि उक्त अवधि के दौरान एक्साइज ड्यूटी नहीं वसूली जा रही थी। वसूली की ऐसी कोई प्रथा भी नहीं थी। इसी अाधार पर मंत्रालय के राजस्व विभाग ने नोटिफिकेशन जारी कर व्यवसायियों को यह छूट दी है।
{वर्ष 2007 से 1 मार्च 2013 तक उत्पाद शुल्क बकाया बताया था, ब्याज पैनल्टी जोड़कर निकाली थी रिकवरी
{ 2012 में मारे थे सोजत के मेहंदी व्यवसायियों पर छापे, 70 करोड़ से ज्यादा की निकाली थी सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी की वसूली