1 जुलाई से लागू होगा जीएसटी, इन तारीखों को रखें हमेशा याद

1 जुलाई से लागू होगा जीएसटी, इन तारीखों को रखें हमेशा याद

सोजत न्यूज़  एक जुलाई से देश भर में जीएसटी लागू हो जाएगा। इसके बाद 20 लाख से अधिक सालाना कारोबार करने वाले कारोबारी भी जीएसटी के दायरे में आ जाएंगे। इसके चलते लाखों उन छोटे व्‍यापारियों पर इसका असर दिखाई देगा, जो अब तक रिटर्न फाइल नहीं करते थे। जीएसटी के लागू होने के बाद इन कारोबारियों को न केवल रिटर्न भरनी होगी, बल्कि रिटर्न भरने का तरीका भी पूरी तरह बदल जाएगा। जीएसटी के बाद रिटर्न फाइल करने से चूकने पर उस कारोबारी न केवल विश्‍वसनीयता प्रभावित होगी, बल्कि उसके कारोबारी रिश्‍तों पर भी असर पड़ेगा। इसलिए कारोबारियों को यह समझना होगा कि जीएसटी के प्रति उसकी उदासीनता से उसका बिजनेस पर बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में आज हम आपको बताते हैं कि जीएसटी लागू होने के बाद कारोबारियों को किन बातों का विशेष ध्‍यान रखना होगा।
इनडायरेक्‍ट टैक्‍स के एक्‍सपर्ट चार्टर्ड एकाउंटेंट संगीत गुप्‍ता ने कहा कि‍ जीएसटी सेल्‍फ मॉनिटरिंग मैकेनिज्‍म पर काम करेगा और इसका व्‍यापारियों को फायदा ही होगा। इसे इस तरह से नहीं देखा जाना चाहिए कि तीन रिटर्न भरी जाएंगी, बल्कि एक रिटर्न के तीन पेज भरे जाने हैं। उन्‍होंने कहा कि इसमें टैक्‍नोलॉजी का रोल रहेगा और कंम्‍प्‍यूटर अपने आप करोबारियों को रिटर्न की याद दिलाएगा।
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10 तारीख को जाएगी पहली रिटर्न
 माह की 10 तारीख को जीएसटीआर-1 यानी पहली रिटर्न भरनी होगी। फॉर्म जीएसटीआर-1 में आपको हर महीने बेचे गए सामान या दी गई सर्विसेज की विस्‍तृत जानकारी देनी होगी।
11 तारीख को जाएगी दूसरी रिटर्न
हर माह की 11 तारीख को दूसरी रिटर्न जीएसटीआर-2ए भरी जाएगी, जिसमें जीएसटीआर-1 में सप्‍लायर की घोषणा के आधार पर यह फॉर्म तैयार हो जाएगा। 11 से 15 तारीख के बीच इसमें संशोधन किया जा सकता है। अगर इस दौरान जीएसटीआर-2ए में संशोधन नहीं किया तो आपकी इनपुट टैक्‍स क्रेडिट की एलिजिबलिटी पर असर पड़ सकता है। खास बात यह है कि नियमों का पालन करने और समय की बचत करने में टेक्‍नॉलजी आपकी बहुत मदद करेगा।
15 तारीख को तीसरा फॉर्म
फॉर्म जीएसटीआर-2ए में दी गई जानकारी के अतिरिक्‍त कोई दावा करने के लिए 15 तारीख तक जीसीटीआर-2 फॉर्म जमा कर देना होगा। जीएसटीआर-2 में दी गई जानकारी के आधार पर आपको ई-क्रेडिट लेजर में आईटीसी क्रेडिट हो जाएगा और इनवॉयस मैच होने पर पक्‍का हो जाएगा।
16 तारीख को जीएसटीआर-1ए
फॉर्म जीएसटीआर-2 में कारोबारी यदि कोई सुधार करेगा तो उसे अपने सप्‍लायर को फॉर्म जीएसटीआर-1ए के जरिये मुहैया कराया जाएगा। तब सप्‍लायर कारोबारी के संशोधनों को स्‍वीकार या खारिज करेगा।
20 तारीख को जीएसटीआर-3
फार्म जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-2 के आधार पर 20 तारीख को ऑटो पॉप्‍यूलेटेड रिटर्न जीएसटीआर-3 उपलब्‍ध हो जाएगा। जिसे आप पेमेंट के साथ जमा करा सकते हैं।
ऐसे मिलेगा इनपुट टैक्‍स क्रेडिट
जीएसटीआर-3 में मंथली रिटर्न फाइल की सही जारीख के बाद इंटरनल सप्‍लाई और बाहरी सप्‍लाई में मिलान किया जाएगा। तब जीएसटीएमआईएस-1 में इनपुट टैक्‍स क्रेडिट को आखिरी स्‍वीकृति मिलेगी। बिलों के मिलान के वक्‍त इनका सहारा लेना होगा, जैसे – सप्‍लायर का जीएसटीआईएल, रिसीपिअंट का जीएसटीआईएन, इनवॉयस या डेबिट नोट डेट, टैक्‍सेबल वैल्‍यू, टैक्‍स अमाउंट। इसी मिलान के आधार पर इनपुट टैक्‍स क्रेडिट के क्‍लेम पर विचार किया जाएगा।

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