पंचायत सहायक भर्ती में गड़बड़ी की जिनके खिलाफ शिकायत, डीईओ उन्हीं अधिकारियों से करवा रहे जांच

पंचायत सहायक भर्ती में गड़बड़ी की जिनके खिलाफ शिकायत, डीईओ उन्हीं अधिकारियों से करवा रहे जांच

पंचायतसहायक भर्ती में हुई अनियमितताओं के बाद परिवेदनाओं के निस्तारण की प्रक्रिया भी अब सवालों के घेरे में है। बड़े पैमाने पर बरती गई अनियमितताओं को लेकर मिली परिवेदनाओं का निस्तारण कलेक्टर की अध्यक्षता में बनी कमेटी को करना था, लेकिन डीईओ प्रारंभिक की और से जिन ग्राम पंचायतों से परिवेदनाएं आई उनके पीईईओ संबंधित बीईईओ को बुलाकर स्पष्टीकरण मांगकर इतिश्री कर रहे हैं। पंचायत सहायक भर्ती में योग्यता को दरकिनार कर चहेतों के साथ ही अपने रिश्तेदारों प्रभावशाली युवकों को पद बांट दिए गए थे।

जानकारी के अनुसार पूरे जिले में अनियमितताओं को लेकर बड़े पैमाने पर मिली शिकायतों को लेकर उप सचिव ने कलेक्टर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर परिवेदनाओं का निस्तारण करने के आदेश जारी किए थे। इस कमेटी में कलेक्टर को अध्यक्ष, जिला परिषद सीईओ सदस्य और प्रारंभिक शिक्षा जिला शिक्षा अधिकारी काे सदस्य सचिव नियुक्त किया है। अब तर्क दिया जा रहा है कि इसकी रिपोर्ट बनाकर उच्च अधिकारियों को भेज देंगे। इसको लेकर बुधवार गुरुवार को बालिया स्कूल में कैंप भी लगाया गया। चौंकाने वाली बात तो यह कि इनमें सभी पीईईओ को बुला दिया। साथ ही संबंधित बीईईओ को भी इसमें शामिल कर दिया दिया।

^ सभी पीईईओ से परिवेदना को लेकर को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया है। इसकी रिपोर्ट बनाकर उच्च अधिकारियों को भेज देंगे। इसके बाद जो भी निर्णय होगा उसके अनुसार ही कार्रवाई करेंगे। गोरधनलालसुथार, डीईओ प्रारंभिक

रिश्तेदारों प्रभावशाली युवकों को बांटे थे पद

{हरपंचायत में भर्ती की कतार में थे कई बेरोजगार, चयन का सिर्फ एक ही मापदंड- रिश्तेदार किसका और कितना प्रभावशाली

{हर पंचायत में थे तीन पद, जिले में 321 में से 292 पंचायतों में हुई सहायक की भर्ती प्रक्रिया, ज्यादातर में सरपंच, पीईईओ या गांव के अन्य प्रभावशाली लोगों के बीच हो गया बंटवारा।

आदेश था-विद्यार्थी मित्रों को प्राथमिकता देने का, 1426 में 493 का ही चयन

इसभर्ती के लिए शिक्षा अधिकारियों को मौखिक निर्देश थे कि वे विद्यार्थी मित्रों को प्राथमिकता दें। वर्षों से चल रहा उनका आंदोलन खत्म हो। इसीलिए भर्ती प्रक्रिया का प्रभारी संबंधित पंचायत के सीनियर सैकंडरी स्कूल के प्रिंसिपल को पीईईओ का पद देकर बनाया। इसके बावजूद जिले में 1033 विद्यार्थी मित्र वंचित रह गए।

जिन्होंने परिवेदना दी, उनको बुला तक नहीं रहे

चौंकानेवाली बात यह कि जिन 223 ग्राम पंचायतों से कुल 453 परिवेदनाएं आई। उन अभ्यर्थियों को बुलाया तक नहीं। यानी सिर्फ खानापूर्ति करने के लिए परिवेदनाएं ले ली। इसमें तो कोई नियम बनाएं गए और ही किसी प्रक्रिया को अपनाया गया। ऐसे में जो योग्य अभ्यर्थी थे उनको अब भी बेरोजगार ही रहना पड़ रहा है।

किस ब्लॉक में कितनी परिवेदनाएं आई

रोहट- 27, पाली 26, सोजत 62, रायपुर 38, जैतारण 51, मारवाड़ जंक्शन 34, रानी 45, देसूरी 41, बाली 82 सुमेरपुर 47 परिवेदनाएं अाई।

जिनसेभर्ती कराई वो ही निस्तारण कर रहे हैं

राज्यभर में पंचायत सहायक भर्ती से ठीक पहले सभी ग्राम पंचायतों पर पीईईओ की नियुक्ति कर इस भर्ती को निष्पक्ष कराने के आदेश दिए थे। आरोप है कि ज्यादातर ग्राम पंचायतों में मनमर्जी के नियम बनाकर चहेतों को पंचायत सहायक लगा दिया। जब भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठे तो उपशासन सचिव ने कलेक्टर की अध्यक्षता परिवेदनाओं के निस्तारण के लिए कमेटी का गठन किया। अब कमेटी तो दूर की बात जिन पीईईओ ने भर्ती की। उसने ही परिवेदनाओं का निस्तारण करा रहे हैं।

फैक्ट फाइल

{परिवेदनाएंआई – 453

{ कितनी ग्राम पंचायतों से – 223

{ जिले में कुल ग्राम पंचायतें – 321

{ कितनी ग्राम पंचायतों में चयन नहीं – 29

{ कितनी ग्राम पंचायतों से एक भी परिवेदनाएं नहीं आई – 8

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