जैतारण अस्पताल में टेलीमेडिसिन से मरीजों का इलाज करवा रहे नर्सिंगकर्मी

जैतारण अस्पताल में टेलीमेडिसिन से मरीजों का इलाज करवा रहे नर्सिंगकर्मी

अस्पतालों में आपातकाल-ऑपरेशन थियेटर और सोनोग्राफी केंद्रों सहित शहरी पीएचसी पर भी ताले

सोजत उप जिला अस्पताल में व्यवस्थाएं बेपटरी
अखिलराजस्थान सेवारत संघ से जुड़े जिले के 241 डॉक्टर के इस्तीफे के बाद मंगलवार को दूसरे दिन भी ड्यूटी पर नहीं लौटने से अस्पतालों में हालात सामान्य नहीं हो पाए। हालात यह है कि ऑपरेशन थियेटर और सोनोग्राफी सेंटर समेत शहरी पीएचसी पर ताले लगे हैं। सेवारत संघ से जुड़े सभी चिकित्सकों ने अपनी मांगें पूरी नहीं होने पर राज्य सरकार को सामूहिक इस्तीफा देकर सोमवार से भूमिगत हो गए थे। इसके बाद से बांगड़ अस्पताल और सोजत उपजिला अस्पताल समेत सीएचसी पीएचसी पर चिकित्सा व्यवस्था बिगड़ गई थी। बांगड़ में जहां दो दिनों से पीएमओ समेत मेडिकल कॉलेज के 16 विशेषज्ञ सेवाएं दे रहे हैं, वहीं सोजत उपजिला अस्पताल में दो सेवानिवृत्त और दो आयुष चिकित्सकों को लगाया गया, यहां भी पीएमओ मरीजों को देख रही है। इसके अलावा दूसरे दिन भी ऑपरेशन और सोनोग्राफी सेंटर समेत शहरी पीएचसी पर ताले लगे रहे। इधर, हड़ताल के चलते दूसरे दिन बांगड़ अस्पताल में 950 के करीब मरीज ही इलाज के लिए पहुंचे।

आईएमए ने समर्थन में सौंपा ज्ञापन

प्रदेशसमेत जिले में सेवारत चिकित्सकों के समर्थन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डॉक्टर भी गए हैं। इसको लेकर मंगलवार को आईएमए अध्यक्ष डॉ. एमएस लोढ़ा महासचिव डॉ. प्रवीण गर्ग के नेतृत्व में आईएमए समेत मेडिकल टीचर एसोसिएशन की ओर से कलेक्टर को चिकित्सा मंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि सेवारत चिकित्सकों की ओर से जो मांगें उठाई जा रही है उन्हें समय रहते पूरा किया जाए। इस अवसर पर डॉ. एमएस राजपुरोहित, डॉ. एनके बाहेती, डॉ. रमेश टिलवानी, डॉ. रोशनलाल जैन, डॉ. राजेंद्र सिंघवी, डॉ. विपुल नागर, डॉ. एसी जैन और डॉ. एमएल सोनी भी मौजूद थे।

पाली. बांगड़ अस्पताल में बंद पड़ा सोनोग्राफी सेंटर।

^अस्पताल में टेलीमेडिसीन के जरिए जयपुर में बैठे विशेषज्ञों से परामर्श लिया जा रहा है। गंभीर मरीजों को यह विशेषज्ञ देख वहीं से दवाइयां भी लिख रहे हैं। -प्रकाश सोलंकी, मेलनर्सद्वितीय, सीएचसी, जैतारण

दो दिन में चार गंभीर मरीजों को जयपुर से विशेषज्ञों ने दिया परामर्श

इनदो दिनों पर सेंटर पर करीब चार गंभीर मरीज सीएचसी पर पहुंचे थे। इनमें से तुलसी देवी को टेलीमेडिसन सेंटर पर जयपुर से गेस्ट्रोलॉजिस्ट डॉ. मुनीष के. कंकर से परामर्श दिलाया, वहीं सारा पुत्री सिकंदर खान, मदनसिंह और रजत कुमार को डॉ. जीएन सक्सेना से परामर्श दिला मरीजों का इलाज किया गया।

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