जिले में बजरी की कालाबाजारी शुरू, रोक के बावजूद अवैध खनन, दुगुनी हुए ट्रॉली के दाम

जिले में बजरी की कालाबाजारी शुरू, रोक के बावजूद अवैध खनन, दुगुनी हुए ट्रॉली के दाम

इधर, अवैध खनन के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई, 5 ट्रैक्टर जब्त

बजरीखनन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद खनन क्षेत्रों में ठेकेदारों ने काम बंद तो कर दिया, लेकिन बाजार में बजरी की कालाबाजारी शुरू हो गई। चोरी छिपे नदी-नालों से खनन कर बजरी अब दुगुने दामों में बेची जा रही हैं। बजरी से भरा ट्रैक्टर जहां पहले 900 रुपए में मिल रहा था, वह अब एकाएक 1800 रुपए में मिलने लगा है। एक दिन में ही दाम इतने अधिक बढ़ने से लोगों को खासी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने बिना पर्यावरण स्वीकृति लिए बजरी के खनन पर रोक लगा दी है। जैतारण में पहले से ही बजरी खनन पर रोक है। पर्यावरण विभाग ने अभी तक राजस्थान के अन्य जिलों की तरह पाली में भी पर्यावरण स्वीकृति जारी नहीं की। इससे यहां भी खनन रोकना पड़ा। लेकिन, इन जगहों से अब लोग चोरी छिपे खनन कर बजरी को ऊंचे दामों में बेच रहे हैं। प्रशासन ने अभी तक इस कालाबाजारी को रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की है।

अधिकमूल्य अवैध स्टॉक पर कार्रवाई नहीं : बजरीखनन पर रोक लगने के बाद भी प्रशासन ने कोई तैयारी नहीं रखी। इसका सीधा सा नुकसान आम आदमी को भुगतना पड़ रहा है। प्रशासन ने तो बजरी के अधिक मूल्य पर बेचान पर कोई कार्रवाई नहीं करवाई और ही अवैध स्टॉक पर कार्रवाई हो पाई।

इसके चलते लोग एक ओर जहां धड़ल्ले से अवैध स्टॉक करते गए। वहीं दूसरी ओर मनमानी दर पर बजरी लोगों को उपलब्ध हो पाई।

अवैध खनन को लेकर कई बार प्रशासन को चेताया

आसरलाईसहित अन्य गांवों में हो रहे बजरी पत्थरों के अवैध खनन को लेकर दैनिक भास्कर द्वारा लगातार सिलसिलेवार खबरों का प्रकाशन कर प्रशासन का ध्यान आकर्षित करवाया गया। शनिवार को जैतारण पुलिस द्वारा इनके खिलाफ कार्रवाई की गई।

जैतारण. निमाज चौकी में खड़े अवैध बजरी का परिवहन करते पकड़े गए ट्रैक्टर।

^अवैध खनन माफिया के खिलाफ शनिवार रात्रि में अभियान चलाकर कार्रवाई की गई। जिसमें आसरलाई गांव के पास नदी में 5 ट्रैक्टर ट्राॅली को जब्त कर कार्रवाई कर खनिज विभाग को सूचना दी।-छगनलाल डांगी,उपनिरीक्षक, पुलिस थाना, जैतारण

3. अवैधखनन और कालाबाजारी

पहलेसे ही कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे खनिज विभाग के सामने अब बजरी के अवैध खनन को रोकने का एक और बड़ा काम गया है। ऐसे में विभाग के लिए यह काम भी चुनौती भरा रहेगा। जगह-जगह अब बजरी के अवैध खनन होंगे।

2. सरकारको होगा राजस्व का नुकसान

बजरीखनन से सरकार को लाखों रुपए की रायल्टी हर साल मिलती है, लेकिन अब खनन बंद करने के बाद सरकार को हर साल लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान होगा।

1. घरबनाना होगा महंगा

बजरीखनन पर रोक लगते ही एकाएक बजरी की कालाबाजारी शुरू हो गई। इसके चलते लोगों का घर बनाना महंगा हो जाएगा। यदि कोई एक हजार स्क्वायर फीट पर मकान का निर्माण करवाता है तो उसके 35 ट्रॉली बजरी लगती है। रविवार तक जहां एक हजार स्क्वायर फीट मकान निर्माण में 70 हजार की बजरी के दाम रहे। वहीं अब बढ़कर 35 ट्रॉली बजरी के दाम 1 लाख 40 हजार रुपए हो गए। यानी घर बनाने में बजरी के दुगुने रुपए लगेंगे।

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