घोड़ों पर सजकर निकली 49 दूल्हों की बंदोली, कल लेंगे सामूहिक फेरे
सजे-धजेघोड़े लयबद्ध तरीके से बजते नौपत गूंजती शहनाई, डीजे और बैंड-बाजों की स्वर लहरियों के बीच नाचते बाराती और घराती, राजस्थानी लोक संस्कृति को साकार करती खूंटाणी से आई गेर विवाह के गूंजते मांगलिक गीत। माैका था रविवार को माली जाति शिक्षा एवं विकास समिति सोजत के तत्वावधान में आयोजित सातवें सामूहिक विवाह के तहत परिणय सूत्र में बंधने वाले 49 नवयुगलों की निकाली गई बिंदोली का। आयोजन के दौरान माली समाज के चौधरियों द्वारा समूचे रास्ते आम नागरिकों पर गुलाब के फुलों की बारिश की तो लोगों ने भी बिंदोली में हर जगह वापस पुष्पवर्षा की। बिंदोली को देखने के लिए पूरे बाजार के दोनों तरफ नागरिकों की भीड़ लगी हुई थी। विधायक संजना आगरी भी बिंदोली के स्वागत के लिए मुख्य बाजार में पहुंची, जहां पर पालिकाध्यक्ष मांगीलाल चौहान, मंडल अध्यक्ष श्यामलाल गहलोत, भाजपा नेता सुरेश सुराणा, श्यामसुंदर माहेश्वरी, अनिल शर्मा सोजत रोड ने परिणय सूत्र में बंधने वाले जोड़ों पर पुष्पवर्षा की।
बालविवाह अभिशाप को दर्शाती झांकी रही आकर्षण का केंद्र : बंदोलीमें बाल विवाह अभिशाप को दर्शाती झांकी आकर्षण का केंद्र रही। इस मौके पर भामाशाह नारायणलाल-केलीदेवी गहलोत,मेहंदी उद्यमी चुतराराम गहलोत, उनकी प|ी विमलादेवी को हाथी पर रथ में बैठे इन्हीं परिवार के जेठाराम, नरपतलाल, सुखदेव, हंसराज गहलोत के साथ समाजअध्यक्ष ताराचंद टांक बैठे चल रहे थे। जुलूस में सबसे आगे खुली जीप में गुरु लिखमीदास महाराज की तस्वीर रही।
यहथे मौजूद : इसअवसर पर माली समाज के चौधरी रामचंद्र खेजड़ा, केवलचंद टांक, ताराचंद टांक, टीकमराम चौहान, समाजसेवी अजयसिंह कच्छवाह, लक्ष्मणराम गहलोत, मदन छोटेवाला, पूर्व पालिका अध्यक्ष आनंद भाटी, धर्मवीर गहलोत, प्रकाश तंवर, मोहनलाल परिहार, मोहनलाल रांझा सहित बड़ी संख्या में समाजबंधु उपस्थित थे।
सामूहिक विवाह कल, बंद रहेगी समाज की दुकानें
आयोजनका मुख्य समारोह सामूहिक विवाह मंगलवार को नीलकंठ महादेव मंदिर परिसर में आयेाजित किया जाएगा। जिसके तहत सुबह करीब 9 बजे गाजाें-बाजों के साथ बारातें आएगी। इसके बाद सामूहिक वरमाला पाणिग्रहण संस्कार संपन्न होगा। सामूहिक विवाह को लेकर मंगलवार को माली समाज के सभी प्रतिष्ठान बंद रहेंगे।
सोजत.माली समाज की निकाली गई बंदोली में गेर नृत्य प्रस्तुत करते गेरिए।
सोजत. बिंदोली में उमड़ा जन सैलाब।