इस मंदिर की स्थापना सोजत के बसने से पूर्व हुआ हे सोजत के सभी दरवाजो के बाहर भेरूजी मंदिर की स्थापना उसी कर्म में संवत 1111 में जतीमहात्मा द्वरा स्थापित किया गया |
इसी मंदिर प्रांगण में इनके देवलोक होने पर इनकी समाधि दी जाती थी जो आज भी वह स्थित हे एवं एस मंदिर को बहुत ही पुराणी व् ऐतिहासिक गादी भी कहा जाता हे साथ ही ये भी मानना हे की यही से भेरूजी की ज्योत सारंगवास खेतलाजी मंदिर गयी थी |
साथ ही यह एक नाग नागिन का जोड़ा आज भी दर्शनीय हैं |
यहा पुर्जारी कई पीढियों से सेवक ब्राह्मण पुर्जा करते है आज वर्तमान समय में पुजारी आनन्द कश्यप गणेशमल शंकरलाल के वंशज से पूजते हैं |